बैर भाव के विसर्जन और प्रेम के सृजन का महापर्व है पर्युषण
एरोड्रम रोड स्थित नरसिंह वाटिका पर चातुर्मास अनुष्ठान में जैनाचार्य प.पू विश्वरत्न सागर म.सा. की निश्रा में धर्मसभा, आज नाकौड़ा भेरव की भक्ति

बैर भाव के विसर्जन और प्रेम के सृजन का महापर्व है पर्युषण
एरोड्रम रोड स्थित नरसिंह वाटिका पर चातुर्मास अनुष्ठान में जैनाचार्य प.पू विश्वरत्न सागर म.सा. की निश्रा में धर्मसभा, आज नाकौड़ा भेरव की भक्ति
इंदौर । विष अर्थात जहर से व्यक्ति एक बार मरता है, लेकिन विषय अर्थात संसार के प्रपंचों में फंसकर मनुष्य को बार-बार या तो मरना पड़ता है या भटकना पड़ता है। पर्युषण पर्व बैर भाव के विसर्जन और प्रेम के सृजन का महापर्व है। विषय, विष से भी ज्यादा खतरनाक है। पर्युषण का महापर्व हमें बुरे विचारों से बचाने की प्रेरणा देता है। हमारा प्रयास यही होना चाहिए कि हम अपने साधार्मिक और जरूरतमंद लोगों की हरसंभव मदद करें। हमारे धर्मग्रंथों और शास्त्रों में भी कहा गया है कि जीवन में पीडित मानवता और जीवों की अपने सामर्थ्य के अनुसार मदद करना पुण्य का ही काम है, लेकिन सामर्थ्य होते हुए भी यदि हम अपने कर्तव्य पालन की उपेक्षा या अवहेलना करेंगे तो ऐसा पुण्य लाभकारी नहीं हो सकता।
ये दिव्य विचार हैं युवा हृदय सम्राट, जैनाचार्य प.पू. विश्वरत्नसागर म.सा. के सुशिष्य, मुनिप्रवर उत्तमरत्न सागर म.सा. के, जो उन्होंने अर्बुद गिरिराज जैन श्वेताम्बर तपागच्छ उपाश्रय ट्रस्ट पीपली बाजार, जैन श्वेताम्बर मालवा महासंघ एवं नवरत्न परिवार इंदौर के संयुक्त तत्वावधान में नरसिंह वाटिका स्थित नवरत्न वाटिका पर चल रहे चातुर्मासिक अनुष्ठान की धर्मसभा में पर्युषण महापर्व के दौरान व्यक्त किए। पर्युषण महापर्व में श्रावकों के लिए विभिन्न कर्तव्यों का उल्लेख करते हुए मुनि प्रवर ने अनेक शास्त्रोक्त प्रसंगों का उल्लेख भी किया। उन्होंने श्रावकों का आव्हान किया कि वे इन आठ दिनों में अपने जीवन को श्रेष्ठ विचारों और सदगुणों से श्रृंगारित करने का प्रयास करें। ऐसे अवसर बार-बार नहीं आते। परमात्मा के प्रति भक्ति और पीड़ितों की सेवा के लिए पर्युषण का महापर्व ऐसा दुर्लभ प्रसंग है, जिसमें हम अपने जीवन की तमाम गलतियों को सुधारकर समाज में स्नेह, प्रेम, सदभाव और क्षमा जैसे सदगुणों को आत्मसात कर सकते हैं। धर्मसभा को गणिवर्य कीर्तिरत्न सागर म.सा. ने भी संबोधित किया। अपने आशीर्वचन में जैनाचार्य प.पू. विश्वरत्न सागर म.सा ने गुरु पुष्य नक्षत्र के शुभ प्रसंग पर सभी श्रावक-श्राविकाओं को वासक्षेप प्रदान कर शुभाशीष दिए।
*सेवाभावी चिकित्सकों का सम्मान* – इस अवसर पर आयोजन समिति की ओर से अध्यक्ष पारसमल बोहरा, संयोजक पुण्यपाल सुराना, कैलाश नाहर, ललित सी. जैन, दिलसुखराज कटारिया, मनीष सुराना, प्रीतेश ओस्तवाल, भरत कोठारी, शेखर गेलड़ा एवं दीपक सुराना ने एक दुर्घटना में जख्मी हुई साध्वीवर्या हेमेन्द्रश्रीजी म.सा. की सफल शल्य क्रिया करने और पीड़ित मानवता की सेवा में समर्पित चिकित्सकों का डॉ. अरविंद रावत, डॉ. तपन जैन, डॉ. विनय विश्वकर्मा, डॉ. आशुतोष एवं उनके सहयोगियों का शाल-श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र भेंटकर बहुमान किया। लाभार्थी मनोज कुमार डंग परिवार का भी बहुमान किया गया। श्रावकों की अगवानी शैलेन्द्र नाहर, अंकित मारू, रीतिश आशीष जैन, चंद्रप्रकाश चौरडिया, मोनिश खूबाजी एवं ऋषभ कोचर आदि ने की।
*मूक परिंदों के लिए 800 बोरे अनाज का दान मिला* – पर्युषण के दौरान आज भी जैनाचार्य प.पू. विश्वरत्न सागर म.सा. के आव्हान पर पीपली बाजार स्थित मंदिर की छत पर प्रतिदिन मूक परिंदों को दाना-पानी की व्यवस्था के लिए जीव दया अभियान में धर्मसभा में आए श्रावकों ने अपने सामर्थ्य के अनुसार ज्वार एवं मक्का के 300 बोरे दान देने का संकल्प व्यक्त किया। बुधवार को 500 बोरे अनाज के संकल्प प्राप्त हुए थे। इन्हें मिलाकर 800 बोरे अनाज के दान के संकल्प मिल चुके हैं। इनका उपयोग मंदिर की छत पर प्रतिदिन आने वाले कबूतर, तोतों एवं अन्य जीवों को दाना चुगाने में किया जाएगा। पीपली बाजार मंदिर की छत पर प्रतिदिन दो बोरे अनाज जीव दया के उद्देश्य से मूक परिंदों को डाले जाते हैं।
*आज नाकोड़ा वाले भैरवनाथ की भक्ति*- पर्युषण श्रृंखला में शुक्रवार, 22 अगस्त को नाकोड़ा वाले भैरवनाथ की भक्ति में रात 8 बजे से जयपुर के राजीव विजयवर्गीय और उनकी टीम द्वारा भव्य भजन संध्या का आयोजन लाभार्थी प्रकाश भटेवरा, सुनील, दीपक जैन टीनू, भावेश एवं भटेवरा परिवार की ओर से होगा। इस भजन संध्या में आने वाले सभी भक्तों को अभिमंत्रित रक्षा पोटली का वितरण भी होगा और दिव्य ज्योत के दर्शन भी होंगे। जैन श्वेताम्बर सोशल ग्रुप लोटस, नाकोड़ा पार्श्व भैरव भक्त मंडल गुमाश्ता नगर तथा नाकोड़ा वंदे ग्रुप गुमाश्ता नगर भी भागीदार रहेंगे।
* पर्युषण के दौरान तप साधना जारी* – नरसिंह वाटिका स्थित नवरत्न वाटिका पर शुक्रवार 22 अगस्त को जैनाचार्य प.पू. विश्वरत्न सागर म.सा. की पावन निश्रा में पर्युषण महापर्व के अंतर्गत सुबह 9 बजे से धर्मसभा में प्रवचन, सुबह का प्रतिक्रमण सुबह 6 बजे एवं शाम का प्रतिक्रमण शाम 7 बजे से होगा। 22 अगस्त को कल्प सूत्र, पांच ज्ञान पूजा एवं पालनाजी की बोली, 23 अगस्त को कल्प सूत्र बोहराने एवं पालनाजी की बोली तथा शाम को आदिनाथ भगवान की भव्य भक्ति का आयोजन पिन्टू स्वामी द्वारा होगा। युवक महासंघ इंदौर इस आयोजन का लाभार्थी रहेगा। 24 अगस्त को महामांगलिक एवं जन्म वाचन समारोह पीपली बाजार में एवं 27 अगस्त को संवत्सरी और वारसा सूत्र का वाचन तथा 28 अगस्त को तप-तपस्वियों के पारणे होंगे, 29 अगस्त को सिद्धि तप का वरघोड़ा और पारणा होगा। इस दौरान तप एवं भक्ति से संबंधित अनेक सांस्कृतिक आयोजन भी होंगे। नवरत्न वाटिका पर सिद्धि तप, आयम्बिल, सामायिक एवं अन्य तपस्याओं का उत्साहपूर्ण दौर जारी है।