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मोदी के जन्मदिवस पर विकास की गंगा उतरेंगी बदनावर रोजगार के अवसर खोलेगा पीएम मेगा पार्क लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार पलायन का सस्ता बंद लाखों की संख्या का उमड़ेगा हुजूम।

धार में बनेगा पहला पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क, 23 हजार करोड़ का निवेश तय पीएम मित्रा पार्क से बूस्ट होगी टेक्सटाइल इंडस्ट्री

आशीष यादव, धार 
जिले के बदनावर क्षेत्र के ग्राम भैंसोला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने जन्मदिन के अवसर पर मध्यप्रदेश के पहले पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क की आधारशिला रखेंगे। करीब 2200 हेक्टेयर भूमि पर बनने वाले इस पार्क में साढ़े तीन सौ से अधिक फैक्ट्रियां स्थापित होंगी। यहां कपास से धागा और धागे से कपड़ा तैयार कर देश-विदेश में निर्यात होगा। इस परियोजना से लाखों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। देश में मप्र समेत सात राज्यों में पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क बनाए जाने हैं। इनमें सबसे पहले धार जिले के भैंसोला में बनने वाले पार्क का भूमिपूजन होगा।  इस पार्क का भूमिपूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने जन्मदिन के अवसर पर भैंसोला पहुंचकर करेंगे मालवा क्षेत्र के साथ-साथ यह पार्क पूरे प्रदेश में टेक्सटाइल इंडस्ट्री को नई ऊर्जा देगा। बदनावर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से जुड़ा है। पेटलावद फोरलेन स्वीकृत हो चुका है। निकटवर्ती रतलाम और मेघनगर रेलवे स्टेशन तथा प्रस्तावित उज्जैन एयरपोर्ट से पार्क को रेल व हवाई सुविधा भी मिलेगी। भौगोलिक दृष्टि से भी यह पार्क बेहद अहम साबित होगा।
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23 हजार करोड़ का निवेश प्रस्ताव:
पीएम मित्रा पार्क के लिए अब तक 114 कंपनियों ने आवेदन किया है, जिनमें से 90 से अधिक को 1298 हेक्टेयर भूमि आवंटित की जा चुकी है। इससे 72 हजार से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर बनेंगे। वहीं प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से इस पार्क से तीन लाख लोग लाभान्वित होंगे। पार्क के लिए 23 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।
प्रदेश में कपड़ा उद्योग और किसानों को फायदा
भारत कपास उत्पादन में दुनिया में पांचवें और देश में मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर है। प्रदेश में सालाना लगभग 18 लाख गठान कपास की पैदावार होती है। अब तक यहां कोई बड़ा टेक्सटाइल हब नहीं था। बदनावर में इस पार्क के स्थापित होने से उद्योगपतियों और श्रमिकों को लाभ होगा। मालवा क्षेत्र में कपास उत्पादक किसानों को भी इसका भरपूर लाभ मिलेगा।
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धार के बदनावर को इसलिए चुना गया:
पार्क से माल को एक्सप्रेस वे तक आसानी से पहुंचाया जा सकेगा। यह एक्सप्रेस वे झाबुआ-रतलाम से होकर गुजर रहा है। बदनावर से थांदला कनेक्टिंग हाईवे बन रहा है, जिससे माल की आवाजाही सुगम होगी। एक्सप्रेस वे से तैयार कपड़े जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट मुंबई और कांडला गुजरात तक पहुंच जाएंगे। पार्क से पीथमपुर महू-नीमच हाइवे भी जुड़ा हुआ है। वहीं आने वाले समय में रेल की सुविधाओं को भी पार्क से जोड़ा जायेगा। वहीं धार, झाबुआ, आलीराजपुर और बड़वानी के आदिवासी श्रमिकों व हुनरमंद महिलाओं को भी काम मिलेगा। स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। तमिलनाडु (विरुद्धनगर), तेलंगाना (वारंगल), गुजरात (नवसारी), कर्नाटक (कलबुर्गी), उत्तर प्रदेश (लखनऊ) और महाराष्ट्र (अमरावती) में पीएम मित्र पार्क का कार्य प्रारंभिक स्तर पर है
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पीएम करेंगे ‘स्वस्थ नारी सशक्त परिवार’ अभियान का शुभारंभ:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बंदनवार की धरती पर  धार जिले से स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान का शुभारंभ करेंगे। अभियान के तहत प्रदेश में महिलाओं का संपूर्ण स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए आयुष्मान आरोग्य मंदिर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 20 हजार से अधिक स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। इनमें नि:शुल्क जांच और स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएंगी। अभियान के तहत अच्छा काम करने वाले जिलों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। हर जिला, हर विकास खंड, प्रत्येक स्वास्थ्य कार्यकर्ता पूरे मनोयोग से संकल्प लेकर प्रयास करें। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य संदीप यादव ने बताया कि अभियान के अंतर्गत मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच, अनमोल 2.0 में प्रविष्टि, टीकाकरण स्तर की समीक्षा और छूटे हुए टीकाकरण को पूरा किया जाएगा। किशोरियों में एनीमिया स्क्रीनिंग, उपचार और आहार संबंधी परामर्श पर विशेष बल दिया जाएगा।
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सबसे ज्यादा खरगोन में होता है कपास:
मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा कपास मालवा और निमाड़ क्षेत्र में किया जाता है। यहां की मिट्टी कपास के अनुकूल होती है। इसमें सबसे ऊपर नाम खरगोन का आता है। मध्य प्रदेश में बीते वर्ष लगभग 6,30,0000 हेक्टेयर में कपास की खेती हुई थी। इसी वर्ष कपास उत्पादन लगभग 8,73,000 मीट्रिक टन पैदा हुई थी। अकेले खरगोन में ही 252953 मीट्रिक टन कपास उत्पादन किया गया था। कपास की तुड़ाई के बाद इसे गांव स्तर पर मंडियों या जिनिंग-प्रेसिंग फैक्ट्रियों तक पहुंचाया जाता है। फैक्ट्री में कपास से रुई अलग किया जाता है। वहीं धार जिले में कपास 3 लाख से हेक्टेयर कपास की बुवाई की जाती हे। वहीं 2115 मैट्रिक टन में उत्पादन होता हे वहीं आगे यह बुवाई बढ़ेगी क्यों कंपनी खेतों से माल ले जायेगी।
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धार में बनने वाला पीएम मित्र पार्क आवागमन में सुगम:
मध्यप्रदेश के धार जिले की बदनावर तहसील के भैंसोला गांव में पीएम मित्र पार्क स्थापित करने के प्रस्ताव को भारत सरकार से औपचारिक मंजूरी मिली है। आवागमन में सुगमता की दृष्टि से देखें तो यह इंदौर से 110 किमी और पीथमपुर औद्योगिक क्लस्टर से 85 किमी की दूरी पर स्थित है। यह रतलाम से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से 50 किमी की दूरी पर स्थित है। इसी तरह, निकटतम बंदरगाह गुजरात के सूरत स्थित हजीरा से इसकी दूरी 452 किमी है।
2,000 करोड़ रुपए से अधिक की अनुमानित लागत वाला यह पार्क अत्याधुनिक अधोसंरचना, सतत विकास और रणनीतिक नीति समर्थन के माध्यम से टेक्सटाइल हब बनने की ओर अग्रसर है। यह पार्क लगभग 3 लाख नौकरियों का सृजन करेगा, जिनमें एक लाख प्रत्यक्ष और दो लाख अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। 2158 एकड़ में फैले पीएम मित्र पार्क में 20 एमएलडी शून्य अपशिष्ट जल निकासी संयंत्र, 10 MVA सौर ऊर्जा संयंत्र और 95,750 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली 81 प्लग-एंड-प्ले यूनिट्स और श्रमिकों के लिए आवासीय सुविधाएं विकसित की जाएंगी। सभी निर्माण कार्य 14 माह के भीतर पूर्ण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। दो केंद्रीकृत स्ट्रीम बॉयलर और पाइपलाइन नेटवर्क भी उद्योग इकाइयों में होंगे।
ये सभी कारक धार में पीएम मित्र पार्क को एक सुगम आवागमन वाला स्थान बनाते हैं, जो कपड़ा उद्योग के विक्रास के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है।
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विकास को तीन तरह से मिलेगा बूस्ट
1. सुविधा और संसाधन: बदनावर मालवा का सेंटर प्वाइंट है। आसपास पर्याप्त जमीन, सडक़ और ऊर्जा संसाधन मौजूद हैं।
2.रोजगार अवसर: धार, झाबुआ और आलीराजपुर के श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर काम मिलेगा, जिससे पलायन रुकेगा।
3. कपास आपूर्ति: खरगोन, बड़वानी, धार, रतलाम और झाबुआ में खेती होती है। इंदौर संभाग में 5 लाख हे. में खेती, किसानों को लाभ।
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यह देश का पहला पार्क होगा जो SF चेन:
1.5F विजन एक साथ…
फार्म-फाइबर फैक्ट्री-फैशन फॉरेन
फार्म: किसान खेत से सीधे कपास लाकर कंपनियों को बेच सकेंगे।
फाइबर: कपास की जिनिंग यानी साफ-सफाई और धागा बनाने का काम यहीं होगा।
फैक्ट्री: स्पिनिंग, निटिंग, डाइंग (कपड़ों की रंगाई-छपाई) की पूरी सुविधा।
फैशन: गारमेटिंग, डिजाइनिंग, जॉब वर्क (जैसे बटन लगाना, कढ़ाई) महिलाओं के लिए रोजगार
फॉरेन:तैयार कपड़े यहां से सीधे एक्सपोर्ट होंगे, जिससे विदेशी मुद्रा देश में आएगी।
धार : गारमेंट्स मेकिंग, इन्लैंड (अंतर्देशीय) कंटेनर डिपो
झाबुआ : गारमेंट्स मेकिंग
इंदौर : गारमेंट्स मेकिंग, इन्लैंड (अंतर्देशीय) कंटेनर डिपो
उज्जैन : गारमेंट्स मेकिंग
खरगोन : इन्लैंड (अंतर्देशीय) कंटेनर डिपो
खंडवा : इन्लैंड (अंतर्देशीय) कंटेनर डिपो
भोपाल : यहां परिधान तैयार करने से लेकर उनकी रंगाई, सिलाई, बुनाई और फिनिशिंग, मशीन मेन्युफेक्चरिंग की व्यवस्था है।
मंडीदीप : इन्लैंड कंटेनर डिपो की व्यवस्था है।
ग्वालियर : यहां परिधान तैयार करने से लेकर उनकी रंगाई और फिनिशंग, मशीन मेन्युफेक्चरिंग और इन्लैंड कंटेनर डिपो की व्यवस्था है।
जबलपुर : गारमेंट्स मेन्युफेक्चरिंग और कपड़ों की सिलाई बुनाई होती है।
इटारसी : गारमेंट्स मेन्युफेक्चरिंग और कपड़ों की सिलाई बुनाई होती है।

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