
इंदौर,। टेगौर मार्ग स्थित हिन्दी साहित्य समिति के सभागृह में संस्था मेक म्युजिक की मेजबानी में सुर अंजलि ग्रुप द्वारा संगीत प्रेमी श्रोताओं के लिए किशोरांजलि का रंगारंग आयोजन किया गया, जिसमें सदी के महान गायक किशोर कुमार के जन्मदिन पर उन्हीं के गाए प्रख्यात 28 सदाबहार गीतों की प्रस्तुति करीब 15 गायक-गायकों द्वारा दी गई। संस्था के निर्देशक राजीव राय के मार्गदर्शन में इन कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से गीत और संगीत प्रेमी रसिक श्रोताओं को अंत तक बांधे रखा।
कार्यक्रम की शुरूआत संगीता पुराणिक ने जिंदगी प्यार का गीत है…..से की। इसके बाद संजय पाठक ने कहना है-कहना है…, विजय अरोरा ने पल-पल दिल के पास…., भूपेन्द्रसिंह ने समा है सुहाना…, मनोज नायर ने फिर वही रात है…, किशोर पांडव ने जीवन से भरी तेरी आंखें…, शिरीष गोडबोले ने ओ मांझी रे…, नरेश जैन ने मेरी भीगी-भीगी सी पलकों…., वंदना अग्रवाल ने मेरे नयना सावन भादो…, सुनयना नाईक ने छूकर मेरे मन को…, कल्पना साकेत ने ओ साथी रे…., आशा निसारगंध ने देखा एक ख्वाब तो…., वसुंधरा पाठक ने ये जीवन है… जैसी सदाबहार और मदमदस्त प्रस्तुतियों से श्रोताओं को हर तरह के मूड में डुबोए रखा। अगले दौर में किशोर कुमार के हर मूड के प्रतीक गीतों की प्रस्तुतियों में गुम है किसी के प्यार में…., आपकी आंखों में कुछ…, तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा नहीं…., जाने कैसे, कब-कहां…., इंतेहा हो गई…., देखा एक ख्वाब तो…., तू तू है वही…., एक मैं और एक तू.. जैसे गीत युगल जोड़ियों ने प्रस्तुत किए जो श्रोताओं के दिलों पर पूरे समय राज करते रहे। कार्यक्रम के अंत में संस्था के आधार स्तंभ राजीव राय ने किशोर दा का कालजयी गीत ‘घूंघरू की तरह बजता ही रहा हूं मैं’ सुनाकर श्रोताओं की आंखें नम कर दी। मंच का संचालन किया अलका सैनी ने, कार्यक्रम में संगीत की बागडोर हेमेन्द्र महावर की टीम ने संभारी, जिसमें की बोर्ड पर रूपक जाधव, आक्टोपेड पर सचिन मोरे, तबले पर विकास वर्मा, गिटार पर अनुभव भारद्वाज और ढोलक, बोंगो एवं कांगों पर हेमेन्द्र ने शानदार संगत देकर इस सुहानी शाम को और दिलचस्प बना दिया। अंत में मां वैष्णो के भक्त गुरूजी ने आभार माना।



