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इंदौर में बिना हेलमेट ‘नो एंट्री’: सरकारी दफ्तरों में सख्ती का प्रस्ताव, महापौर ने लिखा कलेक्टर को पत्र, बिना हेलमेट वालों के लिए सरकारी दफ्तरों में बंद हो सकता है प्रवेश

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कलेक्टर आशीष सिंह को पत्र लिखकर सरकारी दफ्तरों में बिना हेलमेट प्रवेश पर पाबंदी लगाने का दिया सुझाव

इंदौर। सत्याग्रह लाइव। इंदौर में सड़क सुरक्षा को लेकर एक और सख्त कदम की तैयारी है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कलेक्टर आशीष सिंह को पत्र लिखकर सभी सरकारी दफ्तरों में हेलमेट अनिवार्य करने का प्रस्ताव दिया है।

इंदौर में सड़क सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम: महापौर ने कलेक्टर को लिखा पत्र, सरकारी दफ्तरों में बिना हेलमेट नो एंट्री का प्रस्ताव
इंदौर में सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासनिक स्तर पर कड़े निर्णय लिए जा रहे हैं। इसी क्रम में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कलेक्टर आशीष सिंह को एक औपचारिक पत्र लिखते हुए यह सुझाव दिया है कि नगर निगम, तहसील, कलेक्ट्रेट, पुलिस मुख्यालय सहित सभी शासकीय कार्यालयों में बिना हेलमेट के प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाए।

महापौर ने की कलेक्टर के निर्णय की सराहना

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने अपने पत्र में कलेक्टर के उस फैसले की भी सराहना की है, जिसमें एक अगस्त से इंदौर के सभी पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट वालों को पेट्रोल देने पर रोक लगाई गई है। इस फैसले को सड़क सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया गया है, जिससे आमजन में जागरूकता बढ़ रही है।

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महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा कलेक्टर को भेजा गया पत्र

‘नो हेलमेट, नो एंट्री’ हो सामाजिक नियम

पुष्यमित्र भार्गव ने पत्र में लिखा, “सड़क सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सभी शासकीय कार्यालयों पर बिना हेलमेट के प्रवेश वर्जित किए जाने के दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। इससे नागरिकों में सुरक्षा को लेकर जिम्मेदारी की भावना और मजबूत होगी।”

उनका मानना है कि यदि सरकारी कार्यालयों में भी इस नियम को लागू किया जाता है, तो हेलमेट पहनना केवल एक कानूनी आवश्यकता न रहकर सामाजिक व्यवहार का हिस्सा बन जाएगा।

देशभर में मिसाल बन सकता है इंदौर का मॉडल

इंदौर में 1 अगस्त से ‘नो हेलमेट, नो पेट्रोल’ नीति लागू हो रही है। अब यदि सरकारी कार्यालयों में भी हेलमेट अनिवार्यता लागू होती है, तो यह मॉडल देश के अन्य शहरों के लिए अनुकरणीय उदाहरण बन सकता है।

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