देश के 20 राज्यों से पहुंचे पूज्यपाद जगतगुरु श्री श्री 1008 आचार्य वसंत विजयानंद गिरिजी महाराज के अनुयायी
- अति विशाल नवरात्रि महामहोत्सव' 22 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक वीआईपी परस्पर नगर में होगा

देश के 20 राज्यों से पहुंचे पूज्यपाद जगतगुरु श्री श्री 1008 आचार्य वसंत विजयानंद गिरिजी महाराज के अनुयायी
– हजारों अनुयायी व्यवस्था से लेकर भोजशाला में देंगे सेवा
– अति विशाल नवरात्रि महामहोत्सव’ 22 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक वीआईपी परस्पर नगर में होगा पूज्यपाद जगतगुरु श्री श्री 1008 आचार्य वसंत विजयानंद गिरिजी महाराज के सानिध्य में आयोजन
इंदौर, । इंदौर में इस साल होने जा रहे ‘अति विशाल नवरात्रि महामहोत्सव’ में शामिल होने के लिए देश-विदेश के हजारों अनुयायी इंदौर में पहुंच चुके हैं। यह अनुयायी बाहर पार्किंग से लेकर अंदर भोजनशाला तक में व्यवस्थाओं में सेवा देंगे। कई अनुयायी महीनों से यहीं रहकर इस महामहोत्सव की होने वाली तैयारी में अपनी सेवा दे रहे हैं।

ये भव्य और अद्वितीय धार्मिक आयोजन 22 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक वीआईपी परस्पर नगर में कृष्णगिरी पीठाधीश्वर, पूज्यपाद जगतगुरु श्री श्री 1008 आचार्य वसंत विजयानंद गिरिजी महाराज के सानिध्य में होना है। इस पुण्य और महान कार्य में अपनी सेवा की आहुति देने के लिए हजारों की संख्या में आचार्य श्री के अनुयायी इंदौर पहुंचे हैं। देश के 20 राज्यों के अलावा विदेशों से भी यहां अनुयाई पहुंचे हैं। ये सेवादार लंदन, यूएसए, सिंगापुर, नेपाल, दुबई, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से आए है। सभी भोजशाला से लेकर अन्य व्यवस्थाओं में तो सेवा करेंगे ही पूरे आयोजन और महामहोत्सव के दौरान भक्ति लाभ भी लेंगे। कई जरूरतमंद अनुयायियों के रहने की व्यवस्था इस महामहोत्सव के परिसर में ही की गई है, तो कई के लिए वाटिकाएं बुक की गई है, तो कई अनुयाई अपने खर्चे पर रुके हैं।

50 बाउंसर और डेढ़ सौ निजी गार्ड्स के साथ सुरक्षा :
महोत्सव में आने वाली भीड़ को देखते हुए व्यवस्थाओं को संभालने के लिए आयोजन समिति की ओर से ही करीब डेढ़ सौ सिक्योरिटी गार्ड्स, 50 बाउंसर लगाए गए हैं। यहां करीब 2000 सेवादार भी अपनी सेवाएं देंगे। इनमें से केवल भोजनशाला में ही सेवा देने वालों का आंकड़ा 500 के आसपास है। यहां पहले दिन करीब 50 हजार लोगों का खाना (प्रसाद) बनेगा, जो बढ़कर आगे 3 से 4 लाख प्रतिदिन लोगों का भी हो सकता है। व्यवस्था के लिए पुलिस और प्रशासन का सहयोग अलग होगा।
हर दिन देवी भागवत कथा :
हर दिन यज्ञ स्थल पर शाम 7 से रात 10 बजे तक देवी भागवत कथा भी होगी। इस कथा श्रवण में भक्तों का मां के दिव्य अवतारों से साक्षात्कार होगा। आयोजन स्थल पर ही स्वर्ण लेपित अष्ट कलश भी स्थापित किए गए हैं। प्रतिदिन यज्ञ स्थल पर शाम 7 से रात 10 बजे तक देवी भागवत कथा भी होगी। इस कथा श्रवण में भक्तों का मां के दिव्य अवतारों से साक्षात्कार होगा। इसके बाद यहां कवि सम्मेलन और अन्य प्रस्तुतियां भी होगी। 1 करोड़ कुमकुम अर्चन, 1 करोड़ मंत्र जाप और 10 लाख हवन आहुतियां होंगी। 11,000 स्वर्ण-लेपित अष्टलक्ष्मी कलशों को 1 करोड़ मंत्र जाप, 1 करोड़ कुमकुम अर्चन एवं 10 लाख आहुतियों से सिद्ध किया जाएगा। इन कलशों में महालक्ष्मी को आकर्षित करने के लिए विभिन्न थैलियों में दिव्य वस्तुएं रखी जा रही हैं, जिनमें दक्षिणावर्ती शंख, नव रत्न, 32 प्रकार के उपरत्न, 32 प्रकार के रत्न, दो दुर्लभ रुद्राक्ष, 999 शुद्धता वाला महालक्ष्मी मुद्रित 5 ग्राम का चांदी का सिक्का, पंचधातु (सोना, चांदी, तांबा, पीतल, कांसा), 154 प्रकार की दुर्लभ औषधियां सहित कुल 451 दिव्य सामग्रियां शामिल है। आयोजन में 30000 किलो शुद्ध मेवे एवं औषधियां, 20000 किलो पीले, सफ़ेद लाल चंदनादि पवित्र वृक्षों की समिधाएं, 7000 किलो देसी गाय का घी, खजूर, किशमिश, आँवला जैसे दिव्य फल और दुर्लभ जड़ी-बूटियाँ और अन्य दिव्य सामग्री उपयोग में लाई जाएगी, जो इसे अध्यात्म और भव्यता का अनुपम संगम बनाएगी।



