इंदौर में झांकियों का रतजगा: हुकमचंद मिल की नरकासुर झांकी को पहला पुरस्कार

अनंत चतुर्दशी पर इंदौर की सड़कों पर झांकियों का ऐतिहासिक रतजगा हुआ। 12 घंटे तक चली भव्य झांकियों की परंपरा में हुकमचंद मिल की नरकासुर झांकी को पहला पुरस्कार मिला। दूसरे स्थान पर राजकुमार मिल और मालवा मिल की झांकियां रही, जबकि विशेष व तीसरे क्रम के पुरस्कार भी दिए गए।
झांकियों का नजारा, भीड़ का उत्साह
इंदौर में शनिवार शाम चिकमंगलूर चौराहे से शुरू हुई झांकियों की परंपरा 102वें साल में प्रवेश कर गई। रातभर चले इस आयोजन में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ी। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग पूरी रात सड़कों पर डटे रहे। झांकियों ने 12 घंटे में लगभग 6 किलोमीटर की दूरी तय की। जगह-जगह पुष्प वर्षा और स्वागत का सिलसिला चलता रहा।
निर्णायक कमेटी का फैसला
झांकियों के लौटने के बाद निर्णायक मंडल ने विजेताओं की घोषणा की। हुकमचंद मिल की नरकासुर झांकी ने पहला पुरस्कार जीता। राजकुमार मिल की लंका दहन झांकी और मालवा मिल की भगत के वश में भगवान झांकी को संयुक्त रूप से दूसरा स्थान मिला। तीसरा पुरस्कार ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित कल्याण मिल की झांकी को दिया गया। विशेष पुरस्कार स्वदेशी मिल और होप मिल को मिला।
आयोजन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
कलेक्टर आशीष सिंह ने ड्रोन से सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी की। पूरे मार्ग पर 3500 से अधिक पुलिस जवान तैनात रहे।
मंत्री ने गाया भजन, युवाओं ने किया गरबा
चल समारोह के दौरान मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भजन और देशभक्ति गीत गाए। युवाओं ने गरबा किया और अखाड़ों के बच्चों व युवतियों ने करतब दिखाए। माहौल भक्तिमय और उत्साह से भरपूर रहा।