हंसदास मठ पर 7 से 11 अप्रैल तक हनुमान कथा एवं लक्ष्मी नारायण महायज्ञ–51 बटुकों का यज्ञोपवीत
प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव पर 6 अप्रैल को श्रीराम दरबार के श्रृंगार एवं महाआरती, 12 को हनुमान जयंती

हंसदास मठ पर 7 से 11 अप्रैल तक हनुमान कथा एवं
लक्ष्मी नारायण महायज्ञ–51 बटुकों का यज्ञोपवीत
प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव पर 6 अप्रैल को श्रीराम दरबार के श्रृंगार एवं महाआरती, 12 को हनुमान जयंती
इंदौर। एयरपोर्ट रोड, पीलियाखाल स्थित प्राचीन हंसदास मठ पर चैत्र नवरात्रि महोत्सव एवं नवनिर्मित मंदिर के नवम लोकार्पण दिवस के उपलक्ष्य में 7 से 11 अप्रैल तक हंस पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्रीमहंत रामचरणदास महाराज के सानिध्य में हनुमान कथा और लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के दिव्य आयोजन होंगे। रविवार, 6 अप्रैल को प्रातः 7 से 11 बजे तक राम दरबार के श्रृंगार एवं दोपहर 12 बजे महाआरती के दिव्य आयोजन भी होंगे। सोमवार, 7 अप्रैल को 51 ब्राह्मण बटुकों के यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन भी होगा। शनिवार 12 अप्रैल को हनुमान जंयती का महोत्सव भी धूमधाम से मनाया जाएगा।
मठ के युवराज महामंडलेश्वर महंत पवनदास महाराज ने बताया कि हनुमान कथा प्रतिदिन सांय 4 से 7 बजे तक होगी। इसके यजमान अनंत योगेन्द्र महंत मनोनीत किए गए हैं। रविवार, 6 अप्रैल को श्रीराम जन्मोत्सव पर सुबह 7 से 11 बजे तक राम दरबार के श्रृंगार के पश्चात दोपहर 12 बजे जन्मोत्सव आरती होगी। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी लक्ष्मीनारायण महायज्ञ का आयोजन 7 से 11 अप्रैल तक होगा, जो हर दिन सुबह साढ़े 8 से दोपहर 1 बजे तक यज्ञाचार्य पं.विवेक कृष्ण शास्त्री के निर्देशन में चलेगा। पूर्णाहुति 11 अप्रैल को होगी।
सोमवार 7 अप्रैल को सुबह 9 बजे से पुष्य नक्षत्र में मठ परिसर में 51 ब्राह्मण बटुकों का निशुल्क यज्ञोपवीत संस्कार भी विश्व ब्राह्मण समाज संघ के अध्यक्ष पं. योगेन्द्र महंत के मार्गदर्शन में होगा। यज्ञोपवीत में लगने वाली सभी सामग्री भी मठ की ओर उपलब्ध कराई जाएगी। यज्ञ में शामिल होने के इच्छुक श्रद्धालु मठ के पं. अमितदास महाराज से 96032-72407 पर सम्पर्क कर सकते हैं। शनिवार, 12 अप्रैल को हनुमान जयंती महोत्सव भी धूमधाम से मनाया जाएगा। जन्म आरती सुबह 6.30 बजे होगी, जबकि भोग श्रृंगार एवं महाआरती सांय 6.30 बजे होगी। सांय 7 से 10 बजे तक आम भक्तों के लिए भंडारा भी होगा। मठ पर चैत्र नवरात्रि महोत्सव में प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती पाठ एवं नित्य नूतन श्रृंगार किया जा रहा है। आज षष्ठम दिवस पर भी मातारानी का विशेष श्रृंगार किया गया।