कृषि नवाचारों पर ज़ोर, लागत कम और मुनाफा अधिक बनाने के निर्देश, प्रभारी कलेक्टर काजल जावला की अध्यक्षता में एपीसी समीक्षा बैठक संपन्न

बड़वानी; प्रभारी कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ सुश्री काजल जावला की अध्यक्षता में बुधवार को जिला पंचायत कार्यालय बड़वानी में एपीसी समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में कृषि, उद्यानिकी, मण्डी, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के कार्यो की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।
कृषि विभागः- कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए फसलकरण एवं नवाचार कार्य के तहत उप संचालक कृषि ने बताया कि आत्माक के अंतर्गत नवाचार के तहत जिले के 4 विकासखण्डों में जीवामृत बनाकर ड्रिप के माध्यम से फसलों को दिया जायेगा। इस हेतु हाई डेनसिटी पालिथीन का प्रयोग किया जायेगा। इस पर कलेक्टर ने निर्देशित किया कि ऐसा नवाचार लाये जिसके तहत कृषक की लागत कम एवं मुनाफा ज्यादा हो। तभी सच्च अर्थो में नवाचार जमीनी स्तर पर सफल हो पायेगा। नियमित फसलों के साथ औषधिय फसलों का रकबा बढ़ाये एवं इनके लिए उचित बाजार उपलब्ध करवाने हेतु मण्डी में व्यापारियों से भी बातकर समन्वय स्थापित करे।
जिले में डीएपी एवं एनपीके की उपलब्धता एवं वितरण के संबंध में निर्देशित किया गया कि लगातार जिले में खाद की किल्लत की समस्या के निराकरण हेतु पिछले वर्ष के डिमांड अनुसार आकलन कर खाद वितरित करवाये एवं सतत् निगरानी करे।
बैठक में बताया गया कि पुरानी पीओएस मशीने बदलने के कारण 30 जून से पुरानी पीओएस मशीनों से उर्वरक विक्रय नही हो रहा है। इसके संबंध में पीओएस मशीनों का सत्यापन करवाये एवं रिपोर्ट भी ले।
बीज निगम के सराकरी प्रक्षेत्रों में बीज उत्पादकता की समीक्षा की जाये एवं हाईब्रिड प्रोडक्शन कार्यक्रम भी शुरू किये जाये।
मण्डीः- मण्डी के कार्यो की समीक्षा करते हुए कहा कि एमपी फार्मगेट एप पोर्टल पर अधिक से अधिक किसानों के पंजीयन कर सहकारिता विभाग के माध्यम से विकासखण्डवार पंजीयन बढ़ाये एवं किसानों को एप के बारे में जानकारी दे। वही ई-मण्डी पोर्टल पर प्राप्त जानकारी अनुसार जिले की सेंधवा, बड़वानी एवं अंजड़ में किसान एवरेज टाईम अधिक है। प्रयास यह किया जाये कि किसानों को इंतजार न करना पड़े व कम समय में ही प्रवेश, अनुबंध, निलामी, तौल आदि प्रक्रिया समाप्त हो।
उद्यानिकीः- उद्यानिकी विभाग की समीक्षा कर निर्देशित किया यगा कि गिरदावरी में उद्यानिकी फसलों को शत प्रतिशत शामिल किया जाये। कामन इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करे ताकि फसलों के पिणन में वेल्य एडिशन हो। पीएमएफएमई योजनाओं में उद्यानिकी उत्पादों में प्रसंस्करण को बढ़ावा दे।
सहकारिताः- बी-पैक्स पुर्नगठन के संबंध में नवीन गठित पैक्स में समय सीमा में आस्तियों एवं दायित्वों का बंटवारा सुनिश्चित किया जाये।
पशुपालन एवं मत्स्यः- चलित पशु चिकित्सा इकाई में प्रतिदिन प्रति वाहन अटेंडेंट संख्या को बढ़ाये। मत्स्य विभाग के कैज कल्चर प्रोजेक्ट के संबंध में कृषकों को प्रोत्साहित कर मत्स्य पालन को बढ़ावा दे।