सेंधवा। बड़ी बिजासन से सेंधवा तक का सड़क मार्ग हुआ क्षतिग्रस्त, मरम्मत कार्य तुरंत प्रारम्भ करने की मांग

सेंधवा। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 03 जो कि म.प्र. से महाराष्ट्र को जोड़ता है इस फोरलेन सड़क के महाराष्ट्र से म.प्र. के प्रवेश द्वार बिजासन से खलघाट वाले हिस्से विशेष रूप से बिजासन से सेंधवा वाले हिस्से में मार्ग अनेक स्थानो पर क्षतिग्रस्त हो चुका है। अतः इसका मरम्मत कार्य तुरन्त प्रारम्भ करवाये जाने की मांग की गई है।
सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता बी.एल.जैन ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय को ई-मेल से शिकायत प्रेषित करते हुवे मांग की है कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 03 के इंदौर से मुम्बई वाले हिस्से मे महाराष्ट्र की सीमा से म.प्र. के बिजासन से खलघाट वाले हिस्से मे मार्ग अनेक स्थानो से क्षतिग्रस्त हो चुका है विशेष रूप से बिजासन से सेंधवा तक के हिस्से के मार्ग में अनेक स्थानो पर खराब स्थिति में है। लेकिन कंसेष्नायर द्वारा इसका मरम्मत कार्य प्रारम्भ नहीं करवाया जा रहा है, ना ही परियोजना निर्देशक इंदौर इस मामले में कोई कार्यवाही भी नहीं कर रहे है। इस कारण आम जनता को पुरा टोल टेक्स चुकाने के बाद भी खराब फोरलेन सड़क पर आवागमन के कारण वाहनो की नुकसानी तो होती ही है, गति भी बाधित होती है एवं अनेक बार दुर्घटनाओं मे कई लोगो को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ता है। अनुबंध की शर्ताे के मुताबिक सड़क का सतत् मरम्मत कार्य निरंतर होना चाहिये लेकिन स्पष्ट रूप से यहां ऐसा नही हो रहा है, अनेक स्थानो पर सड़क पर गढ्ढे पडे हुवे है जबकि इस मार्ग से प्रतिदिन 10 से 15 हजार वाहनो का आवागमन होता है और प्रत्येक वाहन से कंसेष्नायर टोल की वसुली कर रहे है। श्री जैन ने कहा कि खलघाट से बिजासन घाट के मध्य लगभग 75 कि.मी. मार्ग पर बीओटी योजना के तहत फोरलेन सडक का निर्माण कर सन् 2011 से इस मार्ग से टोल की वसुली प्रारम्भ हुई है। इसके पुर्व इस सडक की हालत बेहद खस्ताहाल थी उस समय हमेशा एक जुमला प्रचलित था कि मुम्बई याने महाराष्ट्र की ओर से जब आपको जान लेवा सडक से गुजरना पडे तो समझ लो कि आप म.प्र. में याने महाराष्ट्र और म.प्र. की सीमा बिजासन घाट में प्रवेश कर चुके है। आज से 13 वर्ष पुर्व प्रचलित वह जुमला वापस जीवन्त हो गया है !
बारिश समाप्ति को भी लगभग 1 माह बीत चुका है इसके बावजुद भी कंसेष्नायर द्वारा इसका मरम्मत कार्य अभी तक प्रारम्भ नहीं करवाया गया है ना ही परियोजना निर्देशक इंदौर इस मामले में कंसेष्नायर से सडक का मरम्मत कार्य भी नहीं करवा रहे है। जिससे टोल टैक्स चुकाने के बाद भी प्रतिदिन वाहन चालको को खराब सड़क पर यात्रा करने के लिये मजबुर होना पडता है। अतः इस मामले में तुरन्त कार्यवाही की मांग पत्र में की गई है।