इंदौर

बाहरी सुंदरता ही नहीं, स्ट्रक्चरल हेल्थ है सबसे जरूरी” – विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों ने साझा किया सुरक्षित और टिकाऊ घर निर्माण का ‘ब्लूप्रिंट

*गोयल टीएमटी की पहल पर ‘वंडरस आर्किटेक्चर’ पर पैनल चर्चा संपन्न*

· इंदौर में आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग के दिग्गजों का महामंच

· विशेषज्ञों ने साझा किया सुरक्षित और टिकाऊ घर निर्माण का ‘ब्लूप्रिंट’

“बाहरी सुंदरता ही नहीं, स्ट्रक्चरल हेल्थ है सबसे जरूरी” – विशेषज्ञों की राय

*इंदौर:* इंदौर अब एक मेट्रो शहर के रूप में अपनी पहचान बना रहा है, जहाँ इंफ्रास्ट्रक्चर का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। इसी बदलाव को सही दिशा देने और सुरक्षित निर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, शनिवार को होटल रेडिसन रेड में गोयल टीएमटी की पहल पर ‘वंडरस आर्किटेक्चर थ्रू एडवांस्ड स्ट्रक्चरल टेक्नोलॉजीज़’ विषय पर एक भव्य पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। गोयल टीएमटी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में शहर और देश के प्रतिष्ठित आर्किटेक्ट्स व स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स ने आधुनिक निर्माण तकनीकों और भवन सुरक्षा पर मंथन किया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के सीईओ, डॉ. परीक्षित संजयराव झाड़े (आईएएस) उपस्थित रहे।

*कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. परीक्षित संजयराव झाड़े ने कहा,* “इंदौर के तेजी से होते विस्तार में ‘स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर’ और टिकाऊ निर्माण तकनीकों की भूमिका अहम है। ऐसे तकनीकी संवाद न केवल शहर के विकास को नई दिशा देते हैं, बल्कि सुरक्षित और सुनियोजित शहरीकरण के हमारे संकल्प को और मजबूत करते हैं।”

*पैनल का संचालन (मॉडरेशन) करते हुए आईआईए इंदौर सेंटर की मानद सचिव, आर्किटेक्ट स्नेहल सोनटक्के ने कहा,* “हमारा उद्देश्य केवल इमारतें खड़ी करना नहीं, बल्कि ‘वंडरस आर्किटेक्चर’ रचना है, जहाँ सौंदर्य और सुरक्षा का संतुलन हो। अक्सर लोग घर की बाहरी सुंदरता पर खर्च करते हैं लेकिन उसकी ‘स्ट्रक्चरल हेल्थ’ को नजरअंदाज कर देते हैं। आज का यह मंच आर्किटेक्ट्स और इंजीनियर्स के अनुभवों को साझा करने के लिए है, ताकि आम नागरिक भी अपने सपनों का घर बनाते समय सही निर्णय ले सकें।”

पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने लेटेस्ट कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजीज़ जैसे बड़े स्पैन और कॉलम-फ्री डिज़ाइन के लिए पोस्ट-टेंशन स्लैब, फैक्ट्री-मेड संरचनाओं के तेज़ इंस्टालेशन हेतु प्रीकास्ट एवं मॉड्यूलर कंस्ट्रक्शन, बिना वाइब्रेशन के उत्कृष्ट फिनिश देने वाली सेल्फ-कम्पैक्टिंग कंक्रीट, तेज़ और मजबूत मोनोलिथिक ढलाई के लिए मिवान/एल्यूमिनियम फॉर्मवर्क, ज्यादा भूकंपरोधी हाई-स्ट्रेंथ टीएमटी बार टेक्नोलॉजी, सामान्य कंक्रीट से कई गुना मजबूत अल्ट्रा हाई-परफॉर्मेंस कंक्रीट, हल्की और टिकाऊ कॉम्पोज़िट स्ट्रक्चर सिस्टम, कमजोर मिट्टी पर सुरक्षित निर्माण के लिए ग्राउंड इम्प्रूवमेंट टेक्नोलॉजी, डिजिटल मैपिंग और थ्री डी सिमुलेशन, रोबोटिक तकनीक से घर बनाने की उभरती 3डी कंक्रीट प्रिंटिंग, कॉलम और बीम की रियल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए स्मार्ट स्ट्रक्चरल सेंसर टेक्नोलॉजी तथा पुरानी इमारतों को चार गुना मजबूत करने वाली एफआरपी रेट्रोफिटिंग जैसी आधुनिक तकनीकों पर बातचीत की।

तकनीकी सत्र के दौरान पैनलिस्ट्स ने भविष्य के निर्माण पर अपने विचार रखे। इंजीनियर संजय कुमार जैन (पूर्व वरिष्ठ अधीक्षक इंजीनियर, NFC–DAE हैदराबाद) ने कहा -* “उन्नत संरचनात्मक तकनीकें (Advanced Structural Technologies) हमें बड़े स्पैन और ऊँचे ढांचे बनाने की आजादी देती हैं। आने वाला समय तकनीक-आधारित निर्माण का है जो भवनों को हल्का लेकिन अधिक टिकाऊ बनाता है।”

*आर्किटेक्ट मनोज श्रीमाल (मानद सचिव, आईआईए मप्र चैप्टर) ने कहा -* “मजबूत घर की नींव सही प्लानिंग है। यदि आर्किटेक्ट और स्ट्रक्चरल इंजीनियर प्रोजेक्ट की शुरुआत से ही मिलकर काम करें, तो डिज़ाइन और मजबूती दोनों में उत्कृष्टता मिलती है। निर्माण में जल्दबाज़ी हमेशा जोखिम बढ़ाती है।”

*इंजीनियर दीपक एस. शाह (कंसल्टिंग इंजीनियर) ने कहा -* “इनोवेटिव आर्किटेक्चर को वास्तविकता में बदलने के लिए सटीक स्ट्रक्चरल डिज़ाइन अनिवार्य है। हमें डिज़ाइन की जटिलताओं के साथ-साथ सुरक्षा मानकों (Safety Codes) का कड़ाई से पालन करना चाहिए, ताकि इमारतें न केवल सुंदर दिखें, बल्कि आपदाओं में भी स्थिर रहें।”

*इंजीनियर डी. एस. परिहार (मानद सचिव, एसीसीई और एएसई, इंदौर) ने कहा -* “फाउंडेशन की मजबूती, बीम-कॉलम का सही प्लेसमेंट और तकनीकी निगरानी किसी भी भवन की उम्र तय करते हैं। छोटी सी चूक भविष्य में बड़े नुकसान का कारण बन सकती है।”

कार्यक्रम के प्रायोजक गोयल टीएमटी की ओर से मध्यप्रदेश सेल्स हेड, श्री अश्वनी रावत ने गुणवत्ता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा,* “एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण सुरक्षित घरों से होता है। हमारा सरिया ‘इंटिग्रेटेड स्टील प्लांट’ में बनता है, जिसकी अत्याधुनिक ‘क्वेंच-टेम्परिंग’ प्रक्रिया इसे भूकंप रोधी और जंग प्रतिरोधी बनाती है। घर जीवन का सबसे बड़ा निवेश है, इसलिए इसमें सर्वोत्तम टीएमटी बार का ही उपयोग होना चाहिए।”

*वहीं, गोयल टीएमटी के डिस्ट्रीब्यूटर नीरज वर्मा ने कहा –* “गोयल टीएमटी का मूल सिद्धांत हमेशा से क्वालिटी बनाए रखना रहा है और हम पिछले 25 वर्षों से इसे निभा रहे हैं। आज गोयल टीएमटी इंदौर के सभी प्रमुख काउंटरों पर आसानी से उपलब्ध है। हमारी गुणवत्ता इसलिए बेहतर है क्योंकि हमारा अपना ‘इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट’ है, जबकि अन्य टीएमटी बार अक्सर स्क्रैप से बनाए जाते हैं। स्क्रैप (कबाड़) से निर्मित स्टील का उपयोग भविष्य में बड़े वित्तीय और सुरक्षा जोखिम पैदा कर सकता है। घर बनाने वालों को स्टील की गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं करना चाहिए।”

*चर्चा के अंत में सभी विशेषज्ञ इस बात पर एकमत हुए कि* “सुदृढ़ संरचना और गुणवत्तापूर्ण सामग्री ही सुंदर वास्तुकला की असली रीढ़ हैं।” पैनल ने आम जनता से अपील की कि घर बनाते समय उचित प्लानिंग, प्रमाणित टीएमटी सरिया, सही ग्रेड का कंक्रीट और नियमित साइट सुपरविजन को अनिवार्य रूप से अपनाएं ताकि आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित रह सकें।

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