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धार; जागरूकता के चलते जिले में हादसों में कमी जिम्मेदारो की समझाइश आई काम, चालनी कार्रवाई में प्रदेश में आठवें स्थान पर धार

सड़क पर मौत का तांडव, इसबार 10 प्रतिशत कम हुई मृत्यु के आंकड़ों , संभाग में धार की अच्छी कार्रवाई।

आशीष यादव,धार; सडक़ हादसों में कमी लाने के प्रयास में यातायात विभाग सफल होते हुए नजर आया है। पुलिस की ओर से की जा रही कमर तोड़ मेहनत भी हादसों में कमी लाई गई है। जनवरी 2024 में यानि जनवरी से दिसम्बर तक के आंकड़े पर नजर दौड़ाएं तो पिछले बार व इस बार के आंकड़े चौकाने वाली स्थिति सामने आई है। जिले में बीते एक साल में 2074 प्रकरण दर्ज किए जो कि सडक़ हादसे के है जिसमें 641 लोगों की जान गई है, वहीं 2052 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। वही जागरूकता के चलते हर महीने 70 हादसों में कमी आई है। वही साथ ही अन्य हादसों में लोगों को साधारण चोटे आई है। इधर सडक हादसों में कमी लाने प्रशासन की ओर से जो आवश्यक उपाय किये जाने चाहिए थे वे लगातार कर रहे है। वही यातायात विभाग द्वारा लगातार हाइवे व अन्य सड़को पर लगता समझाई व करवाई करके लोगो मे जागरूकता लाई जा रही जिसने परिणाम भी देखने को मिले है। जागरूकता के कारण पिछले साल के आकड़ो व इस वर्ष के आकडो में 10 प्रतिशत की कमी आई है। वही हादसों के लिहाजा सडक़ हादसों के कारण जहां लोगों की अकाल मौत हो रही है, वहीं दूसरी ओर सडक़ हादसों में घायल होकर लोग अपंगता या अन्य शारीरिक कमियों के शिकार हो रहे हैं।

अन्य विभागो से ताल मेल से हादसों में कमी:
वही कलेक्टर प्रियंक मिश्रा एसपी मनोज कुमार सिंह के मार्गदर्शन में लगातार सड़क सुरक्षा सप्ताह की बैठकों के माध्यम से सभी विभागों को अपने कार्यो को करने के निदेश के चलते हादसों में कमी लाई है। साथ ही हादसों के ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के सहयोग से आइआरण्डी (रोड एक्सीडेंट डेटाबेस) अर्थात समेकित सड़क दुर्घटना डेटाबेस का काम प्रारंभ किया था। इसकी मंशा थी कि जिले भर में होने वाले सडक़ हादसों का एकीकृत डेटाबेस का संकलन कर उसका विशेषण कर दोबारा ऐसे हादसे न हों, उसका निदान किया जाए। पुलिस विभाग और एनआईसी ने इस दिशा में तेजी से काम किया,अन्य विभागों के सहयोग के साथ सडक़ हादसों में अपेक्षित कमी आ रही है। हादसों के विशेषण करने के बाद यातायात पुलिस ने जिले में दुर्घटना का चिन्हांकन कर जिन विभागों को संबंधित निर्माण एजेंसियों द्वारा कार्य को ठीक करवाने की जिम्मेदारी दी थी।
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सुझावों के साथ, कैसे रुकें हादसे:
दुर्घटना जनित एवं दुर्घटना संभावित स्थलों में सड़क हादसों के कारणों का यातायात पुलिस अधिकारियों द्वारा विशेषण करते हुए वहां दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए आवश्यक सुझाव भी तैयार किए जाते है, जिसमें मुख्य रूप से मार्ग के गड्ढे भरवाया जाना, स्पीड ब्रेकर लगवाया जाना, साइन बोर्ड लगवाना, मार्ग का चौड़ीकरण करवाया जाना, मार्ग से अतिक्रमण हटवाया जाना, सांकेतिक बोर्ड लगवाया जाना जैसे सुझाव मुख्य रूप से शामिल थे, इन कार्यों की जिम्मेदारी सड़क निर्माण एजेंसियों को समय समय पत्राचार कर उनको जानकारी दि जाती है। धार यातायात द्वारा चलाए गए चालानी कार्रवाई में भी धार प्रदेश के अन्य जिलों के मुकाबले अच्छी कार्रवाई करते हुए आठवां स्थान पर रहा बे वही सड़क दुर्घटनाओ में भी इंदौर संभाग में धार का अच्छा स्थान रहा है।

टोल नाके साथ अन्य जगहों पर जागरूकता अभियान:
यातायात सूबेदार रोहित निक्कम ने बताया एसपी मनोज कुमार सिंह के निर्देश पर लगातार जिले में अभियान चलाकर लोगो को समझाइश दी गई वही सड़क सुरक्षा के साथ स्कूलों में व शिविरो के माध्यम से लोगो को जानकारी दी गई वही यातायात विभाग द्वारा दुर्घटना में कमी लाने के लिए लगातार प्रयास किए गए है। हमने हाईवे पर टोल नाकों पर जागरूकता अभियान चलाए है । इसमें टोल कर्मियों को यातायात विभाग द्वारा ट्रेनिंग भी दी गई हर। इसमें जो भी चार पहिया वाहन टोल से गुजरेगा, उसमें चालकों को सीट बेल्ट लगाने के साथ ही वाहन को कम स्पीड में चलाने को लेकर जागरूक किया जाएगा। सड़क निर्माण के दौरान संबंधित सड़क एजेंसियों द्वारा कई तकनीकी कमियां छोड़ दी गई हैं। इससे सड़क हादसे हो रहे हैं। फोरलेन पर ढाबा संचालकों ने जहां-तहां डिवाइडर पर अवैध कट लगा रखे हैं हम विभाग की मद्दत से बंद करते है जिसे हादसों में कमी आई।
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हादसों के तुरंत बाद पहुची है टीम:
एक्सीडेंट के बाद कुछ घंटे के बीच टीम पहुंची है और दुर्घटना का पता किया जाता है व उसपर कार्य किया जाता है जिसे भी सड़क हादसों में कमी होती है। जिला मुख्यालय पर प्रति माह सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हो रही है। एक माह में किए गए कार्यों की समीक्षा की गई। वहीं अनुभाग स्तर पर भी सड़क सुरक्षा समिति की बैठक ली गई। साथ ही कुक्षी, बदनावर, सरदारपुर, पीथमपुर में रोड सेफ्टी विंग तैयार की गई। सड़क दुर्घटना होने के कुछ घंटे के अंदर टीम मौके पर पहुंची और दुर्घटना का पता कर उसके लिए आने वाले हादसों से बचाया जा सके।

हाइवे पर ज्यादा होती दुर्घटना 16 ब्लेक स्पॉट
यातायात पुलिस द्वार हर साल हादसों की समीक्षा करते हुए ब्लैक स्पॉट तैयार किए जाते हैं। जिले में अभी गणेश घाट,
एबी रोड खंडवा फोरलेन,भोंडिया तालाब ,फुलगावड़ी फाटा धार फाटा, इंडोरामा चौराहा सेक्टर 03,पानखेड़ी पुलिया के पास मांगोद फाटा,भैरू चौकी,चौधरी ढाबा फोरलेन तिराहा
कटीन बयड़ी मनावर अमझेरा रोड,दत्तीगारा फाटा आदि शामिल है। रोहित निक्कम ने बताया कि सड़क हादसों में कमी लाने जिले में 16 ब्लेक स्पॉट चिन्हित किये गए है इनमें से सबसे ज्यादा गणेश घाट में हादसे होते है यह इंदौर मम्बई राष्ट्रीय मार्ग है इस मार्ग में पिछले महीने नई सड़क सड़क बने से हादसों में कमी आयेगी। इसके अलावा अन्य मार्गों पर भी हादसे कम हुए है। इंदौर अहमदाबाद व गुजरी- नागदा आदि सड़को पर लगातार जागरूकता देखेते हुए नियम का पालन नही करने पर करवाई की जा रही है।वही एसपी मनोजकुमार सिह में मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा पर रुको टोक जैसे कही अभियान चलाकर लोगो को जागरूकता लाई गई। जिसके चलते 10 प्रतिशत हादसों में कमी आई है।

शिविरों के माध्यम से जागरूकता:
जिले में जागरूकता शिविर के साथ अन्य माध्यमों से जिले की जनताओ को समझाइए दी जा रही है। धार एसपी मनोज कुमार सिंह के मार्गदर्शन में यातायात विभाग कार्य कर रहा है जिसके चलते इस बार हादसों में अब तक कि सबसे बड़ी कमी देखने को मिली है वही इस साल 10 प्रतिशत हादसे कम हुए है। वही चिन्हित किये गए ब्लैक स्पॉट पर अन्य व सड़क निर्माण एजेंसियों द्वारा आवश्यक कार्य कराये जा रहे हैं। जो मार्ग में चिन्हित ब्लेक स्पॉट पर चौड़ीकरण, स्पीड ब्रेकर, सूचना बोर्ड आदि लगवाए गए हैं, अन्य ब्लेक स्पॉट पर भी आवश्यक उपाय किये जा रहे हैं। पिछले साल व इस साल के सड़क दुर्घटना के आंकड़े में कमी आई है। प्रेमसिह ठाकुर यातायात प्रभारी धार
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