इंदौर

ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण: आईसीआईसीआई बैंक

सफलता की कहानी

ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण: आईसीआईसीआई बैंक के सहयोग से मध्य प्रदेश में सिलाई व्यवसाय को मिली नई उड़ान

इंदौर: आईसीआईसीआई बैंक से मिली वित्तीय सहायता ने ओंकारेश्वर के पास महिलाओं द्वारा संचालित एक स्वयं सहायता समूह (SHG) को उनकी छोटी-सी सिलाई गतिविधि को एक टिकाऊ व्यवसाय में बदलने में मदद की है। इससे गाँव की महिलाओं को न सिर्फ आमदनी मिली है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ा है।

गाँव का जीवन पहले घरेलू कामकाज और दिहाड़ी मजदूरी के इर्द-गिर्द ही सीमित था। संसाधन कम थे और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने की उम्मीद भी बहुत कम। बदलाव की शुरुआत अगस्त 2021 में हुई, जब कुछ महिलाएँ मिलकर ओंकारेश्वर स्वयं सहायता समूह (SHG) का गठन किया।

पुरानी सिलाई मशीनों के सहारे महिलाओं ने सलवार सूट सिलना शुरू किया और आसपास के इलाकों से छोटे-छोटे ऑर्डर मिलने लगे। यहीं रुकने के बजाय उन्होंने इंदौर के परिधान दुकानों से संपर्क किया और धीरे-धीरे थोक ऑर्डर लेने के लिए रिश्ते बनाए।

अपनी कौशल क्षमता को बढ़ाने के लिए समूह ने NABARD (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) से संपर्क किया। NABARD ने उन्हें सिलाई तकनीक और बुनियादी व्यावसायिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराया।

हालाँकि, पुरानी मशीनों की वजह से काम की गति धीमी थी। तभी आईसीआईसीआई बैंक ने समूह को ऋण उपलब्ध कराया, जिससे उन्होंने ब्रांडेड सिलाई मशीनें खरीदीं। बेहतर उपकरणों के साथ उत्पादन क्षमता बढ़ी, गुणवत्ता सुधरी और आमदनी लगभग दोगुनी हो गई।

इस सफलता से प्रेरित होकर समूह ने आईसीआईसीआई बैंक से दूसरा ऋण लिया, ताकि वे बड़े कार्यस्थल में शिफ्ट हो सकें और थोक सिलाई ऑर्डर के साथ-साथ परिधान अल्टरशन सेवाएँ भी शुरू कर सकें।

सफलता की यह कहानी बताती है कि समय पर मिला सहयोग किस तरह ग्रामीण समुदायों को आगे बढ़ा सकता है। आईसीआईसीआई बैंक की इस मदद ने न केवल आजीविका में सुधार किया है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त भविष्य बनाने की दिशा में भी मजबूती दी है।

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