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सरकार की नई नीति से स्कूलों संचालको में डर नियमो पर खरा उतारना बड़ी चुनौती, भौतिक सत्यापन, मापदंड पूरे न होने पर मान्यता होगी निरस्त।

जिले में 500 से अधिक प्राइवेट स्कूल, नए सत्र में मान्यता नवीनीकरण के लिए करना होगा आवेदन, विभागीय टीम करेगी सर्वे

आशीष यादव धार.

निजी स्कूल संचालको के लिए अब सरकार का नियमों का चाबुक चल रहा है। इसके लिए सरकार ने नवीन शिक्षा सत्र के लिए अभी से राज्य शिक्षा केंद्र ने कमर कस ली है। इसके तहत निजी स्कूलों में भौतिक सत्यापन करने के साथ जानकारी जुटाई जाएगी। जो स्कूल मापदंड पर खरे नहीं उतरेंंगे, उनकी मान्यता निरस्त हो सकती है। इस संबंध में बीते दिनों डीपीसी द्वारा जिले के सभी बीआरसी और जनशिक्षकों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए हैं। प्राइवेट स्कूलों को मान्यता संबंधित कागजी खानापूर्ति और आवेदन के लिए 23 जनवरी तक का समय दिया गया है। उल्लेखनीय है कि जिले में लगभग 500 से अधिक प्राइवेट स्कूल संचालित हो रहे हैं। जिसमें शैक्षिणक सुविधाओं के साथ ही खेल गतिविधि और भवन सुविधा के बारे में सर्वे रिपोर्ट तैयार होगी। इस आधार पर मान्यता देने का निर्णय लिया जाएगा। जिओ टैग के साथ अपलोड करेंगे होंगे फोटो राज्य शिक्षा केंद्र के आदेशानुसार निजी स्कूलों को शासन के सभी मापदंड पूरे करने पर ही मान्यता मिलेगी। ऐसे में उन स्कूलों पर खतरा मंडरा रहा है, जो आवासीय मकान अथवा छोटी जगह पर चल रहे है। नियमानुसार स्कूलों के पास खेल मैदान, प्रशिक्षित स्टाफ व सुविधाजनक परिसर होना अनिवार्य है। ऐसे में छोटे भवनों में किराए से चल रहे स्कूलों की मान्यता खतरे में पड़ सकती है। सर्वे के दौरान जन शिक्षक स्कूलों में पहुंचकर इन सभी ङ्क्षबदुओं की जानकारी जुटाएंगे। साथ ही जिओ टैग के साथ फोटो भी अपलोड किए जाएंगे।

80 फीसदी स्कूलों की मान्यता के लिए आवेदन:
शिक्षा विभाग के अनुसार जिले में पहली से 8 वीं तक 500 से अधिक निजी स्कूल हैं। जिनमें 80 प्रतिशत स्कूलों को फिर से मान्यता के लिए आवेदन करना है। यह आवेदन ऑनलाइन होंगे। पहली बार यह प्रक्रिया ऑनलाइन और आरटीई मोबाइल ऐप से होगी। जिसमें स्कूलों के भवन,खेल मैदान, कक्षा, शौचालय, पेयजल से लेकर स्टाफ की योग्यता से लेकर बैठक व्यवस्था दर्शाना होगी। पोर्टल के माध्यम से यह आवेदन बीआरसीए, डीपीसी के पास पहुंचने पर टीम भौतिक सत्यापन करने जाएंगी। अगर खामियां मिलती है तो सुधार का समय दिया जाएगा।

23 जनवरी तक किए जा सकेंगे आवेदन:
स्कूलों स्कूलों की मान्यता फिलहाल प्रक्रिया जारी है। वैसे इसकी शुरुआत दिसंबर माह से हो गई थी। 23 जनवरी अंतिम तिथि है। जिसमें स्कूलों को आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे। अगर कोई स्कूल कक्षाओं में परिवर्तन करना चाहता है तो उसके लिए भी आवेदन करना होगा। बीआरसी स्तर से 15 दिन में सत्यापन कर रिपोर्ट डीपीसी को भेजी जाएगी। किन्ही कारणों से मान्यता को खारिज करती है तो अपील करने का मौका मिलेगा। वही इसके लिए शासन स्तर पर टीम भी बनाई जायेंगी।

ज्यादा फीस नहीं बढ़ा सकेंगे संचालक:
निजी स्कूलों की मान्यता के लिए जहां शुल्क तय किए गए है। वहीं बच्चो की फीस पर भी नियंत्रण किया जा रहा है। अब स्कूल 10 प्रतिशत से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। इससे अधिक फीस बढ़ाने के लिए उन्हें जिला समिति की मंजूरी लेना होगी। इसी के साथ फीस बढ़ाने के कारण भी बताना पड़ेंगे। चयनित दूकानी से पाठ्यक्रम और गणवेश खरीदने के लिए बाध्य नहीं करेंगे। स्कूलों में ट्रेस में परिवर्तन किया जाता है तो 3 वर्ष के लिए मान्य रहेगा। इसके अतिरिक्त कई तरह के सुधारात्मक कदम उठाए गए है। उल्लेखनीय है कि कई निजी स्कुको में हर साल फीस और अलग-अलग शुल्क के नाम पर राशि बढ़ा दी जाती है। इसको लेकर हर बार विवाद होते हैं और सरकारी नियंत्रण की माग उठती है। प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार ने इसका विधेयक पारित किया। गजट नोटिफिकेशन के बाद विभाग ने इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिए है।

-इन मापदंडों पर मिलेगी मान्यता:
-स्कूल के पास खुद का भवन, खेल मैदान की सुविधा
-प्रशिक्षित स्टॉफ। जिसमें डीएड व बीएड डिग्रीधारी शिक्षक-पाठ्य सामग्री, लैब की सुविधा
-स्कूल संचालन के लिए सोसायटी बनाना अनिवार्य

23 जनवरी अंतिम कर सकते है:
निर्देश दिए है शिक्षा सत्र 25-26 की नवीन मान्यता के लिए स्कूलों को ऑनलाइन आवदेन करना होंगे। कई स्कूलों से आवेदन कर भी दिए। जिसकी अंतिम दिन 23 जनवरी है। इसके बाद विभागीय टीम भौतिक सत्यापन करेगी। जिसके निर्देश जारी किए हैं। मापदंड पूरे नहीं मिलने से मान्यता निरस्त की कार्रवाई की जाएगी।
प्रदीप खरे, डीपीसी धार

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