इंदौरधर्म-ज्योतिष

विश्व ब्राह्मण समाज संघ का फाग उत्सव, मातृ शक्तियों ने लिया संस्कृति संवर्धन का संकल्प

कृष्ण मनमोहन बांसुरिया बजाए ...रंग बरसे... आया होली का त्यौहार... गीतों के मनमोहक प्रस्तुति

वृंदावन के कलाकारों मैं बरसाने की होली, राधा कृष्ण नाटिका, कृष्ण बांके बिहारी की मनमोहक प्रस्तुतिया


इंदौर। विश्व ब्राह्मण समाज संघ के सिलिकॉन सिटी शाखा में फाग उत्सव में भजन ,गीत संगीत, नाट्य  प्रस्तुतियों के साथ वृंदावन के कलाकारों ने मथुरा वृंदावन और बरसाने की होली की याद ताजा कर दी। सुमधुर संगीत और भजन के बीच में फूल और इत्र की खुशबू से माहौल महक उठा तो मातृ शक्तियों के द्वारा भजनों की अद्भुत प्रस्तुतियां सबका मन मोह रही थी।

विश्व ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व राज्य मंत्री दर्जा पंडित योगेंद्र महंत, राष्ट्रीय संयोजक श्रीमती सावित्री अग्रावत, राष्ट्रीय समन्वयक अर्पणा जोशी, अनीता व्यास ने बताया कि संस्कृति संवर्धन और पारंपरिक त्योहार पर हमेशा से ही संघ अग्रणी भूमिका निभाता है, होली का त्यौहार आपसी वैमन्सय को दूर करता है इससे सामाजिक समरसता और पारिवारिक दृढ़ता का माहौल समाज में स्थापित होता है इसी की परिकल्पना के साथ विश्व ब्राह्मण समाज संघ शहर में अलग-अलग शाखाओ पर फाग उत्सव का आयोजन कर रहा है।  शुभारंभ भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। पं. योगेंद्र महंत ने बताया कि वृंदावन से आए कलाकारों के द्वारा राधा कृष्ण और ब्रज के गीतों के साथ फूलों और लठमार होली का प्रदर्शन कर सबका दिल जीत लिया, विशेष रूप शिव पार्वती नाटिका ,कृष्ण बांके बिहारी की प्रस्तुतियां सिलिकॉन सिटी क्लब हाउस में हुई आयोजन की खास बात यह थी कि यहां पर 50 से ज्यादा स्थानीय मातृशक्तियों की अद्भुत प्रस्तुतियों से समापन हुआ इस अवसर पर रंग बरसे… आया होली का त्यौहार… कृष्ण की बांसुरिया की मधुर धुन…. चलो रे साथी… आदि फिल्मी गीतों की प्रस्तुतियां देर रात तक चलती रही। इस अवसर पर प्रमुख रूप से पं, अशोक चतुर्वेदी, पं.बीके शर्मा, सुरेश पाठक हेमलता भारद्वाज मनीषा अग्निहोत्री, सुषमा शर्मा, स्वाति शर्मा, पूजा तिवारी, रंजना शर्मा, शिवानी पंडित, तनुजा जोशी, ज्योति जोशी,विजय लक्ष्मी व्यास, प्रीति शर्मा, अर्चना कौशिक, सुचिता शर्मा, देव श्री खाले, जय तिवारी आदि ने प्रमुख प्रस्तुतियां भी दी, आयोजन के समापन पर प्रसादी का आयोजन किया गया। आभार पं. अनंत महंत ने माना।

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