पल भर में खाक, रावण दहन पर लगे ‘जय श्रीराम’ के जयकारे जय लंकेश के साथ हुआ बुराई का अंत अहंकार टूटा धू-धू कर जल उठा पुतला।
51 फीट का रावण दहन देखने के लिए हजारो लोग किला मैदान में जुटे शहर में दो स्थानों पर हुआ रावण दहन।

आशीष यादव धार
शहर के दहशरा मैदान और किला मैदान में बुराई के प्रतीक रावण का दहन किया गया। श्रीराम का अग्निबाण रावण की नाभी में लगते ही पुतला जलने लगा। इससे पहले जोरदार रंग बिरंगी आतिशबाजी की गई, दहन के बाद भी चलती रही। श्रीराम का अग्निबाण लगते ही कुछ मिनट तक रावण का पुतला जलता रहा। रावण दहन को लेकर शहर के लोगों में जबरदस्त उत्साह रहा। दोनों मैदान जनता से खचाखच भरे हुए थे। स्थिति यह थी कि मैदान के बाहर भी हजारों लोगों ने खड़े होकर रावण दहन कार्यक्रम को देखा। शाम 7 बजे से किला मैदान पर आतिशबाजी शुरू हो गई थी। रावण का पुतला चारों तरफ घूम रहा था। लोगों ने उसके साथ सेल्फी ली और परिवार के साथ फोटो खिंचवाई। 7.30 बजे श्रीराम, लक्ष्मण और हनुमानजी खुली जीप में सवार होकर शोभायात्रा के रूप में किला मैदान पर पहुंचे। उनके आगे बैंड-बाजे चल रहे थे। इसके बाद मंच पर तीनों का पूजन हुआ। हनुमानजी ने रावण के पुतले के पास पहुंचकर उसकी घौटा से पिटाई की।
असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक विजयादशमी पर्व:
यह पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। गुरुवार की शाम को नौगांव स्थिति किला मैदान पर देर शाम सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति ने 51 फीट का रावण जलाया। और दशहरा मैदान में नगरपालिका की ओर से 51 फीट का रावण बनाया था। दोनों जगह भव्य आतिशबाजी की गई। जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी। जलते ही अटठहास करते हुए रावण का अंहकार टूट गया। दो मिनट के अंतराल में बुराई का अंत हुआ और पुतला धू-धूंधकर जल उठा। इसी के साथ किला मैदान जय-जय सियाराम के जयघोष से गूंज उठा। दशहरा मैदान में हिंदू उत्सव समिति ने राम, लक्ष्मण, हनुमान की झांकी का जुलूस न निकाला। वहीं शाम 7:30 बजे रावण दहन किया जाएगा।
किला मैदान पर उमड़ी लोगों की भीड़:
सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति ने किला मैदान पर रावण के पुतले का दहन किया। यहां 360 डिग्री घूमते हुए पुतला तैयार किया गया था। जलता हुआ तीर लगने के बाद पुतला जल उठा। कार्यक्रम संयोजक भगतसिंह चौहान व मनोज़ चौहान ने बताया कि रावण दहन के लिए परपंरागत चल समारोह निकला। इसमें राम, लक्ष्मण, हनुमान की वानर सेना शामिल रही। करीब एक घंटे तक आतिशबाजी चली। इसमें आसमान पर सतरंगी छटा बिखेर गई। इस नजारे को देखने के लिए हजारों की भीड़ पहुंची। वहीं समिति सदस्य पर्वत सिंह चौहान, कुलदीप बुंदेला, टोनी छाबड़ा, द्वारकाधीश राठोड़ , अध्यक्ष राधेश्याम सेन तथा विशेष अतिथि घनश्याम मेरवानी रहेंगे । कुलदीप सिंह डंग ,उपाध्यक्ष लखन मकवाना ,सचिव मनीष भार्गव तथा सहसचिव संजय उपाध्याय सर्वानुमति से चुने गए। श्रीकांत द्विवेदी ने शहर तथा आसपास के नागरिक व अधिकाधिक उपस्थित थे।
बाहर भी हजारों लोग खड़े थे, लगा जाम:
रावण दहन को देखने के लिए लोगों में इतना जबरदस्त उत्साह था कि पूरा मैदान खचाखच भरा हुआ था। वहीं मैदान के बाहर भी हजारों की संख्या में लोग खड़े हुए थे। कार्यक्रम करीब एक घंटे तक चला। इस दौरान घोड़ा चौपाटी पर आदर्श सड़क और लालबाग में वाहनों की पार्किंग थी। घोड़ा चौपाटी से लेकर किला मैदान तक पूरी तरह से जाम लगा रहा। कार्यक्रम के बाद किला मैदान से घोड़ा चौपाटी तक पहुंचने में 15 मिनट लग गए। इसके बाद त्रिमूर्ति चौराहे, अस्पताल रोड और मोहन टॉकीज रोड पर करीब 25 मिनट तक जाम लगा रहा। इस व्यवस्था में एसडीएम राहुल गुप्ता, तसीलदार दिनेश उईके, एडिशनल एसपी विजय डाबर, डीएसपी आनंद तिवारी, आरआई पुरुषोत्तम विश्नोई , टीआई सुनील शर्मा, यातायात टीआई प्रेमसिंह ठाकुर, रोहित निकम्म, अजितसिंह कुशवाह आदि कर्मचारी ने व्यवस्था संभाली

विजय मंदिर में आज मनेगा उत्सव:
विजय मंदिर में आज मनेगा उत्सव के लिए शहर के विजय मंदिर में शुक्रवार को सम्पूर्ण हिंदू समाज द्वारा विजय उत्सव मनाया जायेगा। बताते है कि महाराजा भोज ने अपने पराक्रम से तेलंगाना विजय के उपरांत कीर्ति अर्जित थी। इस अवसर पर आज से 1000 वर्ष से ज्यादा साल पूर्व धार में विजय मंदिर स्थापित किया था। विजय के प्रतीक के रूप में एक विजय स्तंभ को लगाया गया था. जो आज भी वहां स्थापित है। दशहरे के दिन शहर का हिंदू समाज विजय को आज भी विजय उत्सव के रूप में यहां मनाता आ रहा हैं।