सेंधवा में श्रवण हुई शिव-सती विवाह और वीरभद्र द्वारा यज्ञ भंग की कथा
महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण समाज सेंधवा द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा के तीसरे दिवस पर समुद्र मंथन, शिव-सती विवाह और वीरभद्र द्वारा यज्ञ भंग जैसे प्रसंगों का श्रवण कराया गया।

सेंधवा में महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा के तीसरे दिवस पर पंडित आदित्य प्रकाश त्रिपाठी ने समुद्र मंथन, शिव-सती विवाह और माता पार्वती जन्म प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
समुद्र मंथन का प्रसंग
सेंधवा में महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण समाज द्वारा शिव महापुराण कथा के तीसरे दिवस की कथा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर परम श्रधेय पंडित आदित्य प्रकाश त्रिपाठी ने समुद्र मंथन प्रसंग का अत्यंत प्रभावशाली वर्णन किया। उन्होंने बताया कि मंथन से निकले हलाहल विष का पान शिवजी ने लोककल्याण के लिए किया और नीलकंठ कहलाए। पंडित त्रिपाठी ने कहा कि संसार में यदि हमें भी कड़वे शब्द सुनने को मिलें तो सहनशील रहते हुए स्वीकार करना चाहिए, क्योंकि उसका परिणाम अंततः अमृत समान होता है।
सृष्टि और शिव-सती विवाह
कथा में ब्रह्मा द्वारा सृष्टि रचना और दक्ष प्रजापति द्वारा जगत जननी को पुत्री रूप में प्राप्त करने का प्रसंग विस्तार से सुनाया गया। इसके पश्चात माता सती का प्राकट्य और शिव-सती विवाह की अप्रतिम कथा ने श्रद्धालुओं को गहन आनंद की अनुभूति कराई।
वीरभद्र द्वारा यज्ञ भंग
दक्ष प्रजापति द्वारा शिव का अपमान और सती का योगाग्नि में देह त्याग, तत्पश्चात वीरभद्र द्वारा यज्ञ भंग का प्रसंग पंडित त्रिपाठी ने मार्मिकता से प्रस्तुत किया। कथा श्रवण से उपस्थित जनमानस भावविभोर हो उठा।
पार्वती जन्म और बालिका पूजन
अगले जन्म में सती का हिमाचल के घर पार्वती के रूप में जन्म होने की कथा का गूढ़ अर्थ भी श्रोताओं तक सरलता से पहुँचाया गया। इस अवसर पर समाज की छोटी बालिका उदिता भूषण दर्शे को माता पार्वती का स्वरूप मानकर पूजन किया गया और आशीर्वाद प्राप्त किया गया।
आयोजन और स्वागत
कार्यक्रम में पंडित आदित्य प्रकाश त्रिपाठी का स्वागत समाजजनों ने किया। मातृशक्ति महिला मंडल की अंतिम बाला शर्मा, रेनू भार्गव, महिला मंडल अध्यक्ष जोशना अग्रवाल सहित समस्त कार्यकारिणी उपस्थित रही। पत्रकार निर्मल वर्मा, मंजुला शर्मा, गिरीश त्रिवेदी और महिला मंडल के सदस्य भी मौजूद रहे। संचालन अध्यक्ष सुप्रिया वैद्य और किरण गोरे ने किया।