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भगवान के आश्रय व आशीष का प्रतीक हैं चरणार्विन्द : वागधीश महाराज

भगवान के चरण मस्तक पर धारण करने से अभय की प्राप्ति होती है।

इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट —-
इंदौर । भगवान के चरण कमल के सम्मान होते हैं। ज़ब आपकी दृष्टि भगवान के चरणाविन्द में होगी तो आपको हर क्षेत्र में विजय प्राप्त होगी। जहाँ भगवान है वहाँ विजय है। जो भगवान के चरनाविंद में आ जाते हैं उन्हें भक्ति मुक्ति सदैव प्राप्त होती है। भगवान चारणारविंद आश्रय व आशीष के प्रतीक हैँ।भगवान के चरण मस्तक पर धारण करने से अभय की प्राप्ति होती है।
यह बात मल्हारगंज स्थित गोवर्धननाथ मंदिर में वागधीश बाबाश्री ने ब्रज मंडल तीर्थ के गुणगान के तहत गिरिराज भगवान के चरणों की महिमा बताते हुए श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए कही। आपने कहा की गौ रज व भगवान की चरण रज हमारी संस्कृति का गौरव है। आपने कथा के तहत श्याम घाट तीर्थ का वर्णन करते छाक लीला के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन ब्रजरमणदास गुजराती ने किया।

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