अपने आपको जानने और परखने का दुर्लभ अवसर है चातुर्मास -विमलप्रभा
अंजनि नगर स्थित पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर पर मंगल कलश स्थापना संपन्न

अपने आपको जानने और परखने का दुर्लभ अवसर है चातुर्मास -विमलप्रभा
अंजनि नगर स्थित पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर पर मंगल कलश स्थापना संपन्न
इंदौर । आत्मशुद्धि, स्वाध्याय और साधना के लिए सबसे अनुपम अवसर है चातुर्मास । इन चार माह में साधु-संत एक ही स्थान पर विराजित होकर धर्म, ध्यान और प्रवचन के माध्यम से समाज को आचार-विचार से परिपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं। चातुर्मास अपने आप को जानने और परखने का भी दुर्लभ अवसर है।
एयरपोर्ट रोड स्थित अंजनि नगर स्थित पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर पर आर्यिका विजयामति मताजी की पट्ट शिष्या विमलप्रभा माताजी का 41वां वर्षायोग मंगल कलश स्थापना का कार्यक्रम रविवार को सौल्लास संपन्न हुआ। इस अवसर पर उक्त दिव्य विचार व्यक्त करते हुए गणिनी आर्यिका प.पू. विमलप्रभाजी ने समाजबंधुओं को अपने प्रथम प्रवचनों से उपकृत किया। मंदिर समिति के अध्यक्ष देवेन्द्र सोगानी ने बताया कि प्रथम मंगल कलश श्रेष्ठी का लाभ राजेश-संगीता काला, द्वितीय व तृतीय कलश श्रेष्ठी नागपुर के अतुलचंद-रानू जैन एवं चेतन जैन तथा आकाश कुमार-श्रीमती कमलादेवी जैन ने लिया। एक निश्चित राशि के 120 कलश अन्य समाजबंधुओं ने भी प्राप्त किए। इस अवसर पर जयपुर, टोंक, झालावाड़, जबलपुर, नागपुर, झालरापाटन सहित अनेक शहरों के गुरू भक्त परिवार भी शामिल हुए। प्रचार मंत्री ऋषभ पाटनी ने बताया कि सर्वप्रथम समाज के हेमंत-अनिता गदिया परिवार ने ध्वाजरोहण किया तदपश्चात आदिनाथ बाग रामचंद्र नगर में पाद प्रक्षालन शास्त्र भेंट करने की क्रिया संपन्न हुई। संगीत की मधुर स्वर लहरियों के बीच सोनाली जैन और उनके साथियों ने वंदना प्रस्तुत की। संचालन पं. नितिन झांझरी ने किया और आभार माना अक्षय काला ने। गणिनी आर्यिका विमलप्रभा माताजी की आयु 75 वर्ष है और उनकी दीक्षा के 41 वर्ष हो चुके हैं। इंदौर में उनका यह 41वां वर्षा योग हो रहा है।