
कपिल वर्मा बड़वाह। वीर तेजाजी के पावन धाम सुरसुरा से हर साल की तरह इस बार भी अखंड दिव्य ज्योत लेकर पैदल यात्रा पर गए श्रद्धालुओं का काटकूट गांव में भव्य स्वागत किया गया।
यह यात्रा सिर्फ 18 सदस्यों की थी, लेकिन उनकी आस्था और भक्ति इतनी प्रबल थी कि पूरा गांव उनके स्वागत के लिए उमड़ पड़ा। यात्रा 600 किलोमीटर लंबी थी, जिसे 7 दिनों में पूरा किया गया। इस दौरान न तो रास्ते की मुश्किलों ने उनके कदम रोके और न ही बारिश की बूंदों ने उनका उत्साह कम किया।
जब यह पैदल दल गांव के काकड़ में पहुंचा, तो डीजे और ढोल की धुन पर नाचते-गाते लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। जुलूस के रूप में गांव में जगह-जगह लोगों ने फूलों की बारिश की और आरती के साथ उनका सम्मान किया।
तेजाजी मंदिर पहुंचने पर मंदिर ट्रस्ट के पुजारी गोविंद जाट सहित सभी ग्रामीणों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद दिव्य ज्योत को सभी के दर्शन के लिए मंदिर में रखा गया। आगामी तेजा दशमी पर इसे विधि-विधान से मंदिर में स्थापित किया जाएगा।
इस यात्रा में शामिल श्याम लाला जाट, मन्ना जाट और कालू जाट ने बताया कि सुरसुरा धाम में तेजाजी के दर्शन करने और अखंड ज्योत लेने का अनुभव बहुत ही खास था। उन्होंने कहा कि यह यात्रा सिर्फ पैदल चलना नहीं, बल्कि आस्था का एक अटूट बंधन है, जो सभी को एक साथ जोड़ता है।