आरटीई के तहत प्रवेशित आदिवासी बच्चों से भेदभाव करने एवं उन्हें अन्य विद्यार्थियों के साथ अध्यापन नहीं कराने के मामले में कलेक्टर ने माउंट लिटेरा स्कूल मेरखेड़ी पर 2 लाख रुपये की शास्ति की अधिरोपित

बड़वानी। जिले की अशासकीय शाला माउण्ट लिटेरा स्कूल मेरखेड़ी, विकासखण्ड निवाली द्वारा आरटीई के तहत प्रवेशित आदिवासी बच्चों से भेदभाव करने एवं उन्हें अन्य विद्यार्थियों के साथ अध्यापन नहीं कराने, स्कूल में अलग समय पर कक्षा संचालित कर अलग बैठाकर अध्यापन कराये जाने के संबंध में विगत दिनों विभिन्न समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित हुआ था।
उक्त के संबंध में नायब तहसीलदार निवाली एवं विकासखण्ड स्रोत समन्वयक, जनपद शिक्षा केन्द्र निवाली एवं डीईओ एवं डीपीसी द्वारा गठित पांच सदस्यीय दल द्वारा जांच की गयी। साथ ही अनुविभागीय दण्डाधिकारी, (राजस्व) सेंधवा द्वारा 03 सदस्यीय दल जिसमें मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सेंधवा एवं 02 पटवारियों के द्वारा सेंधवा बाजार में पाठ्यपुस्तक एवं गणवेश विक्रता दुकानों की जांच भी की गयी। जांच में प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर समाचार सही पाया गया। जिसके आधार पर सुश्री काजल जावला मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बड़वानी द्वारा अशासकीय शाला माउण्ट लिटेरा स्कूल मेरखेड़ी, विकासखण्ड निवाली के संचालक को कारण बताओं सूचना पत्र जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा गया था।
स्कूल संचालक द्वारा 31 जुलाई 2025 को अपना जवाब प्रस्तुत किया गया। उनका जवाब समाधान कारक नही होने से प्रभारी कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ सुश्री काजल जावला ने मध्यप्रदेश निजी विद्यालय विधेयक 2017 के नियम 10 (2) के तहत 2 लाख रुपये की अधिशास्ति विद्यालय पर अधिरोपित की है। यह राशि स्कूल संचालक को 15 दिवस के भीतर चालान के माध्यम से जाम कर रसीद जिला शिक्षा अधिकारी बड़वानी को प्रस्तुत करना होगी। यदि निर्धारित समयावधि में उक्त राशि जमा नही की जाती है तो विद्यालय के विरूद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी। जिसकी समस्त जिम्मेदारी विद्यालय प्रशासन की होगी। साथ ही यह शपथ पत्र भी प्रस्तुत करना होगा कि भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृतित नही की जावेगी। अन्यथा प्रशासन उनके विरूद्ध अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम 1989 के अंतर्गत कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र होगा।