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भाजपा संगठन चुनाव में जिलाध्यक्ष का चयन बना वर्चस्व की लड़ाई आज-कल में होगी सूची जारी, धार शहरी से धाकड़ व पांडे तो ग्रामीण से किराड़े व पटले के नाम की चर्चा, भाजपा के बड़े नेता लगे पट्ठो को बैठाने में

पार्टी इस बार दो जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की कर रही है तैयारी, धार शहरी और ग्रामीण के तौर पर हो सकती है नियुक्ति

आशीष यादव धार भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष की राह मुश्किल हो गई है। धार जिलाध्यक्ष में बड़े नेताओं में किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाने के कारण जिलाध्यक्ष की घोषणा में देरी हो रही है। यहीं कारण है कि अब तक सूची फाइनल नहीं हो पाई है। हालांकि धार सहित प्रदेश के दो दर्जनों से अधिक जिलो में जिलाध्यक्ष के नाम पर पेंच फंसा हुआ है। नेताओं की बढ़ी हुई संख्या और बड़े नेताओं में पटरी नहीं बैठ पा रही है। इस कारण खिंचतान बनी हुई है। धार जिले को लेकर पार्टी सूत्र बताते है कि इस बार दो जिलाध्यक्ष बनाए जा सकते है। इनमें धार शहर और ग्रामीण की तर्ज पर दो जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा की जाएगी। हालांकि अभी जिन नामों की चर्चा हैए उन पर भी सहमति बनती नहीं नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि धार शहर से प्रकाश धाकड़ व विश्वास पांडे का नाम लगभग तय माना जा रहा है वही इसमें से एक नाम पर सहमति बन सकती है।लेकिन बदनावर से बड़े नेताओं की नाराजगी के चलते मामला खटाई में पड़ गया है। वही कही बड़े नेता धाकड़ के नाम पर सहमति बनाने के लिए मानमनोव्वल की जा रही है। वहीं बदनावर से शेखर यादव के नाम को भी आगे बढ़ाया गया। तो विश्वास भी अभी दौड़ में आगे नजर आ रहे है।

पैराशूट एंट्री का भी डर

मैं धार जिला तो जिला अध्यक्ष में बांटने के बाद कहीं जिले में जिला अध्यक्ष पैराशूट एंट्री होने का डर भी सता रहा है जहां कार्यकर्ता सालों से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं उन कार्यकर्ताओं को भी जिला अध्यक्ष बनने की उम्मीद जाती है मगर ऊपर से पैराशूट एंट्री होने पर उनके अरमानों पर पानी फिरता नजर आता है। वही विश्वास पांडे जयदीप व जैसे कहीं नेता ऐसे हैं जो पार्टी के लिए हमेशा खड़े रहते है।
इंधर बताया जा रहा है कि शेखर यादव के नाम पर धार और बदनावर के तमाम बड़े नेता सहमत है। जबकि धाकड़ के समर्थन में धार के बड़े नेता है। व पांडे संगठन व संघ के भरोसे मैदान में लगे हुए है वही पांडे ने अपने आधी उम्र पार्टी के कार्य करते हुए निकाल दी इसको देखते हुए पार्टी को उनपर विश्वास करके जिला अध्यक्ष का एक मौका देना चाहिए अगर पांडे जिला अध्यक्ष बनते हैं तो जिले के युवा वर्ग के साथ पुराने नेताओं को भी साथ लेकर सगंठन का कार्य करेंगे। वही धार से पहले कुछ अन्य नाम भी पैनल में शामिल थे लेकिन उन पर विवाद और शिकायतों के चलते वे जिलाध्यक्ष की रेस में पिछड़ गए। धार जिलाध्यक्ष को लेकर दावेदारी और शिकायतों का क्रम भोपाल से दिल्ली तक पहुंचा है।

टुकड़ो टुकड़ो में बंट जाएगा जिला:

वैसे तो धार जिला भौगोलिक स्थिति में काफी बड़ा है। इसलिए जिले को दो भाग में बांटने के लिए लंबे समय से मांग उठती आ रही है। लेकिन पार्टियां जिले को दो भागों में बांट चुकी है। कांग्रेस शहरी और ग्रामीण के तौर पर नियुक्ति कर प्रयोग पहले ही कर चुकी है। अब भाजपा भी इसी राह पर आगे बढ़ रही है। पार्टी में इस बार संगठन के नए जिलाध्यक्ष के रूप में दो नियुक्ति की भी चर्चा है। इसमें धार शहरी और धार ग्रामीण से जिलाध्यक्ष बनाए जाना है। पार्टी सूत्र बताते है कि धार ग्रामीण से कद्दावर नेता रंजना बघेल के समर्थक जयदीप पटेल को ग्रामीण जिलाध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है। पटेल के नाम पर बड़े नेताओं की सहमति भी है। वहीं वीरेंद्र बघेल का भी नाम चर्चा में है। ऐसी नियुक्ति होती है तो संगठन का काम आधा आधा बंट जाएगा।

संगठन के सामने कई चुनौती:

प्रदेश संगठन अब तक जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं कर पाया है। कुशाभाऊ ठाकरे की नगरी धार में जिलाध्यक्ष के नाम का चयन इतना चुनौतीपूर्ण भाजपा के लिए कभी नहीं रहा है। इस कारण अब दावेदारों में भी उत्सुकता बढ़ रही है। वहीं पार्टी सूत्र बता रहे है कि जिन नामों की चर्चा हैए उनके अलावा भी कोई नया चेहरा जिलाध्यक्ष के रूप में नियुक्त हो सकता है। महिला नेत्री को भी जिलाध्यक्ष के रूप में काम करने का मौका पार्टी दे सकती है। इसकी भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि इन सबके बीच जो नेता जिलाध्यक्ष बनने के लिए घुंघरू बांधकर बैठे है। उन्हें अब अपने जिलाध्यक्ष के सपने धंधले होते नजर आ रहे है।

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