इंदौर

दीक्षारंभ 2025’: भविष्य के प्रबंधकों से आवाहन — बॉस नहीं, निर्माता बनें

ज़रूरत है जो वास्तविक समस्याओं का समाधान कर स

*दीक्षारंभ 2025’: भविष्य के प्रबंधकों से आवाहन — बॉस नहीं, निर्माता बनें

इंदौर। “आज की दुनिया को बॉस नहीं, बिल्डर्स (निर्माता) की ज़रूरत है। ऐसे लोगों की ज़रूरत है जो वास्तविक समस्याओं का समाधान कर सकें—चाहे वह ग्रामीण भारत में लॉजिस्टिक्स को बेहतर बनाना हो या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ज़रिये वंचित युवाओं को प्रशिक्षित करना हो।”

यह बात यूनिवर्सिटी के चांसलर और प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. डेविश जैन ने  आज प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (यूजी) के 2025–28 बैच के नवप्रवेशी छात्रों के  ‘दीक्षारंभ 2025’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

डॉ. जैन ने छात्रों से कहा कि आने वाले समय के प्रबंधकों को केवल IQ (बौद्धिक क्षमता) ही नहीं, बल्कि AQ (एडैप्टेबिलिटी कोशन्ट यानी अनुकूलन क्षमता) की भी आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा, “आज के समय में केवल डेटा लिटरेसी नहीं, बल्कि इंसानियत और सहानुभूति ज़रूरी है। तेज़ दिमाग के साथ कोमल दिल और स्पष्ट मूल्य ही आपको नेतृत्व में उत्कृष्ट बनाएंगे।”

ऑल इंडिया रेडियो, चेन्नई के पूर्व निदेशक डॉ. एन. मुरुगन ने मुख्य अतिथि के रूप में छात्रों से जीवन भर सीखते रहने का आग्रह किया। उन्होंने छात्रों को सजग श्रोता और सतत पर्यवेक्षक बनने को कहा। उन्होंने अपनी विशेष “A-क्यूब, I-क्यूब और M-क्यूब” सिद्धांत के माध्यम से आत्मविकास का मार्ग प्रस्तुत किया और छात्रों से कहा कि वे पर्सनल डेवेलपमेंट चार्ट बनाएं और समयबद्ध लक्ष्य तय करें।

मोटिवेशनल स्पीकर सीए पंकज कोठारी ने छात्रों से कहा कि वे ऑटो-पायलट मोड से बाहर निकलें और माइंडफुलनेस यानी सजगता के साथ अपने शैक्षणिक व निजी जीवन को जिएं। उन्होंने कहा, “अपने हर अनुभव में मानसिक रूप से उपस्थित रहें, तभी आप जीवन को सच में जी पाएंगे।”

प्रेस्टीज ग्रुप के ग्लोबल एंबेसडर सिद्धार्थ राजहंस ने प्रतिस्पर्धा के बजाय सहयोग की भावना को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने इंदौर की सांस्कृतिक विरासत को उद्यमिता और नवाचार से जोड़ते हुए छात्रों से आह्वान किया कि वे ऐसे करियर चुनें जो राष्ट्रीय और वैश्विक मूल्यों को समृद्ध करें।

संस्थान के ग्रुप डायरेक्टर डॉ. एस.एस. भाकर ने संस्थान की समग्र शिक्षा प्रणाली पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “यहाँ छात्रों को हार्वर्ड बिज़नेस स्कुल केस स्टडीज़, नेतृत्व गतिविधियों और कौशल-आधारित शिक्षण के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किया जाता है।”

 

पीआईएमआर यूजी के डायरेक्टर कर्नल एस. रमन अय्यर ने अपने उद्बोधन में कहा, “पीआईएमआर मात्र एक संस्था नहीं, बल्कि एक विचार है। यहाँ से आप सिर्फ़ डिग्रियाँ ही नहीं, बल्कि अनेक जॉब-रेडी स्किल्स के साथ निकलेंगे जो भविष्य में आपकी शक्ति बनेंगी। कार्यक्रम में डॉ. राजीव रघुवंशी और डॉ. नितिन टंटेड ने भी छात्रों को शुभकामनाएं दीं।

 

*डेविश जैन लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से हुए सम्मानित*

 

इस अवसर पर, डॉ. डेविश जैन को शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए M.T.A अकादमी और फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल तिरुक्कुरल फोरम्स की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया। कर्नल एस. रमन अय्यर को ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के शैक्षणिक सशक्तिकरण में उनके योगदान के लिए साइंटिफिक नॉलेज अवॉर्ड से सम्मानित किया गया, जो श्रीमती राजेश्वरी मुरुगन द्वारा प्रदान किया गया।

 

*खेल, अकादमिक उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले छात्रों को किया गया सम्मानित*

 

खेल और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को भी इस मौके पर सम्मानित किया गया। अंतरराष्ट्रीय कराटे खिलाड़ी तमन्ना सूर्यवंशी और राष्ट्रीय बैडमिंटन स्वर्ण पदक विजेता वर्दान अग्रवाल को खेल उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। वहीं, राधिका गुप्ता, इशान जैन, प्रियल जैन और सारा को उनकी उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया।

*संस्थान के मैगज़ीन का हुआ अनावरण संस्थान के इनहॉउस मैगज़ीन `स्वागत’ का अनावरण भी अतिथियों द्वारा किया गया।

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