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अब नहीं मिलेगा धार वन विभाग को जमीनीस्तर कार्य करने वाला डीएफओ, सालों से जमे ठेकेदार को किया धार से रवाना।

सोलंकी द्वारा लगातार कार्यवाही करके अवैध गतिविधियों पर लगाया लगाम। डीएफओ के जाने से उदास कर्मचारी।

आशीष यादव धार
लम्बे समय बाद अगर धार वन मंडल को कोई अधिकारी मिला था तो वह अशोक कुमार सोलंकी दबंग अधिकारियों में से थे। जिन्होंने कर्मचारी को कार्य करने की ललक जगाई और निचली कर्मचारी से लगाकर रेंजर एसडीओ रैंक के अधिकारीयो से एक सा व्यवहार करना उनके के स्वभाव में था वही दो साल के कार्यकाल में जमीनीस्तर पर कार्य करवाए वहीं धार वनमंडल में ठेकेदारों का आधिपत्य भी खत्म किया। जो अधिकारी वह कर्मचारियों को अपने इशारों पर चलाते थे वहीं सोलंकी के आने के बाद से ही विभाग में ठेकेदारों की छुट्टी होने लगी वहीं इस बार टेंडर प्रक्रिया का आरोप लगाते हुए कहीं ठेकेदारों ने डीएफओ पर आरोप लगाया मगर जमीन स्तर पर देखा जाए तो टेंडर प्रकिया में पारदर्शित रहती हे। इसमें विभाग का कोई लेना देना नहीं होता हे वहीं सभी टेंडर आनलाइन व जेम पोर्टल के माध्यम से आवेदन होता है इसमें वन विभाग के कोई कर्मचारी का कोई लेना देना नहीं होता हे वहीं धार में जमे ठेकेदारो को डीएफओ ने काम सही नहीं करने के चलते चलता किया भी किया हे वह अपने काम के लिए जाने जाते थे। धार कार्यालय में बाहरी लोगों का आना जाना था जो आए दिन कार्यालय में दस्तावेज देखते रहते थे वहीं डीएफओ पूरे कार्यालय में तीसरी आंखों को लगाकर निगरानी शुरू की।
जमीन याद दिलाई, लम्बे समय पदस्थ रहे डीएफओ:
जहां सालों से मंत्री व नेताओं के दम पर उछल कूद करने वाले कुछ ठेकेदारों को धार डीएफओ ने घर का रास्ता बता दिया वही काम में भ्रष्टाचार व घटिया सामग्री का माल सप्लाई करते थे वहीं धार में पदस्थ होने के बाद  खुद सामग्री को देखते थे सामग्री की क्वालिटी किस प्रकार की है अगर सामग्री की क्वालिटी सही नहीं होती थी तो वापस पहुंचा दिया जाता था जिसके कारण ठेकेदार साहब को हटाने में लगे थे। मगर सहाब के कार्यकाल के दो साल पूरे हो गए थे जिसके कारण उन्हें यहां से हटाया गया वहीं अब तक के सबसे अधिक समय डीएफओ पद पर रहने वाली लिस्ट में सोलंकी का नाम दूसरे नंबर पर आता है।
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काम में लापरवाही करने में एक दर्जन कर्मचारी पर हुई कार्यवाही:
धार में डीएफओ के आने के बाद से ही हर दूसरे दिन फील्ड में दौरा करते थे वहीं सात वन परिक्षेत्र मे अलग-अलग दिन का शेड्यूल बनाकर घूमते थे वही जिसके कारण काम में लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जिसमें अब तक एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों को निलंबित किया गया साथ ही कहीं कर्मचारी जो सालों से जमे थे उनको यहां से अन्य जगह भी स्थानांतरण किया। सोलंकी की तबादले की खबर मिलते ही धार कार्यालय में कर्मचारियों के चेहरे उतरे हुए दिखाई दिए क्योंकि डीएफओ की कार्यशैली से कर्मचारी खुश थे वहीं दूसरी ओर काम ना करने वाले कर्मचारियों में खुशी देखी गई। वहीं प्रदेश में सबसे पहले जंगलों में जाकर जनता के साथ खाटला बैठक कर वन मित्र बनकर जंगल बचाने की सीख भी धार डीएफओ अशोक कुमार सोलंकी ने दी थी।

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