परेशान किसान सड़क क्योंकि उनकी मेहनत की फसल का नहीं मिल रहा दाम किसानो का आरोपी व्यापारी लेगे खुद के फायदे में
पीएम ओर सीएम के भावांतर योजना के फ्लेक्स फाड़े, जलाने का किया प्रयास शहर में दो जगह किया जाम।

आशीष यादव धार
कहने को किसान देश का अन्नदाता होता मगर अपनी उपज का सही दाम मिलता हे तो वह सड़क पर भी जा जाता हे ऐसा ही नजारा आज धार मंडी के साथ साथ बदनावर में देखने को मिला इस समय मंडियों में भावांतर योजना में किसानों की सोयाबीन खरीदी जा रही है मगर सोयाबीन का भाव सही नहीं मिलने के कारण किसान नाराज नजर आ रहे क्यों कि चार महीने दिन रात कर अपनी फसल को तैयार करता मगर मंडी आते-आते कम दामों में बेचने को मजबूर होते किसानों का गुस्सा इस कदर फूटा कि मंडी रोड जाम कर दिया किसान सड़क पर बैठकर सरकार व व्यापारीयो के खिलाफ नारे लगाने लगे वहीं अपनी फसलों का दाम सही लगाने की बात कहते रहे। वहीं देर शाम बैठकर किसान व व्यापारियों के साथा प्रशासनिक अधिकारियों सीएसपी सुजवाल जग्गा, तहसीलदार दिनेश उईके, थाना प्रभारी समीर पाटीदार और मंडी सचिव एमआर जमरे यातायात टीआई प्रेम सिंह ठाकुर ने किसानों से बातचीत की। करीब ढाई घंटे की समझाइश के बाद किसानों ने आंदोलन समाप्त किया और पुलिस ने यातायात बहाल कराया।

सुबह सुबह किया जाम परेशान हुए लोग:
किसानों का गुस्सा उस वक्त फूट पड़ा, जब सोयाबीन के दाम अचानक घटने से उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ा. उचित मूल्य की मांग को लेकर किसानों ने कृषि उपज मंडी से निकलकर छत्रीपुरा चौराहे पर चक्का जाम कर दिया. किसानों का आरोप है कि मंडी में कल तक सोयाबीन 3500 प्रति क्विंटल में खरीदी जा रही थी, लेकिन आज दाम घटाकर मात्र 3900 कर दिए गए. जबकि सरकार द्वारा भावांतर योजना के तहत न्यूनतम मूल्य 4000 के ऊपर तय किया गया है. किसानों का कहना है कि व्यापारी मनमाने तरीके से रेट घटाकर उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैं.किसानों का कहना है कि भावांतर योजना का लाभ केवल 35 से 40 प्रतिशत किसानों को ही मिल पा रहा है, जबकि लगभग 60 प्रतिशत किसान व्यापारी को अपनी उपज बेचने को मजबूर हैं, जहां उन्हें तय मूल्य नहीं मिल रहा। वहीं किसानों का कहना हे कि सरकार हमारे साथ छलावा कर रही हे।

इसबार फसल खराब हो गई ओर ऊपर से भाव:
जहा इस बार किसानों को पहले सोयाबीन की फसलों में बीमारियों के कारण खराब हो गई थी तो कम उत्पादन आने से नुकसान उठाना पड़ा और अब दूसरी ओर सरकार के दोहरे रवैया के कारण किसान को मंडी व घरों से निकलकर सड़क पर आना पड़ रहा हे
भावांतर योजनाओं में किसानों के साथ छलावा हो रहा है इसमें व्यापारियों का फायदा अधिक हो रहा हे वहीं किसानो ने बताया कि फसल पहले ही प्रभावित हो चुकी है, ऊपर से अब बाजार में उचित दाम न मिलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति और बिगड़ गई है. अगली फसल के लिए खाद और बीज खरीदने में भी उन्हें कठिनाई उठानी पड़ रही हे।
किसान बोले-भावांतर योजना के तहत अपेक्षित भाव नहीं मिल रहा
गुरुवार को मंडी में सोयाबीन 3500 से 4000 रुपए प्रति क्विंटल की बोली पर खरीदी जा रही थी। किसानों का आरोप है कि उन्हें भावांतर योजना के तहत अपेक्षित भाव नहीं मिल रहा हे, जिससे वे आक्रोशित हो गए और विरोध प्रदर्शन किया।
किसान सोहन ने बताया कि वे ग्रेडिंग का सोयाबीन बेचने आए थे, लेकिन उन्हें 3500 से 3800 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा था। उनका कहना था कि भावांतर योजना के तहत उन्हें कम से कम 4500 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिलना चाहिए था। व मॉडल रेट भी तय करना चाहिए।
दाम नहीं मिलने से दो जगह किया जाम:
सुबह किसानों द्वारा दो घंटे से अधिक समय तक छत्रीपुरा चौराहे पर चक्का जाम जारी रहा। इस दौरान तहसीलदार और मंडी सचिव लगातार किसानों से संवाद करते रहे, वहीं फिर किसानों व व्यापारियों के साथ अधिकारों ने बैठकर में करके समस्याओ को सुना। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उचित मूल्य की गारंटी नहीं दी गई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.सोयाबीन की कम कीमतों नाराज किसानों ने सड़क पर उतरकर विरोध जताया। दीपावली के बाद से मंडी में सोयाबीन की भारी आवक हो रही है, लेकिन किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए दो दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि सुबह 6 बजे से लाइन में लगने के बावजूद शाम तक ट्रॉली को मंडी में प्रवेश नहीं मिल पाता। मजबूरन उन्हें रातभर मंडी परिसर में रहना पड़ता और अगले दिन नीलामी में माल बेच पाते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में दो दिन तक का समय लग रहा है, जिससे किसान बेहद नाराज हैं।
भावांतर योजना के फ्लैक्स फाड़े:
वहीं आक्रोशित किसानों में मंडी के ग्रेट पर लगे फैक्स शेष शुरुआत की वहीं जिसमें प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की फोटो थी और भावांतर योजना के बारे में था जिसको देख किसान पुत्र का गुस्सा फूट पड़ा और
भावांतर योजना का फ्लैक्स फाड़ दिए। कुछ किसानों ने इन्हें जलाने की कोशिश भी की। हालांकि पुलिस ने समय रहते उन्हें रोक लिया। वहीं दूसरी ओर सैकड़ों किसान घोड़ा चौपाटी पर पहुंचकर सड़क जाम कर दी भी मौके पर सीएसपी सुजवाल जग्गा ओर यातायात टीआई प्रेम सिंह ठाकुर ने समझाइश देकर जमा खुलवाया।चक्काजाम और ट्रॉलियों की लंबी कतारों के कारण कालिका माता मार्ग, मोतीबाग चौक और धारेश्वर मार्ग पर यातायात प्रभावित रहा। स्थानीय नागरिकों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लोगों का कहना है कि यदि स्थिति जल्द नहीं सुधरी तो आने वाले दिनों में विवाद की स्थिति बन सकती है। पिछले वर्ष भी ऐसे ही हालात में स्थानीय चौकी पर हंगामे की स्थिति
शाम को मंडी पहुंचे कलेक्टर ओर एसपी:
सुबह मंडी बंद के बाद शहर वो जिले में किसानों का आक्रोशीत हो गए थे देर शाम कलेक्टर प्रियंक मिश्रा व एसपी मयंक अवस्थी ने कृषि उपज मंडी का औचक निरीक्षण कर सोयाबीन भावांतर भुगतान योजना के तहत चल रही खरीदी व्यवस्थाओं का विस्तार से जायजा लिया। अधिकारियों ने मंडी परिसर में खरीदी केंद्रों, तुलाई व्यवस्था, भुगतान प्रक्रिया तथा किसानों के लिए की गई सुविधाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि किसानों और व्यापारियों के बीच संबंध बहुत पुराने हैं, और यदि कभी कोई छोटी-मोटी समस्या आती भी है, तो उसे आपसी सहमति से सुलझा लिया जाता है। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने मंडी में पेयजल, तुलाई, भुगतान और सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा संबंधित अधिकारियों को पारदर्शिता और समयबद्धता बनाए रखने के निर्देश दिए। इस अवसर पर एसडीएम राहुल गुप्ता मंडी सचिव एमआर जमरे, डीडीए ज्ञानसिंह मोहनिया व अन्य संबंधित कर्मचारी उपस्थित रहे।
 
				 
					
 
						


