क्वांटम ब्रेन परेड” में आंखों पर पट्टी बांधकर बनाया विश्व रिकॉर्ड
मॉडर्न इंटरनेशनल स्कूल के 235 छात्रों ने रचा इतिहास

मॉडर्न इंटरनेशनल स्कूल के 235 छात्रों ने रचा इतिहास*
“क्वांटम ब्रेन परेड” में आंखों पर पट्टी बांधकर बनाया विश्व रिकॉर्ड
• आंखों पर पट्टी बांधकर की राइफल शूटिंग, खेला क्रिकेट और पढ़ी किताबें
• वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने किया सम्मानित
*इंदौर ।* – आज इंदौर के मॉडर्न इंटरनेशनल स्कूल में शिक्षा और मानव क्षमता के क्षेत्र में एक नया इतिहास लिखा गया। स्कूल प्रांगण में आयोजित भव्य “क्वांटम ब्रेन परेड” के दौरान 235 छात्रों ने आंखों पर काली पट्टी बांधकर (Blindfolded) तीन घंटे तक लगातार विभिन्न जटिल गतिविधियाँ कीं और वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया।

इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का उद्घाटन वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के श्री संजय शुक्ला ने किया। कार्यक्रम में मौजूद लगभग 300 अभिभावक और अतिथियों ने छात्रों ने अपनी आंखों को पूरी तरह ढककर राइफल शूटिंग, स्केटिंग, साइकिलिंग, क्रिकेट, बास्केटबॉल, चेस (शतरंज) और कैरम जैसे खेल पूरे आत्मविश्वास के साथ खेले। इसके अलावा, छात्रों ने पट्टी बांधकर किताबें पढ़ीं, करेंसी नोट पहचाने और रंगों को एकदम सही पहचान कर अपनी विकसित ‘छठी इंद्रिय’ का प्रमाण दिया।
तीन घंटे तक चले इस प्रदर्शन के सफल समापन पर, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अधिकारियों ने इस उपलब्धि की पुष्टि की। मौके पर ही मॉडर्न इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों को प्रोविजनल सर्टिफिकेट और मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया। यह रिकॉर्ड स्कूल के मिडब्रेन एक्टिवेशन प्रोग्राम की सफलता का प्रत्यक्ष प्रमाण है, जिसे प्रेसीडेंट श्री अरुण खारिया एवं चेयरपर्सन डॉ. अनिल खारिया द्वारा शुरू किया गया था।
रिकॉर्ड बनने के बाद मॉडर्न ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स के वाइस चेयरमैन, डॉ. शांतनु खारिया ने कहा, “आज हमारे छात्रों ने साबित कर दिया है कि यदि सही वैज्ञानिक प्रशिक्षण मिले, तो मानव मस्तिष्क की क्षमताएं असीमित हैं। यह उपलब्धि अत्यधिक स्क्रीन टाइम और एआई के दबाव के बीच एक उम्मीद की किरण है। हम केवल किताबी कीड़ा नहीं, बल्कि सच्ची बुद्धिमत्ता वाले वैश्विक नागरिक तैयार कर रहे हैं।”
मॉडर्न ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन एडमिन सुश्री शुभांगी खारिया ने कहा, “आज हमने जो देखा वह जादू नहीं, बल्कि अवचेतन मन की शक्ति है। 235 छात्रों का एक साथ, एक लय में, बिना देखे अपने वातावरण को पहचानना यह दर्शाता है कि उनका अंतर्ज्ञान (Intuition) किस उच्च स्तर पर जागृत हो चुका है।”
स्कूल की प्रिंसिपल सुश्री जूली चाको ने कहा, “एक शिक्षक के रूप में आज मेरा सर गर्व से ऊंचा है। ये बच्चे, जो कल तक परीक्षा और सोशल मीडिया के दबाव से जूझ रहे थे, आज आत्मविश्वास की मिसाल बन गए हैं। उनकी एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता ने आज दुनिया को चौंका दिया है।”
मिडब्रेन एक्टिवेशन प्रोग्राम स्कूल में कक्षा 3 से 9 तक के सभी छात्रों के लिए अनिवार्य और निःशुल्क है, जिसका उद्देश्य छात्रों में एकाग्रता, स्मरण शक्ति और भावनात्मक संतुलन को बढ़ाना है।



