राष्ट्रीय शिक्षा नीति दे रही अवसर; वृद्धाश्रम के बुजुर्गों और अनाथायाल के बच्चों से मिलकर समझेंगे जीवन के रंग

बड़वानी; राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत नए अवसरों को साकार करते हुए प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी में स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा प्राचार्य डॉ. वीणा सत्य के मार्गदर्शन में स्नातक प्रथम वर्ष के 300 से अधिक विद्यार्थियों को स्किल एन्हांसमेंट कोर्स व्यक्तित्व विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
समझेंगे जीवन के विविध रंग
प्रशिक्षक डॉ. मधुसूदन चौबे ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सिलेबस में बदलाव किये गए हैं. व्यक्तित्व विकास के नए सिलेबस में शामिल प्रैक्टिकल क्रमांक तीन के तहत विद्यार्थियों को वृद्धाश्रम, अनाथालय, चौरिटेबल अस्पताल, एनजीओ और महिला पुलिस थाने जैसे स्थानों का दौरा करने का अवसर मिल रहा है, ताकि वे वहाँ के वातावरण और कार्यप्रणाली को समझ सकें। इस प्रैक्टिकल क्रमांक तीन का उद्देश्य विद्यार्थियों को जीवन के विभिन्न पहलुओं से रूबरू कराना है। वृद्धाश्रम में रहने वाले वरिष्ठजनों के पास जीवन की खुशियों और दुखों का लंबा अनुभव होता है। उनके साथ भावनात्मक चर्चा के माध्यम से युवा जीवन के उतार-चढ़ाव को समझ सकते हैं। यह अनुभव उन्हें अपने परिवार के बुजुर्गों के प्रति अधिक संवेदनशील और सम्मानजनक बनाएगा। वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के अनुभवों से विद्यार्थी यह सीख सकेंगे कि जीवन में धैर्य और सहानुभूति कितनी महत्वपूर्ण है। उनके बलिदान और योगदान को समझकर युवा अपने परिवार और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को बेहतर ढंग से निभा पाएँगे।
आंतरिक व्यक्तित्व का होगा विकास
इसी तरह अनाथालय में रहने वाले बच्चों के जीवन की करुण घटनाएं विद्यार्थियों के आंतरिक व्यक्तित्व को विकसित करने में मदद करती हैं। अनाथ बच्चों के साथ समय बिताकर युवा सहानुभूति, करुणा, और सामाजिक जिम्मेदारी जैसे मूल्यों को आत्मसात कर सकते हैं। डॉ. चौबे ने बताया कि यह अनुभव विद्यार्थियों को यह समझाने में मदद करता है कि जीवन की कठिनाइयों के बावजूद हौसला और मेहनत से आगे बढ़ा जा सकता है। चौरिटेबल अस्पतालों का दौरा परमार्थ और सेवा के मूल्यों को सिखाता है, जो विद्यार्थियों के व्यक्तित्व में निस्वार्थ भावना को जागृत करता है। महिला पुलिस थाने और एनजीओ के दौरे विद्यार्थियों को करियर के विविध अवसरों से परिचित कराते हैं। एनजीओ में सामाजिक कार्यों की कार्यप्रणाली को समझने से विद्यार्थियों को सामुदायिक सेवा और नेतृत्व के क्षेत्र में करियर की संभावनाएँ दिखाई देती हैं। वहीं, महिला पुलिस थाने का दौरा उन्हें कानून-व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में योगदान देने की प्रेरणा देता है। डॉ. चौबे ने कहा, ष्ये दौरे न केवल विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को निखारते हैं, बल्कि उन्हें समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों से भी जोड़ते हैं
तैयार करेंगे प्रतिवेदन
इस प्रैक्टिकल के तहत विद्यार्थियों को वृद्धाश्रम, अनाथालय, और अन्य संस्थानों में जाकर वहाँ के वातावरण का अवलोकन करना है और अपनी टिप्पणियों के आधार पर एक विस्तृत प्रतिवेदन तैयार करना है। दीपावली अवकाश से पहले इस प्रैक्टिकल की कार्यप्रणाली और महत्वपूर्ण बिंदुओं को समझाने के लिए एक पावर पॉइंट प्रजेंटेशन सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में विद्यार्थियों को यह बताया गया कि वे अपने दौरे के दौरान किन पहलुओं पर ध्यान दें और अपने प्रतिवेदन को कैसे प्रभावी बनाएँ। वर्तमान में, दीपावली अवकाश के दौरान विद्यार्थी ऑनलाइन माध्यम से मार्गदर्शन प्राप्त कर रहे हैं। उत्साहपूर्वक दीपावली मनाने के साथ ही अवकाश का सदुपयोग करते हुए विद्यार्थी वृद्धाश्रम और अनाथालयों से संपर्क स्थापित कर रहे हैं और अपने अध्ययन को आगे बढ़ा रहे हैं। आगामी दिनों में कक्षा में उनके द्वारा तैयार किए गए प्रतिवेदनों की प्रस्तुतियाँ होंगी, जो उनके अनुभवों को साझा करने का एक मंच प्रदान करेंगी। इस कार्य को सम्पन्न करने में दिव्या जमरे, संजू डूडवे, भोला बामनिया, आरती धनगर, हंसा धनगर, नेहा मित्तल आदि के द्वारा सहयोग दिया जा रहा है