
सेंधवा के शासकीय माध्यमिक विद्यालय आछली और शासकीय उत्कृष्ट प्राथमिक विद्यालय अवाया फल्या आछली की वास्तविक स्थिति जानने पूर्व राज्य कर अधिकारी एवं पूर्व लोकसभा प्रत्याशी पोरलाल खर्ते ने जब निरीक्षण किया, तो शिक्षा व्यवस्था की खस्ता हालत सामने आई।
माध्यमिक विद्यालय आछली में सभी शिक्षक उपस्थित मिले और शैक्षणिक स्तर अपेक्षाकृत संतोषजनक पाया गया। विद्यार्थियों ने मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता को भी अच्छा बताया।वहीं, अवाया फल्या आछली की स्थिति चिंताजनक मिली। यहाँ एक भी नियमित शिक्षक पदस्थ नहीं है। विद्यालय केवल अतिथि शिक्षकों के भरोसे संचालित हो रहा है। कक्षा 1 से 5 तक के सभी छात्र दो कमरों में पढ़ने को मजबूर हैं। इन दो कक्षों में भी एक की छत से पानी टपक रहा था, जिससे सभी विद्यार्थी एक ही कक्षा में बैठते पाए गए। भवन की हालत अत्यंत जर्जर है—छत, दीवारें, खिड़कियाँ और प्लास्टर तक क्षतिग्रस्त हैं, जिससे कभी भी दुर्घटना हो सकती है।
स्थानीयों की शिकायतें, जिम्मेदार मौन
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस स्थिति से कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई। हाल की शिक्षक स्थानांतरण प्रक्रिया में भी भेदभाव की बात कही गई, जिसमें कई शिक्षकों को स्थानांतरित तो कर दिया गया, लेकिन उनके स्थान पर नए शिक्षक नहीं भेजे गए।
शिक्षा के नाम पर कागजी वादे
खर्ते ने कहा कि यह स्थिति केवल एक विद्यालय की नहीं, बल्कि पूरे जिले के आदिवासी अंचलों में यही हालात हैं। चाहे आंगनवाड़ी हो या माध्यमिक विद्यालय, सभी जगह व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं। “विकसित भारत” और “स्मार्ट विलेज” की परिकल्पना सिर्फ फाइलों तक सीमित रह गई है।
निरीक्षण के बाद प्रतिनिधियों ने अनुविभागीय अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी से तत्काल सुधारात्मक कार्यवाही की मांग की। निरीक्षण के दौरान सीताराम बर्डे, परसराम सेनानी, बिलौर सिंह पटेल, महेंद्र सेनानी, सुमेश सोलंकी सहित अनेक ग्रामीण व पालक उपस्थित रहे।