मध्यप्रदेशखंडवाखरगोनमुख्य खबरेराजनीति

बड़वाह। मोरटक्का पुल पर भारी वाहनों का आवागमन तत्काल बंद करने के लिए विधायक सचिन बिरला एवं नपाध्यक्ष ने जिला कलेक्टरों को लिखा पत्र…

कपिल वर्मा बड़वाह। संकीर्ण और क्षतिग्रस्त इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर ग्राम बासवा से लेकर ग्राम बलवाड़ा तक निरंतर भयावह एवं जानलेवा दुर्घटनाएं हो रही हैं। बढ़ती दुर्घटनाओं एवं जनहानि के कारण क्षेत्रवासियों में आक्रोश गहरा रहा हैं।

इस तारतम्य में विधायक सचिन बिरला एवं नपा अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर मोरटक्का नर्मदा पुल से भारी वाहनों के आवागमन पर पूर्ववत प्रतिबंध लगाने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि इन्दौर-इच्छापुर हाईवे पर मोरटक्का नर्मदा पुल की

समय सीमा वर्षों पूर्व ही समाप्त हो चुकी है और यह पुल 20 टन से अधिक भार वाले भारी वाहनों के लिए आवागमन की दृष्टि से नितांत असुरक्षित है। विगत वर्षों में भारी वर्षा के कारण नर्मदा नदी में आने वाली बाढ़ के प्रहारों को झेलने के कारण मोरटक्का पुल क्षतिग्रस्त हो चुका है।

दो वर्ष पूर्व एसजीएसआईटीएस इंजीनियरिंग कॉलेज इंदौर की टीम ने मोरटक्का पुल की क्षतिग्रस्त एवं क्षमता की जांच की थी। टीम की जांच रिपोर्ट के अनुसार मोरटक्का पुल पर 20 टन से अधिक वजन ले जाने वाले भारी मालवाहकों का आवागमन सुरक्षित नहीं है। टीम की जांच रिपोर्ट को दृष्टिगत रखते हुए प्रशासन ने मोरटक्का पुल से भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाया था।

पुल पर से केवल शासकीय निर्माणाधीन परियोजनाओं एवं शासकीय कार्य में प्रयुक्त होने वाले भारी वाहनों का आवागमन हो रहा था।

IMG 20251009 WA0055

वहीं नपाध्यक्ष ने पत्र में बताया कि बड़वाह से होकर गुजरने वाले इन्दौर-इच्छापुर हाईवे पर पूर्व से ही यातायात का अत्यंत दबाव रहता है, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। खरगोन कलेक्टर द्वारा पूर्व में भारी वाहनों को निषेध करने के आदेश को निरस्त कर उक्त मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन प्रारंभ किया गया है, जिससे प्रतिदिन ट्रेफिक जाम की स्थिति निर्मित हो रही है एवं प्रतिदिन दुर्घटनाएं हो रही है। विगत 4 दिनों में ही 4 व्यक्तियों की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो चुकी है।

नर्मदा जी पर बने मोरटक्का पुल को एनएचआई के अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त घोषित कर भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया था। किंतु वर्तमान में ना ही इस पुल की मरम्मत की गई है एवं ना ही नया पुल बना है फिर किस आधार पर भारी वाहनों का आवागमन प्रारंभ किया गया है ? आगामी 4 माह में बायपास भी प्रारंभ कर दिया जाएगा, तब सिर्फ 4 माह के लिए यह जोखिम भरा निर्णय क्यों लिया गया ?इसलिए खरगोन कलेक्टर द्वारा पारित भारी वाहनों का प्रवेश संबंधित आदेश को निरस्त करने का कष्ट करें।

उल्लेखनीय है कि मोरटक्का पुल लगभग सौ वर्ष पुराना है और भारी वाहनों के आवागमन के लिए आउट ऑफ डेट हो चुका है। वर्तमान में यात्री वाहनों के आवागमन के लिए मोरटक्का पुल के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है। यदि भारी वाहनों के आवागमन से कारण मोरटक्का पुल और अधिक क्षतिग्रस्त हो जाता है तो पुल से यात्री वाहनों का आवागमन बंद हो जाएगा। इस कारण क्षेत्रवासियों के समक्ष आवागमन की बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी।

पत्र में कहा गया है कि खंडवा जिला कलेक्टर ने मोरटक्का पुल से शासकीय कार्यों हेतु प्रयुक्त किए जाने वाले भारी वाहनों के आवागमन से प्रतिबंध हटाने का आदेश जारी किया है।लेकिन मोरटक्का पुल से 70 से 80 टन वाले व्यावसायिक भारी वाहनों का आवागमन भी शुरू हो गया है।

उल्लेखनीय है कि इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर ग्राम बासवा से मोरटक्का पुल तथा मोरटक्का पुल से बड़वाह और ग्राम बलवाड़ा तक सड़क संकीर्ण और अत्यंत क्षतिग्रस्त है। हाईवे पर ग्राम बासवा से बलवाड़ा तक लगभग 35 किमी लंबी सड़क पर गहरे गड्ढे हो गए हैं और जगह-जगह डामर के टीले बन गए हैं। इसके अलावा हाईवे के दोनों ओर की साइड पटरियां भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं। इस कारण ग्राम बासवा से लेकर सनावद, बड़वाह और ग्राम बलवाड़ा तक हाईवे पर निरंतर भयावह और जानलेवा दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं और जनहानि हो रही है।

हाईवे पर बढ़ती दुर्घटनाओं और जनहानि के कारण क्षेत्रवासियों में भारी आक्रोश व्याप्त है। पत्र में खंडवा और खरगोन जिला कलेक्टर से मांग की गई है कि हाईवे पर दुर्घटनाएं रोकने के लिए तत्काल प्रभाव से मोरटक्का पुल से भारी व्यावसायिक वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाया जाए।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!