अंजड़ के युवाओं ने छोटा बड़दा में मृत बेसहारा निःसंतान बुजुर्ग का मुक्तिधाम में कराया अंतिम संस्कार

बड़वानी जिले के ग्राम छोटा बडदा से मानवीयता का नायाब उदाहरण सामने आया है। अंजड़ के युवाओं ने एक बेसहारा और निःसंतान बुजुर्ग का सामाजिक रिती रिवाज से अंतिम संस्कार कराया है। युवाओं के इस सराहनीय काम के प्रकाश में आने के बाद हर कोई प्रशंसा कर रहा है।
जानकारी अनुसार, बड़वानी जिले के अंजड थाने के अंतर्गत ग्राम छोटा बड़दा के एक खेत में लुण्या बाबा नामक बुजुर्ग व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। वह लगभग 80 वर्ष के थे।

मृत बुजुर्ग व्यक्ति चूंकि वृद्ध और निःसंतान थे, और छोटी मोटी मजदुरी कर जीवन व्यतीत करते थे, इसलिए ग्राम के किसी भी अन्य व्यक्ति द्वारा उनका अंतिम संस्कार नहीं किया गया। जिसके उपरांत खेत मालिक घनश्याम पाटीदार ने अंजड के विधिक सेवा प्राधिकरण पेरालिगल वालेंटियर एवं समाजसेवी सतीश परिहार को इस पुरे घटनाक्रम से अवगत कराया गया। चुंकि नर्मदा किनारे बेक वाटर का पानी जमा होने से उचित स्थान नहीं मिलने पर ट्रैक्टर ट्राली की व्यवस्था कर
वृद्ध के शव को अंतिम संस्कार के लिए अंजड के मुक्तिधाम लाया गया। वहां पर पूरे विधि-विधान से शव का दाह संस्कार संपन्न किया गया। इस दौरान सतीश परिहार उनके सहयोगी राजू प्रजापत, घनश्याम पाटीदार व गांव से पहुंचे अन्य लोगों की उपस्थिति में मृतक का विधि-विधान से अंतिम संस्कार करवाया गया है।

पेरालिगल वालेंटियर सतीश परिहार ने बताया कि वे अपनी टीम के युवाओं के साथ मिलकर अभी तक 3 देहदान, 20 नेत्रदान सहित 29 अज्ञात लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करवा चुके हैं। इसके अलावा अनगिनत मानसिक विक्षिप्तों को न्यायालय के माध्यम से मानसिक अस्पताल व अपने घर से भटक कर आए लोगों को उनके परिजनों से भी मिलवा चुके हैं।



