सेंधवा में विश्व आदिवासी दिवस पर सांस्कृतिक रौनक, रैली में झलकी परंपराओं की चमक
ढोल की थाप पर थिरके युवा, सेंधवा में आदिवासी दिवस पर उमड़ा जनसैलाब

सेंधवा। शहर में रविवार को विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित रैली में सांस्कृतिक जोश देखने को मिला। पारंपरिक वेशभूषा में रैली निकाली गई, ढोल-नगाड़ों की थाप पर युवा थिरके और एकजुट होकर आदिवासी संस्कृति व एकता को बनाए रखने का संकल्प लिया।
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम का मुख्य आयोजन किले के पीछे स्थित मंडी शेड में हुआ। यहां आम सभा आयोजित की गई, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में विधायक मोंटू सोलंकी मौजूद रहे।
आदिवासी संस्कृति और अधिकारों पर चर्चा
सभा में आदिवासी समाज के बुद्धिजीवी वक्ताओं ने संस्कृति, परंपराओं और अधिकारों पर अपने विचार रखे। विधायक सोलंकी ने संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज अब जागरूक हो चुका है। उन्होंने कहा, “पहले हमें लूटा जाता था, डराया-धमकाया जाता था और झूठे मामलों में फंसाया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। हम संवैधानिक दायरे में रहकर काम करते हैं और चाहते हैं कि प्रशासन भी इसी दायरे में काम करे।” उन्होंने युवाओं से इस जोश और जज्बे को बनाए रखने की अपील की।
ढोल की थाप पर थिरकी रैली
सभा के बाद दोपहर 3.30 बजे पुराना एबी रोड से एक विशाल रैली निकाली गई। इस रैली में 20 से अधिक युवा पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा में शामिल हुए। ढोल-नगाड़ों और साउंड सिस्टम के साथ आदिवासी गीतों पर थिरकते हुए युवाओं ने रैली में ऊर्जा और उत्साह भर दिया।
सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन
रैली पुराना एबी रोड से शुरू होकर, पुराना बस स्टैंड, किला गेट, फोर्ड गार्डन, मोतीबाग चौक से होती हुई वापस पुराना एबी रोड पर पहुंची। इस दौरान आदिवासी समाज की एकता और सांस्कृतिक विरासत का शानदार प्रदर्शन हुआ। जगह-जगह लोगों ने रैली का स्वागत किया।
एकता और संकल्प
आयोजन के अंत में समाज के लोगों ने एकजुट होकर अपनी संस्कृति और परंपराओं को संजोने का संकल्प लिया। इस मौके पर विजय सोलंकी, राहुल सोलंकी, कलम अवाया, परसराम ब्रह्माने, सिलदार सोलंकी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। आयोजन को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा।