इंदौर

कॉलेजों और स्कूलों में ‘बोन एंड जॉइंट वीक’ के तहत जागरूकता सत्र

ट्रैफिक रूल्स, हेल्दी लाइफस्टाइल और हड्डियों की सेहत पर दी गई विस्तृत जानकारी

कॉलेजों और स्कूलों में ‘बोन एंड जॉइंट वीक’ के तहत जागरूकता सत्र

ट्रैफिक रूल्स, हेल्दी लाइफस्टाइल और हड्डियों की सेहत पर दी गई विस्तृत जानकारी

इंदौर। ‘नेशनल बोन एंड जॉइंट वीक’ के तहत  इंदौर शहर के विभिन्न कॉलेजों और स्कूलों में ट्रैफिक रूल्स, हेल्दी लाइफस्टाइल और हड्डियों की सेहत पर केंद्रित विशेष प्रेज़ेंटेशन और इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किए गए। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य युवाओं और विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के नियम अपनाने, स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने और हड्डियों की देखभाल के महत्व से अवगत कराना था।

कार्यक्रम के तहत गुजराती होम्योपैथिक कॉलेज, विजय नगर में डॉ. हेमंत मंडोवरा, डॉ. लवेश अग्रवाल, डॉ. अर्जुन जैन और डॉ. अनुराग पनवेल ने छात्रों से सीधा संवाद किया।  हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने, ड्रिंक एंड ड्राइव से बचने, मोबाइल का कम उपयोग करने और स्पीड लिमिट का पालन करने जैसे ज़रूरी ट्रैफिक नियमों के साथ-साथ हड्डियों को मज़बूत रखने के लिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के महत्व पर जोर दिया।

आर. एन. कपूर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में डॉ. वरुण चौहान और डॉ. अनिल पांडे ने हेल्दी बोन हेल्थ और ट्रैफिक अनुशासन पर विस्तार से चर्चा की। शुभदीप आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज में डॉ. ए.एल. शर्मा और डॉ. सौमित्र दूबे ने छात्रों को एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाने, कैल्शियम व विटामिन-डी युक्त आहार लेने और सही पोस्चर बनाए रखने के लाभ बताए।

स्कूल ऑफ फिजिकल एजुकेशन, DAVV में डॉ. भूपेश महावर ने फिटनेस को सड़क सुरक्षा से जोड़ते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया, जबकि IMS, DAVV में डॉ. अनिल महाजन और डॉ. प्रणव महाजन ने हेल्थ-फोकस्ड इंटरैक्टिव प्रेज़ेंटेशन के माध्यम से विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित की।

विद्यासागर स्कूल में डॉ. नीरज वलेचा और डॉ. अंकुश अग्रवाल ने हेल्दी हड्डियों और सुरक्षित ड्राइविंग पर जानकारी दी। सेंट पॉल स्कूल में डॉ. वीरेंद्र चंदोरे और डॉ. आर.के. जैन ने सड़क सुरक्षा और अनुशासित जीवनशैली के महत्व को उदाहरणों के साथ समझाया। वहीं चोइथराम स्कूल ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज में डॉ. आदित्य लखोटिया और डॉ. हर्षवर्धन डावर ने पैरामेडिकल विद्यार्थियों को सड़क दुर्घटनाओं के बाद की प्राथमिक चिकित्सा और बोन केयर की तकनीकों से परिचित कराया।

इन सभी सत्रों में छात्रों ने न केवल सक्रिय रूप से हिस्सा लिया, बल्कि सुरक्षित ड्राइविंग, अनुशासित जीवनशैली और नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का संकल्प भी लिया।

इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन इंदौर चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. हेमंत मंडोवरा ने कहा,
“इस अभियान का उद्देश्य केवल जानकारी देना नहीं, बल्कि युवाओं में स्थायी आदतें विकसित करना है। अगर बचपन और कॉलेज के समय से ही सुरक्षा और स्वास्थ्य को जीवन का हिस्सा बना लिया जाए, तो आने वाले समय में सड़क हादसों में कमी आएगी और हड्डियों की सेहत लंबे समय तक बनी रहेगी। यह पहल लोगों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक ठोस कदम है।”

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