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सेंधवा। जब जब धर्म की हानि और अधर्म बढ़ता है तो भगवान अवतार लेते हैं

मुख्य यजमान के साथ नपा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष भी कथा श्रवण के लिए पहुंचे।

सेंधवा।
जब जब धर्म की हानि और अधर्म बढ़ता है तो भगवान अवतार लेते हैं। भगवान का अवतार ही भक्तों की रक्षा करना है। जब भगवान अवतार लेते हैं तो भक्त की रक्षा करते हुए असुरों का भी वध करते हैं। उक्त प्रवचन
शहर के निवाली रोड स्थित वैभव इंडस्ट्रीज में गुरुवार से शुरू हुई 9 दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन शुक्रवार को व्यासपीठ से संत दिव्य मुरारी बापू ने दिए। दूसरे दिन शुक्रवार को मुख्य यजमान के साथ नपा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष भी कथा श्रवण के लिए पहुंचे।

संत दिव्य मुरारी बापू ने दूसरे दिन भागवत का सार सुनाते हुए कहा कि भगवान ने 24 अवतार लिए हैं। मानव अगर भागवत के अनुसार कार्य कर रहे तो आप धर्म के अनुरूप चल रहे हैं। मुरारी बापू ने बताया की मानव जीवन पाना इतना आसान नहीं है। जब आपको मानव जीवन मिल गया है, तो उसे सार्थक बनाना होगा। यह तब सार्थक होगा जब आप भगवान की भक्ति में लीन होंगे सत्संग में जाएंगे।

कथा को श्रवण कर आत्मसात करने की आवश्यकता-
संतश्री ने कहा कि आज कल कथा सुनना मन को अच्छा नहीं लगता लेकिन सिनेमा देखना टीवी देखना अच्छा लगता है। मानव जीवन को सार्थक करने के लिए कथा को श्रवण कर आत्मसात करने की आवश्यकता है। जब हमारा मानव जीवन सार्थक होगा। मानव जीवन का श्रेय क्या है भगवान की भक्ति करना है। हमारे सभी शास्त्र भी कहते हैं। जिन पर भगवान की कृपा हो गई उन्हें तो भजन जरूर करना चाहिए।

यह रहे मौजूद
कथा के दूसरे दिन यजमान राजेंद्र शर्मा, वैभव शर्मा, नपा अध्यक्ष बसंती बाई यादव, उपाध्यक्ष मोहन जोशी, राधेश्याम जोशी, दामोदर शर्मा, राजेश जोशी, मोहनलाल गजानंद शर्मा मालेगांव, राकेश मिश्रा इंदौर, विजय शर्मा सिलावड़, सुरेंद्र शर्मा इंदौर, विशाल जोशी, अंशुल जोशी, पियूष शर्मा देवास, प्रशांत शर्मा तराना ने भागवत ग्रंथ की पूजा कर आरती में सम्मिलित हुए।

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