सराफा सोना चांदी जवाहरात एसो. की आम सभा में निर्णय -नहीं लगेगी चौपाटी।
निगम व जिला प्रशासन का सराफा चौपाटी को लेकर इसे इंदौरी परंपरा का अंग बताने का तर्क पूरी तरह से बोथरा व आधारहीन है

निगम व जिला प्रशासन का सराफा चौपाटी को लेकर इसे इंदौरी परंपरा का अंग बताने का तर्क पूरी तरह से बोथरा व आधारहीन है : डॉ. संतोष वाधवानी (सराफा व्यापारी)
सराफा सोना चांदी जवाहरात एसो. की आम सभा में निर्णय नहीं लगेगी चौपाटी।
सराफा दुकाने अब रात 10 बजे तक खुली रहेगी ।
इंदौर। भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ प्रवक्ता व सांसद प्रतिनिधि डा संतोष वाधवानी ने सराफा चौपाटी को अन्यत्र स्थानांतरण के समर्थन मे कहा कि जिला प्रशासन व नगर निगम अव्यावाहरिक तर्क देकर इसे बेवजह तूल दे रहा है व इसे व्यर्थ ही अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर एक गैरजरूरी विवाद को जन्म देने का प्रयास कर रहा है , निगम व जिला प्रशासन का सराफा चौपाटी को लेकर इसे इन्दौरी परम्परा का अंग बताने का तर्क पूरी तरह से बोथरा व आधारहीन है भाजपा नेता ने कहा कि ऐसे तो किसी जमाने में नगर मे इन्दौरी तांगे, बग्घियां, टेम्पो शहर की परम्परा के अंग रह चुके हैं तो क्यों उसे बन्द किया गया-? कई गली मोहल्ले जो सौ-सौ वर्षों पूर्व अपनी परम्परागत बसाहट के लिए जाने जाते थे लेकिन बदलते वातावरण व नगर की बढ़ती आबादी को देखते हुवे निगम प्रशासन ने जनहित व सुविधाओं के मद्देनजर इनमे तोड़फोड़ व परिवर्तन क्यों किया-? नन्दलालपुरा सब्जी मण्डी भी इन्दौर की परम्परागत होल्कर कालीन मण्डी रही है ऐसे मे उसे क्यों हटाया गया-? वैसे ही ऐतिहासिक आड़ा बाजार ,गोतमपुरा रोड, जूनी इन्दौर के कई होल्कर कालीन हिस्सो को निगम प्रशासन परम्परा के नाम पर क्या यथावत रहने देगा-? ऐसे ही किसी जमाने मे अखाडों और साधुओं द्वारा शहर मे हाथियों को घुमाने की परम्परा रही है फिर तात्कालिक नेतृत्व ने उस परम्परा पर पूतिबंध क्यों लगाया-? किसी जमाने में राजवाड़ा के जनता चौक व सुभाष चौक पर राजनैतिक दलों की आम सभाएं, धरना, व आन्दोलन किए जाने की भी परम्पराएं रही है तो क्या वर्तमान नेतृत्व उस परम्परा को पुनः जीवित करेगा-? तो समय-समय पर उन सभी परम्पराओं को जनहित मे बदलाव करके हमारे पूर्ववर्ती जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने जनहित मे अपनी जिम्मेदारी को बखूबी अंजाम देकर अपनी बौद्धिक क्षमता का परिचय दिया था लेकिन वर्तमान नेतृत्व इसे अपनी नाक का प्रश्न बनाकर राजहठ का परिचय दे रहा है अतः सम्बन्धित अधिकारीयों व नेतृत्व से निवेदन है कि आधारहीन तर्कों और जिद को छोडकर सराफा चौपाटी को अन्यत्र कहीं व्यवस्थित व और भी बड़े पैमाने पर स्थापित करें जहां व्यापारी व आम ग्राहको की पूर्ण सुविधा व सुरक्षा का माकूल इन्तजाम हो जो इन्दौर की शान और खूबसूरत व्यवस्था का एक आदर्श उदाहरण बनकर देश के अन्य राज्यों और शहरों को भी इन्दौर के नम्बर वन स्वच्छता अभियान की तरह प्रेरित करे ,इसी मे जनहित के साथ ही साथ वर्तमान नेतृत्व व प्रशासन की भी वाहवाही होगी ।
इंदौर सराफा सोना चांदी जवाहरात एसो. की आम सभा में निर्णय नहीं लगेगी चौपाटी।
सराफा दुकाने अब रात 10 बजे तक खुली रहेगी । उन्होंने कहा कि यह हमारा मौलिक अधिकार है।कोई नहीं थोप सकता हम पर कोई निर्णय। सराफा बाजार की अस्मिता सोना चांदी जवाहरात से बनी है। हम अपनी अस्मिता की लड़ाई हर स्तर पर लड़ेंगे। एकजुट होकर व्यापारी ने कहा हम अपने संगठन का फैसले को मान्य करेंगे।