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पढ़ने की चाह ऐसी के बच्चा पहुँचा जनसुनवाई में कलेक्टर से लगाई गुहार कलेक्टर ने भी फीस माफ करवाने निर्देश।
कलेक्टर ने कहा लिखो हैप्पी तो ” अब्दुल ने बिना झिझक अपनी साफ हैंडराइटिंग में ‘हैप्पी’ लिख दिया।

आशीष यादव धार
इस महंगाई भरे समय में शिक्षा का स्तर इतना महंगा हो गया के मध्यम व गरीब परिवार में रहने वाले लोग अपने परिवार के बच्चो को अच्छे शिक्षा व स्कूल पढ़ाने में संकोच कर रहे है। जनसुनवाई में स्कूल की फीस माफ करने को लेकर एक बच्चा व उसकी मां कलेक्टर जनसुनवाई में पहुंच गई यह नजारा देख जन सुनवाई में बैठे अधिकारी भी तंग रह गए। माँ के साथ अब्दुल अपनी पढ़ाई के लिए कलेक्टर सहाब से मदत मॉगी वही डीएम से आगे पढ़ने के लिए मदद करने का आश्वासन दिया वही अब्दुल कक्षा पहली में पढ़ने वाला अब्दुल अपनी मां के जनसुनवाई में आया था वही परिवार की आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए अब्दुल ने पढ़ाई जारी रखने के लिए मदद की गुहार लगाई। वही
आज जनसुनवाई इस दृश्य के देखने बाद अधिकारियों के मुंह से निकला जिसका कोई नही होता उसका भगवान होता है।

कलेक्टर ने कहा लिखो हैप्पी:
धार जनसुनवाई में आये अब्दुल की सहायता के लिए कलेक्टर आगे ओर अब्दुल से पूछा, “अगर हम तुम्हारी फीस माफ करवा दें, तो क्या मन लगाकर पढ़ाई करोगे?” अब्दुल ने मासूमियत से ‘हाँ’ में सिर हिलाया। इसके बाद कलेक्टर ने उससे कहा, “अगर खुश हो तो ‘हैप्पी’ लिखकर दिखाओ।” अब्दुल ने बिना झिझक अपनी साफ हैंडराइटिंग में ‘हैप्पी’ लिख दिया। जिसे कलेक्टर भी खुश हुए।
तुरंत दिए फीस माफ के निर्देश:
अब्दुल की लगन और मासूम जवाब से प्रभावित होकर कलेक्टर भी खुद को रोक नही पाए और तुरंत कलेक्टर मिश्रा ने तत्काल डीपीसी ,जिला परियोजना समन्वयक को बुलाया और संबंधित शाला से बात कर फीस माफ कराने या किसी दानदाता से फीस स्पॉन्सर करवाने के निर्देश दिए।
यह दृश्य न सिर्फ जनसुनवाई में मौजूद लोगों को भावुक कर गया, बल्कि यह भी दिखा गया कि यदि सच्ची लगन हो, तो मदद के हाथ खुद आगे बढ़ जाते हैं।