जिले की नर्सरींयों को हाईटेक करने की दिशा में कदम बढ़ाए वन विभाग तकनीक व उन्नत किस्म के साथ व्यापारिक दृष्टि से लाभकारी पौधों को तैयार करे -अंबाडे
नगर वन स्थानीय स्व सहायता समूह के माध्यम से कैंटीन खोली जाए। स्थानीय गर्मीणों के साथ मिलकर करे अच्छा करे साथ ही खरमोर दिवस भी मनाया जाए।

आशीष यादव धार
धार जिले के दौरे पर पहुंचे प्रधान मुख्य वन संरक्षण एवं वन बल प्रमुख मप्र भोपाल वीएन अंबाडे धार जिले के दौरे पर पहुंचे जिन्होंने सबसे पहले जिला मुख्यालय पर नर्सरी में अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात की। इसके बाद वे नर्सरी में सीसीए डीएफओ और वनकर्मियों के साथ बैठककर जिले की वन कार्यप्रणाली पर चर्चा की। बैठक में जिले के वन क्षेत्रों में चल रहे कार्यों, पौधरोपण की स्थिति और भविष्य की योजनाओं की जानकारी ली गई। निरीक्षण के दौरान उन्होंने नर्सरी की व्यवस्थाएं देखीं और पर्यटन नगरी मांडू की प्रसिद्ध खुरसानी इमली का पौधा भी लगाया। उन्होंने नर्सरी में अलग-अलग प्रजातियों के पौधे तैयार करने और नर्सरियों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के निर्देश दिए, ताकि वर्षभर पौध तैयार करने का काम लगातार चलता रहे। उन्होंने कहा कि नर्सरी को हाईटेक बनाते हुए ग्राफ्टिंग, टिशू कल्चर और मिस्ट चैंबर जैसी तकनीकों से उन्नत और उपयोगी पौधे तैयार किए जाएं। सीताफल, अमरुद, चीकू, महुआ, जंगल जलेबी, मुनगा, इमली, आम, कटहल और चिरौंजी जैसे पौधों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए। वन क्षेत्रों में वानिकी प्रजातियों का ही रोपण करने और अन्य क्षेत्रों में ग्रामीणों की जरूरत व पसंद के अनुसार पौधे लगाने की बात कही गई। उन्होंने सागौन के साथ चंदन, महुआ, अंजन और चिरौंजी जैसे पौधों के रोपण पर जोर दिया। साथ ही बेहतर गुणवत्ता के दो साल पुराने पौधों के उपयोग, सही तकनीक से रोपण और कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए। वनों में पानी की कमी से वन्य प्राणी और मानव के बीच बढ़ते टकराव को देखते हुए जल स्रोतों के विकास और ग्रामीण युवाओं को आजीविका व कौशल विकास से जोड़ने पर भी विशेष जोर दिया गया।

नवाचार के तैयार करे नर्सरी:
प्रधान मुख्य वन संरक्षण एवं वन बल प्रमुख मप्र भोपाल वीएन अंबाडे के धार दौरे के दौरान नर्सरी और वन क्षेत्रों को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि नर्सरियों को आधुनिक बनाना समय की जरूरत है, ताकि सालभर अच्छी गुणवत्ता के पौधे तैयार हो सकें। इसके लिए नई तकनीक का उपयोग कर उन्नत किस्म के फलदार और वानिकी पौधे तैयार किए जाएं। वन क्षेत्रों में केवल उपयुक्त वानिकी प्रजातियों का ही रोपण हो, जबकि गांवों और अन्य स्थानों पर लोगों की जरूरत के अनुसार पौधे लगाए जाएं। उन्होंने ये भी कहा कि सागौन के साथ-साथ चंदन, महुआ, चिरौंजी और अन्य उपयोगी पौधों पर ध्यान दिया जाए।

वन बल प्रमुख द्वारा जिले में वन विभाग को खरमोर को लेकर आयोजन करके खरमोर दिवस मनाया जाए और स्थानीय ग्रामीणों के साथ बैठकों माध्यम से क्या अच्छा किया जा सके अब खरमोर अभ्यारण में स्थानीय लोगों की बैठक की गई वहीं लोगों की मदद से पशुओं खरमोर क्षेत्र में जाने से रोके वहीं अब सरकार द्वारा खरमोर अभ्यारण में जो खेती उसे अलग किया वहीं ग्रामीण युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए भी विभाग सहयोग करेगा। बैठक के माध्यम से चर्चा की इस मौक़े पर सीसीएफ इंदौर , डीएफओ विजयानंतम टी आर, एसडीओ संतोष कुमार रणशोरे,रेंजर शैलेन्द्र सोलंकी, होशियार सिंह कन्नौज अन्य कर्मचारी मौजूद थे।



