इंदौर MYH में बच्चों की मौत… सियासत गरमाई, राहुल गांधी ने लगाए गंभीर सवाल
एमवाय अस्पताल के एनआईसीयू में दो नवजात शिशुओं की मौत पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने घटना को हत्या करार दिया। प्रशासन ने मौत का कारण बीमारियां बताया, जबकि जांच के आदेश दिए गए हैं।

इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल के एनआईसीयू में दो नवजात शिशुओं की मौत ने विवाद खड़ा कर दिया है। राहुल गांधी ने घटना को सीधी हत्या बताया, जबकि प्रशासन और डॉक्टरों ने मौत का कारण गंभीर बीमारियां बताया। इस बीच राज्य स्तरीय जांच दल गठित किया गया है।
राहुल गांधी का बयान: हादसा नहीं, हत्या
इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल (एमवाय) के एनआईसीयू में दो नवजात शिशुओं की मौत पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने तीखा हमला बोला। राहुल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा—
“यह कोई दुर्घटना नहीं, सीधी-सीधी हत्या है। इतनी भयावह और अमानवीय घटना कि सुनकर रूह कांप जाए।”
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पताल गरीबों के लिए अब जीवनदायी नहीं रहे, बल्कि मौत के अड्डे बन चुके हैं।
राष्ट्रीय बाल आयोग ने इंदौर कलेक्टर से तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने कहा कि यह मामला अत्यंत गंभीर है और अस्पताल प्रशासन को स्पष्टीकरण देना होगा।
सरकार पर राहुल गांधी का हमला
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा— “प्रधानमंत्री और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को शर्म से सिर झुका लेना चाहिए। आपकी सरकार ने देश के करोड़ों गरीबों से स्वास्थ्य का अधिकार छीन लिया है। अब मां की गोद से बच्चे तक छिनने लगे हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य सेवाओं को जानबूझकर निजी हाथों में सौंपा गया, जिससे गरीबों के लिए सरकारी अस्पताल अब मौत का पर्याय बन गए हैं।
चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की जांच
चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरुण राठी इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज पहुंचे और डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया, एमवाय अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक यादव और अन्य अफसरों के साथ बैठक की। उन्होंने पेस्ट कंट्रोल एजेंसी के दस्तावेजों की जांच की और कहा कि एक राज्य स्तरीय दल गठित किया गया है, जो मौत के कारणों की पड़ताल करेगा।
डॉक्टरों का बयान: मौत बीमारियों से हुई
पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. ब्रजेश लाहोटी ने कहा— “किसी भी स्थिति में चूहे के काटने से मौत नहीं होती। अस्पताल में हमें भी चूहे काट देते हैं, लेकिन घाव ठीक हो जाते हैं। दोनों बच्चों की मौत गंभीर और जानलेवा बीमारियों के कारण हुई।”
उन्होंने बताया कि देवास निवासी रेहाना के बच्चे के पेट में संक्रमण था। सर्जरी के बाद वेंटिलेटर पर रखने के बावजूद संक्रमण बढ़ता गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
दूसरे बच्चे का वजन केवल 1.4 किलो था और वह जन्मजात बीमारियों से पीड़ित था। उसके परिजन इलाज के दौरान ही उसे छोड़कर चले गए थे।
प्रशासन का दावा: मौत चूहों के कारण नहीं
कलेक्टर आशीष सिंह और अस्पताल सुपरिटेंडेंट डॉ. अशोक यादव ने कहा कि मंगलवार को मृत बच्चा लक्ष्मीबाई, खंडवा निवासी था और बुधवार को मृत बच्चा देवास निवासी रेहाना का था। दोनों की मौत बीमारियों के कारण हुई, चूहों का कोई रोल नहीं था।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर उलझन
मंजू के नवजात की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर पुलिस के दो अलग-अलग बयान सामने आए। एमवायएच पुलिस चौकी के नूर सिंह मोरे ने कहा कि पोस्टमॉर्टम हो चुका है, जबकि संयोगितागंज थाना प्रभारी अरविंद खत्री ने देर रात कहा कि पोस्टमॉर्टम अभी नहीं हुआ है।