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वन विभाग ने भी नागपंचमी मनाई, सात रेंजों में टीमों ने सांपों को जब्त कर जंगल में छोड़ा।
धार में नागपंचमी पर 33 सांपों को मुक्त कराया वन विभाग ने की कार्रवाई,

आशीष यादव धार
नागपंचमी के अवसर पर जहां एक ओर शहर जिले में मंदिरों में पूजा-अर्चना और नागदेवता का विशेष श्रृंगार किया गया, वहीं दूसरी ओर वन विभाग ने इस बार भी सक्रियता दिखाते हुए 33 सांपों को सपेरों से मुक्त कर जंगल में सुरक्षित छोड़ा। हर वर्ष की तरह इस बार भी कुछ स्थानों पर सांपों को पकड़कर प्रदर्शन के लिए कॉलोनियों और सार्वजनिक स्थानों पर लाया जा रहा था। वन विभाग द्वारा बनाई गई सात रेंजों में विशेष निगरानी टीमों ने समय रहते कार्रवाई कर वन्यजीवों को सुरक्षित किया।
यह कार्रवाई भारतीय वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत की गई है, क्योंकि सांपों को बंदी बनाना और जबरन दूध पिलाना एक अपराध है। वन विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि यदि वे कहीं सांपों का अवैध प्रदर्शन देखें, ती तत्काल विभाग को सूचित करें। विभाग की त्वरित कार्रवाई से इस बार भी सैकड़ों लोगों को जागरूक किया गया और सांपों को प्राकृतिक वातावरण में छोड़ा गया।
धामनोद मंदिर एवं बाजार में खलघाट धरमपुरी पिपलदागडी नर्मदा नदी घाट पर सतत भ्रमण करवाया गया कही पर सपेरे नहीं मिला है। नाग पंचमी के अवसर पर वन परिक्षेत्र मांडव अंतर्गत परिक्षेत्र सहायक मांडव, नालछा, बगड़ी एवं लवाणी द्वारा अपने अपने क्षेत्र में उनके अधीनस्थ स्टॉफ के साथ सपेरों के द्वारा सांप के प्रदर्शन जैसी गतिविधि में देखरेख हेतु गश्त की गई।
वही कार्रवाई धार के सरस्वती नगर और प्रकाश नगर क्षेत्रों में की गई। वहां कुछ सपेरे सार्वजनिक रूप से सांपों का प्रदर्शन कर रहे थे। नागरिकों से मिली सूचना के बाद उड़नदस्ता प्रभारी राजेन्द्र राठौड़ के नेतृत्व में टीम ने मौके पर पहुंचकर सांपों को बरामद किया। डीएफओ के निर्देशानुसार इस कार्रवाई में जनभावनाओं का विशेष ध्यान रखा गया। सपेरों को सम्मानपूर्वक समझाया गया कि वन्यजीवों के साथ दुर्व्यवहार और उनका प्रदर्शन न केवल अनैतिक है, बल्कि कानूनन अपराध भी है। सांपों की स्थिति की जांच के बाद उन्हें सुरक्षित स्थान पर छोड़ा गया।
वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के अंतर्गत संरक्षित प्रजातियों जैसे सांप को पकड़ना, उनके साथ क्रूरता करना या उनका प्रदर्शन करना प्रतिबंधित है। ऐसा करने पर दंड का प्रावधान है।