तेंदुए का आतंक, दो ग्रामीणों पर किया हमला वही बचाव में किया तेंदुए पर हमला मौके पर मौत झाबुआ में पानी भरने गए युवक पर हमला।
धार झाबुआ अलीराजपुर में लगातार बढ़ने लगे तेंदुओं के मुवेंट कर रहे इंसानों पर हमला।

आशीष यादव धार-अलीराजपुर-झाबुआ
वन क्षेत्र में आठ दिन बाद फिर तेंदुए का आतंक लौट आया है। ग्राम बेसवानी के पटेल फलिया में तेंदुए ने दो बकरों का शिकार किया है, वहीं मवेशी चराने जंगल गए दो ग्रामीणों पर भी हमला कर उन्हें घायल कर दिया। दोनों घायलों को गुजरात के बोड़ेली रेफर कर दिया गया है।। ग्राम बेसवानी से करीब छह किमी दूर ग्राम कुंडवाट में सात जुलाई को तेंदुए ने आतंक मचाया था। यहां बकरी का शिकार होने की सूचना के बाद वन विभाग की टीम सर्चिग के लिए पहुंची थी। इस दौरान तेंदुए ने वनपाल जीवन प्रकाश मंडलोई और वनरक्षक विपुल चौहान पर हमला कर दिया था। विपुल घायल होने के बाद भी किसी तरह तेंदुए के चंगुल से निकल गए थे, हालांकि वनपाल मंडलोई पर लगातार हमला कर रहा था। इस बीच गांव के कविंद्र पुत्र टूटिया ने साहस दिखाते हुए पत्थरों से हमला कर तेंदुए को भगाया तथा मंडलोई की जान बचाई थी। इसके बाद इंदौर से पांच सदस्यीय रेस्क्यू दल तेंदुए को पकड़ने के लिए यहां पहुंचा था। आलीराजपुर की वन विभाग की 12 सदस्यीय टीम भी सहयोग के लिए साथ आई थी। ड्रोन कैमरे की मदद से जंगल में सर्चिग के साथ ही मौके पर दो पिंजरे भी लगाए गए थे। हालांकि विभाग को सफलता नहीं मिली थी। अब तेंदुए का आतंक करीब छह किमी दूर बेसवानी के जंगल में छा गया है। ग्राम कुंडवाट के पटेल शमशेरसिंह ने बताया कि मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात तेंदुए ने बच्चू चौहान के घर में घुसकर बकरे का शिकार किया। इसके बाद बुधवार सुबह बाहर चारा खा रहे बकरे को तेंदुआ उठा ले गया। तेंदुए का आतंक यहां ही नहीं थमा। बुधवार दोपहर उसने जंगल में मवेशी चराने गए वीरेंद्र और केसल सिंह को हमला कर घायल कर दिया और फिर भाग निकला। पटेल ने कहा कि क्षेत्र में तेंदुए के मूवमेंट से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
लगातार हो रहे हमले:
वही क्षेत्र में तेदुओं के हमले देखने को मिल रहे है वही ग्रमीणों को समझाइश भी दी जा रही है कि अकेले जंगल मे ना जाए वही साथ झुंड में पशुओं को चलवाया जाए। यह 8 दिन में दूसरी बड़ी घटना देखने को मिली है। घटना की सूचना मिलते ही वनमंडल अलीराजपुर की टीम मौके पर पहुंची और मौका पंचनामा, फोटोग्राफ,और अन्य दस्तावेज तैयार कर मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने क्षेत्र में वन्यजीवों की उपस्थिति और सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। वन विभाग ने ग्रामीणों से सतर्कता बरतने की अपील की है और पूरे मामले में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
शिकार की तलाश में फिर बस्ती की ओर आया:
वन विभाग के एसडीओ एएस ओहरिया ने बताया कि तेंदुआ एक बार बकरे का शिकार कर ले तो उसे आठ दिन आहार की जरूरत नहीं होती। करीब आठ दिन पहले ही उसने कुंडवाट क्षेत्र में शिकार किया था। यहां रेस्क्यू आपरेशन भी चलाया गया, हालांकि सफलता नहीं मिली थी। संभवतः तेंदुआ जंगल के दूसरे भाग में चला गया था। अब फिर शिकार की जरूरत हुई तो वह बस्ती की ओर लौट आया है। अब बेसवानी के जंगल में पिंजरे लगाए जाएंगे। फिलहाल कुंडवाट में एक पिंजरा लगा है।
झाबुआ में तेंदुए का हमला, ग्रामीण घायल:
वन मंडल झाबुआ के अंतर्गत वन परिक्षेत्र झाबुआ की बीट झाबुआ के राजस्व क्षेत्र ग्राम भूत खेड़ी में गुरुवार सुबह 9 बजे तेंदुए ने एक ग्रामीण पर हमला कर दिया। रतन पिता मोती बामनिया पर उस समय हमला हुआ, जब वह नदी से पानी लेने जा रहा था। हमले में उसके सिर में चोट और गले पर खरोंच आई है। घटना के बाद घायल रतन को तत्काल झाबुआ अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका उपचार किया जा रहा है। चिकित्सकों के अनुसार उसकी स्थिति सामान्य है। उप मंडल अधिकारी झाबुआ ने अस्पताल पहुंचकर न केवल रतन के स्वास्थ्य की जानकारी ली, बल्कि इलाज के प्रोटोकॉल पर डॉक्टर से चर्चा भी की।
वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और ग्रामीणों को सतर्कता बरतने की समझाइश दी गई है। साथ ही दो कर्मचारियों की निगरानी के लिए ड्यूटी लगाई गई है।