
बड़वानी
आपके लिए कुछ भी असम्भव नहीं है। आप जो करना चाहते हैं वो कर सकते हैं। स्वयं पर विश्वास रखें. खुद को संकीर्ण दायरे में बांधकर न रखें। प्रगति की कोई सीमा नहीं होती है. आप अपने से भी प्रतिस्पर्धा करें और स्वयं को स्वयं का बेहतर वर्जन बनाने की कोशिश करें। जो आपका मस्तिष्क सोच सकता है, उसे आप मूर्त रूप दे सकते हैं। जिसकी आप कल्पना कर सकते हैं, उसकी आप रचना भी कर सकते हैं. आपका सबसे अच्छा मित्र है आपका खुद पर विश्वास। अपने आत्मविश्वास को कभी डिगने मत देना. दोहराना जरूरी है. इतनी बार रिवीजन कीजिये कि विषय आपको आत्मसात हो जाए. ये प्रेरक बातें व्यावसायिक प्रशासन विभाग की मैनेजमेंट की प्रो. गंगोत्री राणे ने कहीं।
कार्यकर्ता प्रीति गुलवानिया और वर्षा मुजाल्दे ने बताया कि प्रो राणे ने प्रेरक कहानियों के माध्यम से युवाओं का उत्साहवर्धन किया और उन्हें लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम का ओजस्वी संचालन छात्रा वेदांती मोहन पाटीदार ने किया। हर्षिता यादव ने पुष्प गुच्छ से स्वागत ने किया। प्रशांत गीते ने स्मृति चिह्न प्रदान किया. विद्यार्थी विष्णु चैहान और हेमा राठौर ने स्वाट विश्लेषण प्रस्तुत किया।
आयोजन में सहयोग सुरेश कनेश, स्वाति यादव, कन्हैयालाल फूलमाली, सुभाष चैहान, तुषार गोले, पूनम कुशवाह, डॉ. मधुसूदन चैबे ने किया।