बड़वाह। प्राचीन जयंती माता ने छोड़ा अपना नवीन चोला, मंगलवार से माता के हजारों साल पुराने स्वरूप के होगे दर्शन….

कपिल वर्मा बड़वाह। वन क्षेत्र में स्थित पांडवों की कुलदेवी स्वयंभू प्रकट हुई माता जयंती ने सोमवार सुबह करीब चार बजे अपना नवीन चौला आधा छोड़ कर अपने हजारों वर्ष पुराने स्वरूप में आ गई हैं। माता जी के चोला छोड़ने के बाद पंडित रामस्वरूप शर्मा, पंडित महेंद्र शर्मा ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी। माता जी की प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति मे सुबह 6 बजे होने वाली आरती माता के सामने पर्दा लगाकर बाहर से की गई। इस दौरान आरती में शामिल सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सोमवार को सुबह माता के दर्शन पर्दे के बाहर लगे फोटो व शिखर के दर्शन किए।

पंडित महेंद्र शर्मा ने बताया कि यह एक देवीय चमत्कार है माता ने अपने नए स्वरूप का चोला छोड़कर हजारों साल पुराने सुंदर स्वरूप मे आ गई है। माता के दर्शन 24 घंटे तक नही हो सकेंगे।आज दिन भर माता का विधि विधान से पूजन अर्चन किया जाएगा। मंगलवार सुबह 6 बजे प्रातः आरती में माता के हजारों साल पुराने स्वरूप के भक्तो को दर्शन होगे। इस दौरान पंडित महेंद्र शर्मा ने यह भी बताया की ज्योतिष विद्या के अनुसार बड़वाह नगर पर कोई बड़ा संकट आने वाला था जिसे माता ने दूर करते हुए अपना चोला छोड़ा हैं, लेकिन अब मंगल ही मंगल होगा। इस दौरान महिम ठाकुर, सर्व ब्राह्मण समाज महासभा के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र पंड्या आदि उपस्थित रहे।