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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि शुरू: राशि अनुसार करें मां दुर्गा की विशेष पूजा, राशि के अनुसार जानिए कौन-सी देवी देंगी मनोकामना पूर्ति का वरदान

26 जून से शुरू हुआ गुप्त साधना काल, सर्वार्थ सिद्धि योग में मिल सकता है विशेष लाभ

26 जून से शुरू हुए आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में भक्तों ने कलश स्थापना के साथ विशेष साधना काल की शुरुआत की। इस अवसर पर विभिन्न राशियों के अनुसार मां दुर्गा की पूजा एवं मंत्रों के माध्यम से साधकों को विशेष फल मिलने की संभावना बताई गई है।

गुरुवार 26 जून को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर कलश स्थापना का मुहूर्त सुबह 5:25 से 6:58 और दोपहर 11:56 से 12:52 तक रहा। खास बात यह रही कि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना, जो 27 जून की सुबह 5:25 तक प्रभावी रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह योग साधना और शुभ कार्यों के लिए अत्यंत प्रभावशाली होता है।

गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की विशेष उपासना के माध्यम से साधक मनचाही सिद्धियां प्राप्त करने की कामना करते हैं। राशियों के अनुसार अलग-अलग देवियों की आराधना और मंत्र जप से लाभ की संभावना को बढ़ाया जा सकता है।

राशि अनुसार पूजा विधि एवं मंत्र:

  • मेष: मां स्कंदमाता को लाल फूल अर्पित करें, मंत्र— ॐ ह्रीं उमा देव्यै नमः

  • वृषभ: देवी महागौरी को सफेद फूल चढ़ाएं, मंत्र— ॐ कारक्यै नमः

  • मिथुन: मां ब्रह्मचारिणी को पीले फूल अर्पित करें, मंत्र— ॐ दुं दुर्गायै नमः

  • कर्क: मां शैलपुत्री को गुलाबी-सफेद पुष्प चढ़ाएं, मंत्र— ॐ ललिता देव्यै नमः

  • सिंह: मां कूष्मांडा को नारंगी-लाल पुष्प अर्पित करें, मंत्र— ॐ त्रिपुरांतकायै नमः

  • कन्या: मां ब्रह्मचारिणी को पीले फूल अर्पित करें, मंत्र— ॐ शूल धारिणी देव्यै नमः

  • तुला: मां महागौरी को सफेद पुष्प चढ़ाएं, मंत्र— ॐ ह्रीं महालक्ष्म्यै नमः

  • वृश्चिक: मां स्कंदमाता को लाल फूल अर्पित करें, मंत्र— ॐ क्लीं कामाख्यै नमः

  • धनु: मां चंद्रघंटा को पीले फूल चढ़ाएं, मंत्र— ॐ गजाननाय नमः

  • मकर: मां कालरात्रि को लाल फूल अर्पित करें, मंत्र— ॐ सिंहमुख्यै नमः

  • कुंभ: मां कालरात्रि को नीले/लाल पुष्प अर्पित करें, मंत्र— ॐ पां पार्वती देव्यै नमः

  • मीन: मां चंद्रघंटा को पीले पुष्प चढ़ाएं, मंत्र— ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं दुर्गा देव्यै नमः

इस दौरान दुर्गा सप्तशती, देवी कवच, दुर्गा चालीसा और अन्य स्त्रोतों का पाठ कर साधक अपनी साधना को और अधिक प्रभावशाली बना सकते हैं।


एक नज़र  

  1. शुभ शुरुआत: 26 जून को सुबह 5:25 बजे से प्रारंभ हुई आषाढ़ गुप्त नवरात्रि।

  2. कलश स्थापना मुहूर्त: सुबह 5:25 से 6:58 व दोपहर 11:56 से 12:52 तक शुभ काल।

  3. विशेष योग: सर्वार्थ सिद्धि योग बना, जो अगले दिन सुबह 5:25 बजे तक रहेगा प्रभावी।

  4. राशि आधारित पूजा: अलग-अलग राशियों के अनुसार देवियों की विशेष आराधना विधि बताई गई।

  5. सिद्धि का अवसर: मंत्र जप, देवी स्तोत्र और पाठ से मिल सकती है साधना में सफलता।


डिस्क्लेमर: यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं, पंचांग और ज्योतिषीय स्रोतों पर आधारित है। इसकी पुष्टि के लिए व्यक्तिगत विवेक और सलाह आवश्यक है।

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