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सेंधवा: शतक गौरव उत्सव में गूंजे भक्ति और संस्कृति के स्वर

भंडारे एवज की ओजस्वी वाणी और भजन से भक्ति भाव का संचार, गणेश हॉल में उमड़ी श्रद्धा की भीड़

सेंधवा में बृहनमहाराष्ट्र मंडल (मध्यवर्ती संघटना नई दिल्ली) द्वारा आयोजित शतक गौरव उत्सव के अंतर्गत महाराष्ट्र ब्राह्मण समाज सेंधवा ने डोल ग्यारस के पावन अवसर पर भव्य कीर्तन का आयोजन किया। इंदौर से पधारे युवा राष्ट्रीय कीर्तनकार एवज भंडारे की ओजस्वी वाणी और भजनों ने पूरे वातावरण को भक्ति रस से सराबोर कर दिया।

 

सेंधवा। गणेश हॉल में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में एवज भंडारे ने नारदीय कीर्तन की परंपरा को जीवंत करते हुए 1500 से अधिक कीर्तन प्रस्तुतियों के अनुभव के साथ श्रद्धालुओं को भक्ति में डूबो दिया। उनकी धर्मपत्नी श्रुति भंडारे ने हारमोनियम पर और अशोक दादा ने संगत पर उत्कृष्ट प्रस्तुति दी। भंडारे ने कहा कि कीर्तन विविध कलाओं का संगम है और नवधा भक्ति में दूसरी भक्ति कीर्तन है। उन्होंने गणेश जी की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि गणेश को मूर्ति से परे तत्व रूप में समझना चाहिए। मोक्ष प्राप्ति के लिए गजानन की उपासना आवश्यक है। उन्होंने तीन दुर्लभ बातों—मनुष्य जन्म, मोक्ष की इच्छा और संत संगति—को जीवन का आधार बताया।

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अतिथियों और आयोजकों की सहभागिता
कार्यक्रम में एडवोकेट मोरेश्वर देसाई, एडवोकेट श्याम ऐकडी, प्रकाश जोशी, महासचिव संतोष वैद्य, सचिव दीपक उज्जैनकर, डॉ. समीर दापोरकर, श्याम जोशी, प्रशांत जोशी, मकरंद ओक, रितेश उपासनी, योगेश उपासनी, लोकेश काले, जितेंद्र जोशी, नरेंद्र पाठक, गिरीश दर्श सहित कई अतिथि उपस्थित रहे। संचालन मेघा ऐकडी ने किया।

राष्ट्रभक्ति और संस्कृति का संदेश
अंत में जीजाबाई और शिवाजी महाराज के आदर्शों पर आधारित भजनों ने स्वराज्य, धर्म रक्षा और राष्ट्रभक्ति का संदेश दिया। कार्यक्रम में पाटील समाज, फूलमाली समाज, निकुंज समाज, मारवाड़ी महिला मंडल, आदर्श महिला मंडल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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