अति-वृष्टि एवं बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी : मंत्री श्री विजयवर्गीय
अतिवृष्टि और बाढ़ से निपटने के लिए राज्य सरकार ने 24x7 नियंत्रण कक्ष, क्विक रिस्पॉन्स टीम और वालंटियर्स के साथ व्यापक राहत प्रयास शुरू किए हैं।

भोपाल। सत्याग्रह लाइव। प्रदेश में तेज वर्षा और बाढ़ से उत्पन्न आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव स्वयं राहत कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। अब तक 3628 नागरिकों और 94 मवेशियों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को बताया कि मध्यप्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य पूरी क्षमता से किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं।
जलस्तर और बारिश के आंकड़े
मंत्री विजयवर्गीय ने जानकारी दी कि प्रदेश में औसतन 703.33 मिमी वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य से 60% अधिक है। यह वर्षा बेहद कम समय में हुई, जिससे कई क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति बन गई।
रेस्क्यू अभियान और टीमों की तैनाती
राज्य आपदा मोचन बल (एसडीईआरएफ) ने 1 जून से 30 जुलाई तक 432 रेस्क्यू ऑपरेशन कर 3628 नागरिकों और 94 मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। एनडीआरएफ की 8 टीमें भोपाल, धार, ग्वालियर, जबलपुर, अशोकनगर और श्योपुर में तैनात की गई हैं। 259 संवेदनशील क्षेत्रों में डिजास्टर रिस्पॉन्स सेंटर और 111 क्विक रिस्पॉन्स टीमें सक्रिय हैं।
पूर्व चेतावनी और कंट्रोल रूम
SACHET पोर्टल के माध्यम से 75 रेड अलर्ट प्रभावित क्षेत्रों में पहले ही भेजे गए। डिजास्टर वॉर्निंग एंड रिस्पॉन्स सिस्टम के तहत बारिश, बिजली और बाढ़ की चेतावनी समय रहते प्रसारित की जा रही है। मंत्रालय में 24×7 सिचुएशन रूम और टोल फ्री नंबर 1079 कार्यरत है। सभी जिलों में DCCC भी सक्रिय हैं।
मुख्यमंत्री की सघन मॉनिटरिंग
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 30 जुलाई को आपदा नियंत्रण कक्ष का दौरा किया और पीड़ितों तथा बचाव दलों से संवाद किया। राज्य और जिला स्तर पर विभागीय समन्वय सुनिश्चित करने हेतु एडवायजरी भी जारी की गई है।
राहत राशि और अन्य व्यवस्थाएं
अब तक 28.49 करोड़ रुपये की राहत राशि वितरित की गई है। प्रदेश में 53 राहत शिविरों में 3065 लोगों को आश्रय मिला है। 254 सड़कें और पुल प्रभावित हुए, जिनमें से 212 में अस्थायी सुधार किया गया है। आवश्यकतानुसार सेना की मदद ली जा रही है। प्रदेश के सभी अस्पताल अलर्ट मोड पर हैं