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मध्य प्रदेश का पहला ताप्ती कंजर्वेशन रिजर्व बैतूल में बना 250 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला, स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार।
सतपुड़ा-मेलघाट टाइगर रिजर्व के वन्य गलियारे का है हिस्सा आम जनता के सकेगी अब सफारी की सवारी।

आशीष यादव धार
मध्यप्रदेश के जंगलों में अब बैतूल में ताप्ती, चिचोली और तावड़ी वन परिक्षेत्रों को मिलाकर मध्य प्रदेश का पहला ताप्ती कंजर्वेशन रिजर्व स्थापित किया गया। यह रिजर्व 250 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। इसमें रिजर्व और संरक्षित वन क्षेत्र शामिल हैं। राज्य सरकार ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस परियोजना को सफल बनाने के लिए बैतूल विधायक और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल लगातार कोशिश कर रहे थे। दक्षिण वनमंडल के पूर्व में पदस्थ डीएफओ विजयन्तम टी. आर. और ताप्ती रेंज के रेंजर दयानंद डहरिया ने सर्वे के बाद प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया। वहीं कर्मचारियों की मेहनत रंग लाई और परियोजना को अमलीजामा मिला। मुख्यमंत्री यादव ने भी इसकी तारीफ़ की ओर फॉरेस्ट की एक उपलब्धि व बैतूल का पहला कंजर्वेशन रिजर्व ताप्ती के नाम से स्थापित कर रहे हे । यह अपने वनवासी आदिवासी जंगल के प्रतिबद्धता भी है। इस कार्य के लिए सभी कर्मचारियों को बधाई दी।

स्थानीय लोगों के अधिकार रहेंगे सुरक्षित:
इस प्रस्ताव के अनुसार रिजर्व की स्थापना से स्थानीय निवासियों को कोई नुकसान नहीं होगा। उनके परंपरागत अधिकार जैसे महुआ बीनना, तेंदूपत्ता संग्रह और जलाऊ लकड़ी एकत्र करने की अनुमति पहले की तरह जारी रहेगी। स्थानीय लोगों को गाइड, सफारी ड्राइवर और होम स्टे संचालन जैसे नए रोजगार के अवसर भी उन्हें मिलेंगे। जिसे स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ा जायेगा।

बाघ, तेंदुआ समेत कई वन्य जीवों का घर:
यह क्षेत्र सतपुड़ा और मेलघाट टाइगर रिजर्व के बीच वन्यजीव गलियारे का प्रमुख हिस्सा है। यहां बंगाल टाइगर, जंगली कुत्ते, बायसन, तेंदुए और संकटग्रस्त फॉरेस्ट आउटलेट पाए जाते हैं। इस रिजर्व की स्थापना से इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय लोग अपने पारंपरिक व्यंजन और आदिवासी संस्कृति को पर्यटकों के समक्ष प्रदर्शित कर सकेंगे। इससे उन्हें रोजगार के लिए पलायन की आवश्यकता कम होगी।