
सेंधवा। आरोग्य भारती मालवा प्रांत और नीमा इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्थाेपेडिक्स एंड रिहैबिलिटेशन ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में रविवार को इंदौर में दिव्यांगजनों के लिए एक विशिष्ट सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें श्री कांता विकलांग सेवा ट्रस्ट झाकर, निवाली के पूर्व छात्र-छात्राएं एवं वर्तमान में अध्यनरत दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने मंच से अपनी प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। दिव्यांग बच्चों ने गायन से लेकर आदिवासी नृत्य युगल नृत्य सहित समूह नृत्य आदि ऐसी 11 शानदार प्रस्तुतियां दी कि डॉ. प्रमोद नीमा सहित सभागार में उपस्थित पदाधिकारी अपने आप को रोक नहीं पाए और खुद भी आदिवासी ढोल मांदल पर झूम-झूम के नाचें।
कार्यक्रम में उपस्थित ट्रस्ट के अध्यक्ष वल्लभदास अग्रवाल ने कहा कि दिव्यांग बच्चों के सफल उपचार के पश्चात दिव्यांगों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करना समाज को एक नई प्रेरणा मिलेगी। इस अवसर पर उन्होंने सफल आयोजन के लिए डॉ. नीमा एवं आयोजकों को बधाई देते हुए आभार प्रकट किया। सहसचिव विष्णुप्रसाद अग्रवाल ने बताया कि
दिव्यांग बच्चों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वे इतने बड़े मंच और सभागार में उपस्थित लोगों के बीच कार्यक्रम देंगे। इनके हौसले बड़े बुलंद थे। कार्यक्रम में श्रीकांता विकलांग सेवा ट्रस्ट झाकर की और से अंतिमबाला शर्मा ने ट्रस्ट की जानकारी दी, वहीं मंच से सुनील आर्य एवं अन्य दिव्यांग बच्चों ने अपनी विकलांगता की उपचार के बाद आए बदलाव पर भी अपनी बात बड़े जोश के साथ कहीं। ज्ञात हो कि तीन दिन पूर्व ही इन दिव्यांग बच्चों को नगरपालिका अध्यक्ष बसंती बाई यादव ने हरी झंडी दिखाकर इंदौर के लिए रवाना किया था। कार्यक्रम में सचिव राजेंद्र शर्मा, हॉस्टल वार्डन निशा शर्मा, आपसिंह खरते, तूफान डावर, रमेश रावत सहित पूर्व दिव्यांग छात्र छात्राएं व पालकगण उपस्थित थे।
बच्चों में उत्सुकता के साथ डर भी था-
बता दे की एक माह पूर्व से ही इन दिव्यांग बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारी अलग-अलग समूह में सेंधवा, बड़वानी ,एवं निवाली में चल रही थी । सेंधवा में श्रीमती मनीषा वडेरा ने सरस्वती वंदना, राम आएंगे अंगना सजाएंगे, थारो लहंगो रानी घूमी घूमी जाए एवं बड़वानी से श्रीमती मीनाक्षी गुप्ता ने भगवान है कहां रे तू…… मोटिवेशन थीम की तैयारी करवायी। निवाली में गणेश एसीकर द्वारा हम लोगों को समझ सको तो समझो एवं जय हो…. जैसे गीतों पर दिव्यांग बच्चों के नृत्य की तैयारी करवायी।
उक्त सभी कार्यक्रमों का समन्वय ट्रस्ट के शिक्षक राजेंद्र निकुम एवं हॉस्टल वार्डन सुनील पवार के द्वारा किया गया । सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी राजेंद्र निकुम ने बताया कि उक्त कार्यक्रम के प्रदर्शन को लेकर बच्चों को बड़ी उत्सुकता थी, परन्तु कुछ डर भी था। ऐसे में दिव्यांग बच्चों के डर को नृत्य सीखा रहे प्रशिक्षकों ने उनके डर को दूर किया। जिससे बच्चों ने इंदौर जैसे बड़े शहर में खचाखच भरे लता मंगेशकर सभागार में अपनी शानदार प्रस्तुतियां देकर जनसमुदाय को अचंभित कर दिया।