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सेंधवा में शिव महापुराण कथा में पार्वती खंड का भावपूर्ण वर्णन, शिव-पार्वती विवाह झांकी ने मन मोहा

सेंधवा। महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा में परम पूज्य आदित्य प्रकाश त्रिपाठी ने रुद्र संहिता के तृतीय खंड, पार्वती खंड का सुंदर वर्णन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार पार्वती माता ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया। इसी प्रसंग में उल्लेख किया गया कि गंगाजी ने भी शिव को पति रूप में पाने के लिए तप किया था, किंतु दुर्वासा ऋषि के शाप से वे नदी रूप में अवतरित हुईं और शिव ने उन्हें अपने शीश पर धारण कर सम्मान दिया।

त्रिपाठी ने कहा कि हिमाचल महान संत हैं, जहां श्रद्धा रूपी पार्वती का जन्म हुआ। ब्रह्माजी द्वारा नारदजी को सुनाए गए प्रसंग में बताया गया कि स्वाहा का विवाह अग्नि से और स्वधा का विवाह पितरों से हुआ, जिनसे तीन कन्याएं – धन्या, मैना और कला उत्पन्न हुईं। आगे चलकर सनतकुमार के शाप से वे पृथ्वी पर आईं और इन्हीं के वंश से सीता, पार्वती और राधा का जन्म हुआ।

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कथा के समापन पर शिव-पार्वती विवाह का आयोजन मंगलाष्टक गाकर धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर सजाई गई भव्य झांकी ने श्रद्धालुओं को आकर्षित किया। समाजजनों ने पूजन कर लग्न भेंट अर्पित की और आशीर्वाद प्राप्त किया।

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