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सेंधवा; शिक्षा प्रसारक समिति द्वारा वार्षिकोत्सव का हुआ प्रारंभ

सेंधवा। जिन्दगी में अवसर आये तो तुरन्त निणर्य ले नहीं तो पछताना पड़ता है। स्कूल आये तो सीखने के उ‌द्देश्य से आये। नंबर की रेस में न भागे, सीखने के लिये तैयार रहे। लोग कहते है कि जितनी चादर हो उतने ही पैर पसारो किन्तु मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि पैर बढ़ाते जाओ, तो चादर अपने आप बढ़ते जाएगी। जिन्दगी में रिस्क के घोडे को दौडाओ जिसकी लगाम अपने हाथ में रखो, बेलगाम मत होने दो। यह विचार नेहरू स्मृति हा. से. स्कूल के इंद्रधनुष उत्साह के संग वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्य अतिथि नेहरू स्कूल के पूर्व छात्र एवं सुप्रसिद्ध उद्योगपति (रिद्धी सिद्धी ग्रुपो औरंगाबाद गोपाल अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहे और उन्होंने बच्चों से कहा कि कितनी भी विकट परिस्थतियों हो घबराये नहीं, हिम्मत से आगे बढ़े। अगर आज मैं मजबूत स्थिति में हूँ, तो इस स्कूल ने नींव का कार्य किया है। हर विद्यार्थी में योग्यता होती है। बस जरूरत है तो उसे पहचान कर तराशने की ।

लक्ष्य बनाओ फिर आगे मेहनत करो कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नेहरू स्कूल के पूर्व छात्र जितेन्द्र सिसोदिया एंटीग्रेशन इंजीनियर ने कहा कि गाँव के विद्यार्थी जंगल के फूल की तरह है। इन्हें अगर अच्छा खाद, पानी मिले तो यह बड़े बड़े शहरों के मोगरे और गुलाब के फूलों को भी पीछे छोड़ दे। कई व्यक्ति ऐसे होते है जो मेहनत तो बहुत करते है पर सफल नहीं हो पाते क्यों कि उनके पास एक लक्ष्य नहीं होता। इसलिए जीवन में एक लक्ष्य बनायों फिर आगे मेहनत करो। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा की अगर आपने जिन्दगी में उपलब्धि के लिये कोई योजना नहीं बनाई है तो इसका मतलब है कि आपने जिन्दगी में फेल होने की योजना बना ली है। इस विद्यालय से मिली शिक्षा और संस्कारों की बदौलत ही मैं 18 से 20 देशों में अपनी सेवाएँ दे चुका हूँ।

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71 वर्षों की गतिविधियों का विवरण दिया।
संस्था अध्यक्ष-बी.एल. जैन ने स्वागत उद्बोधन में संस्था की पिछले 71 वर्षों की गतिविधियों का विवरण दिया। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में उच्च उपलब्धियों को तो प्राप्त करें, किन्तु अपने संस्कारों को न भूले। एक अच्छे नागरिक बन कर देश और समाज की सेवा करे। आपका व्यक्त्वि ऐसा हो की सबके बीच में प्रेम से रहे, जहाँ से जाये वहाँ लोग याद करे एवं जहाँ जा रहे हो वहीं लोग आपका इंतजार करे। जीवन को लक्ष्यहीन बनाकर न जिये दूसरों के लिये एक मिसाल बना कर पेश करे।

भूतपूर्व अध्यक्ष पीरचंद मित्तल ने अपने उद्बोधन में कहाकि संस्था का उद्देश्य न्युनतम शुल्क में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। यह हमारे लिये गर्व की बात है की यहाँ से पढ़े विद्यार्थी देश विदेश में अपना एवं अपने क्षेत्र का नाम रोशन कर रहे है।
इस मौके पर अदिति गोपाल अग्रवाल ने भी बच्चों को अपने अनुभव सुनाकर जीवन में आगे बढ़ने के लिये प्रोत्साहित किया। संस्था की कार्य प्रणाली से प्रभावित होकर विद्यालय के पुर्व छात्र गोपाल अग्रवाल ने आपने नानाजी मुक्तिलालजी लादुरामजी अग्रवाल की स्मृति में नवर्निमित भवन में कम्प्यूटर लैब के लिए 5 लाख रूपये की सहयोग राशि एवं प्रति वर्ष 11 जरूरतमंद विद्यालयीन विद्यार्थियों की फीस जमा करने की घोषणा की।

आज के कार्यक्रम में वाद-विवाद प्रतियोगिता, के विषय “Al के बढ़ते चरण मानव सभ्यता के हित में है।” पर विद्यार्थियों द्वारा प्रभावशाली तर्क प्रस्तुत किये तथा नृत्य प्रतियोगिता में हिन्दी माध्यम के विद्यार्थियों द्वारा कई आकर्षक व मनमोहक प्रस्तुतियाँ प्रस्तुत की गई जिसमें सामाजिक संदेश देने वाली, नशा मुक्ति बाल विवाह बेटियों के साथ हो रहे दुराचार, कालका माता पूजन, दुर्गा माता पूजन, राष्ट्रीय एकता आदि विषयों पर उल्लेखनीय प्रस्तुतियां दी गई। साथ ही खेल प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरण अतिथियों द्वारा किये गए।

कार्यक्रम का संचालन विद्यालयीन विद्यार्थी अथर्व पालीवाल व भाग्यश्री खेडकर द्वारा किया गया। आभार संस्था प्राचार्य हेमत खेडे द्वारा माना गया। कार्यक्रम में पूर्व अध्यक्ष दिलीप कानूनगो, उपाध्यक्ष रविद्रसिंह मंडलोई, सचिव-शैलेषकुमार जोशी, कोषाध्यक्ष गोविंद मंगल, सह-सचिव दीपक लालका, महेश सोनी, मनोज कानूनगो, प्रहलाद यादव, शरद पालीवाल, विष्णु प्रसाद सिव्हल, मोहनशरण खण्डेलवाल, गोपी किशन अग्रवाल, तेजस शाह, सुबोध सोनी, शरद कानूनगो, के.सी. पालीवाल प्राचार्या डा. भारती भटट् प्राचार्य राहुल मंडलोई देवेन्द्र कानूनगो, तथा समस्त शिक्षक व शिक्षीकाएं मौजूद थे ।

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