देश के 16 सिविल सेवकों के साथ झाबुआ कलेक्टर को पीएम करेंगे पुरस्कृत
बच्चों में कुपोषण दूर करने में मददगार बनी 'मोटी आई"

आशीष यादव धार
कलेक्टर नेहा मीना को प्रधानमंत्री लोक प्रशासन में उत्कृष्टता पुरस्कार 2024 मिला है। 21 अप्रैल को राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में कलेक्टर मीना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पुरस्कार देंगे। देश के कुल 16 सिविल सेवकों को यह पुरस्कार मिलने जा रहा है। जनजातीय क्षेत्र झाबुआ के लिए यह गौरव की बात है।वही कलेक्टर में नवाचार से लोगो मे भी इसके प्रति अलग जगेगी।
पोषण आहार को बढ़ावा देने को लेकर मोटी आई अवधारणा लागू:
झाबुआ में कलेक्टर मीना ने स्थानीय समुदाय को जोड़ते हुए कुपोषण दूर करने व पोषण आहार को बढ़ावा देने को लेकर मोटी आई अवधारणा लागू की। यह अवधारणा राष्ट्रीय स्तर पर पसंद की गई है। पांच चरणों की विस्तृत प्रक्रिया के बाद मीना का चयन किया गया। इसी साल चार अप्रैल को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी ने इंटरव्यू के बाद कलेक्टर मीना को चयनित किया। गुरुवार को पुरस्कार की घोषणा की गई। यह पुरस्कार आकांक्षी ब्लाक कार्यक्रम के तहत मिला है। इसके लिए मीना ने आवेदन दिया था। पुरस्कार का लक्ष्य अच्छे प्रशासन को पहचान देना और दूसरों को लिए प्रेरणा बनाना है। ग्रामीण भारत को मुख्यधारा से जोड़ने का यह आधुनिक माडल है। इसके तहत जनता को सीधे जोड़ा गया है
क्या है मोटी आई
यह अवधारणा कलेक्टर मीना के मैदानी अध्ययन का सार्थक परिणाम है। कुपोषण उन्मूलन के लिए स्थानीय अनुभवी महिलाओं को मोटी आई के रूप में प्रशिक्षित करते हुए कुपोषित बच्चों की देखभाल का जिम्मा सौंपा। मोटी आई अन्य माताओं को प्रोत्साहित करते हुए बच्चों की तेल मालिश, उन्हें पौष्टिक आहार प्रदान करने और नियमित देखभाल करने जैसे कार्य करती रहीं। मोटी आई ने पलायन पर जा चुकी माताओं के बच्चों की भी खुद जवाबदारी ले ली। जुलाई 2024 में जिले के 1625 बच्चे अत्यंत गंभीर रूप व 325 बार्डर लाइन पर, इस तरह से कुल 1950 कुपोषित बच्चे थे। उसी समय 1325 मोटी आई मैदान में प्रशिक्षण लेकर उतरी और देखते ही देखते 1130 बच्चे कुपोषण के जंजाल से मुक्त हो गए।
तीन माह में दो पुरस्कार
कलेक्टर मीना मात्र तीन माह में दो बड़े राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली जिले की कलेक्टर बन गई है। उन्होंने चुनावी काका-काकी, शुभंकर, पिथोरा, मांडने, भीली बोली में गीत आदि का उपयोग किया था। स्थानीय संस्कृति को जोड़कर मतदाता जागरूकता बढ़ाने के लिए कलेक्टर मीना को इंसी साल 25 जनवरी को राष्ट्रपति द्रोपदी, मुर्मु ने बेस्ट इलेक्टोरल प्रैक्टिस अवार्ड 2024-25 से सम्मानित किया गया था।
स्थानीय समुदाय की सहभागिता:
मोटी आई अवधारणा स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए वे लेकर आई। स्थानीय समुदाय की सहभागिता वाली यह अवधारणा कारगर रही। दिल्ली की टीम ने भी इसके बारे में काफी जानकारी ली। सभी का अच्छा सहयोग मिला।
– नेहा मीना, कलेक्टर झाबुआ