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सेंधवा में युवा उत्सव; आदिवासी लोकनृत्य से लेकर गणगौर नृत्य की प्रस्तुति ने मन मोहा, माइम से दिया संदेश और हास्य नाटिका ने हसांया

सेंधवा कॉलेज में युवा उत्सव की जिला स्तरीय गतिविधियां संपन्न।

सेंधवा। वीर बलिदानी खाज्या नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेंधवा में सोमवार को युवा उत्सव की जिला स्तरीय सांस्कृतिक एवं सांगीतिक गतिविधियों का आयोजन हुआ। शुभारंभ जनभागीदारी समिति के सदस्य श्री बद्री प्रसाद शर्मा एवं श्रीमती ज्योति सोनी के द्वारा मां सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। समाजसेवी बद्री प्रसाद शर्मा ने अतिथि टीमों का स्वागत करते हुए विद्यार्थियों से कहा आप अपना उत्साह बनाए रखे। यह उत्साह कभी आपको असफल नहीं होने देगा। यह मेरा तजुर्बा है। जनभागीदारी समिति सदस्य श्री निलेश अग्रवाल ने कहा सरकार का ध्येय है कि युवा उत्सव के माध्यम से कॉलेज के विद्यार्थियों में मौजूद प्रतिभा को उभारना है। प्रभारी प्राचार्य डॉ. संतोषी अलावा ने सभी सहयोग कर्ताओं का आभार माना। जिला स्तरीय इस सांस्कृतिक एवं सांगीतिक गतिविधियों में जिले के पानसेमल, निवाली, राजपुर, बड़वानी और सेंधवा के शासकीय महाविद्यालय की टीमों ने हिस्सा लिया। इसके तहत एकल नृत्य (शास्त्रीय), समूह नृत्य/लोकनृत्य, एकांकी, स्किट (हास्य नाटिका), मूक अभिनव (माइम), एकल गायन (सुगम), एकल गायन (पाश्चात्य), समूह गायन (पाश्चात्य), समूह गायन(भारतीय), एकल वादन आदि विधाओं में जिले के पांच महाविद्यालयों की टीम ने अपनी अपनी प्रस्तुति दी।

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आदिवासी लोकनृत्य से गणगौर नृत्य की प्रस्तुति –
एकल नृत्य के माध्यम से जहां शिव तांडव की प्रस्तुति दी गई। वहीं समूह नृत्य के माध्यम से आदिवासी लोकनृत्य से लेकर गणगौर नृत्य की प्रस्तुति दी गई। स्किट के माध्यम से मुर्ख नौकर की कारस्तानियों को उजागर किया गया। एकांकी नाटक के माध्यम से लिंग समानता के माध्यम से संदेश देने की कोशिश कि गई कि अधिकार और अवसरों तक पहुंच लिंग से अप्रभावित होना चाहिए, तभी हम मजबूत अर्थव्यवस्था, स्वस्थ समुदाय और सुरक्षित देश का मार्ग प्रशस्त कर सकेंगे। अन्य एकांकी के माध्यम एक नेता के साक्षात्कार के माध्यम से यह संदेश बताने की कोशिश कि गई कि आपका सही वोट आपके भावी भविष्य के लिए कितना जरूरी है। माइम के माध्यम मोबाइल की लती इंसानी आधुनिक प्रवृत्ति को दर्शाया गया है।

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युवा उत्सव प्रभारी प्रो अरुण सेनानी ने बताया कि
नृत्य विधा के निर्णायक श्रीमती मनीषा वडेरा, श्रीमती अनीता चतुर्वेदी, श्रीमती मेघा गोयल, गायन विधा में निर्णायक डॉ. ओ पीगंगे, डॉ. हर्षिता तावड़े, डाली शिवहरे, नाटक माइम एवं स्कीट विधा में निर्णायक फरीद खान, दिव्य कुमार वर्मा एवं प्राची चौहान रही। बड़वानी महाविद्यालय से प्रो. अरविंद परिहार, प्रो प्रिया बघेल, राजपूर महाविद्यालय से डॉ. सचिन यादव, डॉ पवन डावर, डॉ आरती पाल, निवाली महाविद्यालय से डॉ. बीएस चौहान, डॉ. पीसी किराड़े, डॉ. मेघा टटवाल, डॉ. शारदा खरते, पानसेमल महाविद्यालय से प्रो. आकाश गाड़वे अपने दल के साथ उपस्थित हुवे।

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इस अवसर पर पूर्व प्राचार्य डॉ. एचडी वैष्णव, प्रभारी प्राचार्य डॉ. संतोषी अलावा, युवा उत्सव समिति के सहप्रभारी डॉ. जितेश्वर खरते एवं सदस्य डॉ आरती कमेड़िया, डॉ वैशाली मोरे, डॉ राहुल सूर्यवंशी सहित महाविद्यालय परिवार और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ पियूष शर्मा द्वारा किया गया।

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