
इंदौर, । भगवान शिव की आराधना कभी निष्फल नहीं हो सकती। शिव सभी देवताओँ में सबसे सहज और सरल देवता हैं, जो केवल जलाभिषेक से ही प्रसन्न हो जाते हैं। शिव साकार रूप में भी पूजे जाते हैं और निराकार रूप में भी। भगवान शिव करूणा के अवतार हैं, इसलिए शिव की साधना करने वाले भक्त को हमेशा हर तरह के सुख प्राप्त हो सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के बड़ौदा से आए संत रामप्रसाद महाराज ने आज केट रोड स्थित एमराल्ड परिसर में चल रहे शिव महापुराण महायज्ञ में उक्त दिव्य विचार व्यक्त किए। कथा शुभारंभ के पूर्व श्रीमती वनीता –प्रवीण हरगांवकर, हर्षला-वियन हरगांवकर एवं डॉ. पायल हरगांवकर आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया।
संत रामप्रसाद महाराज ने कहा कि शिव पुराण की कथा श्रवण करने वाले भक्त को सात समृद्धियां प्राप्त हो सकती है। इनमें धन, ज्ञान, संगति, स्वास्थ्य, परिवार, एकता, शुभ विचार जैसे विचारों की समृद्धि शामिल है। भगवान शिव सर्व सुख दाता हैं, जो परिवार में एकता का संदेश भी देते हैं। आज हमारे परिवारों में विभिन्नता देखने को मिलती है, लेकिन भगवान शिव का संदेश यही है कि अनेकता में भी एकता स्थापित रखें। परिवार समृद्ध होंगे तो समाज और समाज समृद्ध होगा तो राष्ट्र भी समृद्ध बन सकेगा।